महाराष्ट्र के संस्कृति मंत्री विनोद तावड़े ने बुधवार को कहा कि दिग्गज संगीत निर्देशक उषा खन्ना को 2019-2020 के लिए महाराष्ट्र सरकार के 'लता मंगेशकर पुरस्कार' से सम्मानित किया जाएगा।
इस पुरस्कार के तहत 5,00,000 रुपये नकद व एक मोमेंटो दिया जाता है। यह 78 वर्षीय खन्ना को बाद में दिए जाएंगे।
इस पुरस्कार की स्थापना राज्य सरकार ने 1993 में की थी और अब तक इसे कृष्णा काले, राम-लक्ष्मण, उत्तम सिंह, पुष्पा पगधारे और अन्य हस्तियों को दिया जा चुका है।
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भारतीय फिल्म उद्योग की शुरुआती और चुनिंदा महिला संगीत निर्देशकों में शामिल खन्ना ने 150 हिन्दी फिल्मों के अलावा दक्षिण भारतीय फिल्म उद्योग की भी कुछ फिल्मों के लिए संगीत दिया है और इस पुरुष प्रधान क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है।
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बॉलीवुड में उन्होंने अपने करियर की शुरुआत किशोरावस्था में की थी और उन्होंने पहली बार आशा पारेख की पहली फिल्म 'दिल देके देखो' (1959) के लिए सुपरहिट गीतों की रचना की और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
उन्होंने फिल्म दादा (1997) के गीत 'दिल के टुकड़े-टुकड़े कर के' को संगीतबद्ध किया था, जिसके लिए येसुदास को फिल्मफेयर पुरस्कार मिला था।