हाई ऑक्टेन एक्शन से सिद्धांत चतुर्वेदी ने जीता दिल, जानें कितनी दिलचस्प है 'युध्रा' की कहानी

सिद्धांत चतुर्वेदी और राघव जुयाल एक बार फिर बड़े पर्दे पर फिल्म 'युध्रा' के साथ वापसी कर रहे हैं। एक्शन, रोमांस, फाइट सीन और एक दमदार कहानी के साथ इस फिल्म में बहुत कुछ है, तो चलिए जानते हैं पूरा रिव्यू।

Sakshi Verma 20 Sep 2024, 15:06:07 IST
मूवी रिव्यू:: युध्रा
Critics Rating: 3.5 / 5
पर्दे पर: 20.09.2024
कलाकार:
डायरेक्टर: रवि उदयवार
शैली: एक्शन थ्रिलर
संगीत: ...............

सिद्धांत चतुर्वेदी के अनदेखे अवतार को दिखाने वाली 'युध्रा' आज बड़े पर्दे पर रिलीज हो गई है। फिल्म में 'किल' के बाद राघव जुग्याल एक बार फिर एक किलर विलेन की भूमिका में नजर आ रहे हैं। निखत के रूप में मालविका मोहनन प्रभावशाली हैं। अभिनेताओं का काम गहरा प्रभाव छोड़ रहा है। 'युध्रा' का निर्देशन रवि उदयवार ने किया है, जिन्होंने दिवंगत अभिनेत्री श्रीदेवी की आखिरी फिल्म 'मॉम' का निर्देशन किया था। फिल्म निर्माता ने कुछ बेहतरीन एक्शन दृश्यों के साथ एक पूर्वानुमानित लेकिन अच्छी तरह से निर्देशित फिल्म पेश की है। 'युध्रा' की कहानी और और रिव्यू के बारे में जानने के लिए आगे पढ़ें।

कहानी 

फिल्म का नायक युध्रा (सिद्धांत चतुर्वेदी) है, जिसके माता-पिता की हत्या तब हो जाती है जब उसके पिता एक सख्त पुलिसकर्मी फिरोज (राज अर्जुन) नामक एक गैंगस्टर और ड्रग लॉर्ड के ड्रग डीलर का भंडाफोड़ करते हैं। उसे रहमान (राम कपूर) द्वारा प्रशिक्षित किया जाता है, जो उसके दिवंगत पिता का करीबी दोस्त और सहयोगी है और उसे गजराज राव द्वारा गोद लिया जाता है, जो एक पूर्व पुलिस अधिकारी से राजनेता बन गया है। युध्रा का स्वभाव आक्रामक और हिंसक है, यही उसकी सबसे बड़ी समस्या है। निखत (मालविका मोहनन) युध्रा के बचपन की दोस्त और लव इंट्रेस्ट भी है। युध्रा का गुस्सा उनकी दोस्ती खराब कर रहा है। गुसे के चलते वो एनसीटीए में अपनी नौकरी भी खो देता है। रहमान युध्रा को फिरोज और उसके पिता (फिरोज के बॉस) को मारने वाले व्यक्ति को खोजने के लिए एक अंडरकवर असाइनमेंट देता है, ताकि वह अपना गुस्सा निकाल सके। इसलिए युध्रा को पुलिस के विश्वसनीय सहायक के रूप में प्रस्तुत करते हुए मादक पदार्थों के नेटवर्क को ध्वस्त करने में पुलिस की सहायता करने की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जाती है।

अभिनय

मुख्य किरदार सिद्धांत चतुर्वेदी की बात करें तो युध्रा में अपनी पहली एंट्री से ही, वह दर्शकों को एक ऐसी क्रूरता से जकड़ लेते हैं जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। रवि उदयवार द्वारा निर्देशित इस हाई-ऑक्टेन थ्रिलर में गली बॉय अभिनेता युध्रा की भूमिका में हैं, जो एक योद्धा है जो न केवल अंडरवर्ल्ड ड्रग सिंडिकेट से लड़ता है बल्कि अपने भीतर के राक्षसों से भी लड़ता है। हर लड़ाई के सीक्वेंस को सटी तरीके से अंजाम दिया गया है। हर पल पिछले पल से ज्यादा दिल दहलाने वाला है। इस रोल ने न सिर्फ उनकी एक्शन हीरो वाली छवि दिखाई है बल्कि उनको एक भावनात्मक रूप भी दिया है। 

फिल्म में मालविका मोहनन, गजराज राव और राघव जुयाल सहित कई बेहतरीन सहायक कलाकार हैं। सिद्धांत चतुर्वेदी स्क्रीन पर छाए हुए हैं, जो धैर्य और दृढ़ संकल्प के स्तर को दर्शाते हैं। वो पूरी तरह से नए अवतार में हैं और उन्होंने अपने काम को एक लेवल और अप किया है। 'किल' के बाद राघव खलनायक की भूमिका में और भी सहज लगते हैं। जहां फिल्म में मालविका के कुछ क्षण हैं, वहीं राघव अपने किरदार से बाहर नहीं निकलते और अपने अभिनय को प्रभावशाली बनाते हैं।

निर्देशन

निर्देशक रवि उदयवार ने कहानी को तेजी से आगे बढ़ाया है। इसमें कुछ बेहतरीन एक्शन सीन शामिल हैं। एक्शन सीन कमाल के हैं। सिनेमैटोग्राफी इस फिल्म की जान है, जिसमें कई सीन खूबसूरती से शूट किए गए हैं। एक्शन पूरी तरह से नए स्टाइल का है। खास बात यह है कि फिल्म में न केवल एक्शन है, बल्कि प्यार, थोड़ी कॉमेडी और सीटी बजाने लायक कई डायलॉग भी हैं। फिल्म का संगीत शानदार और आकर्षक है। राघव के साथ सिद्धांत ने फिल्म में कुछ बेहतरीन डांस मूव्स दिखाए हैं।

फिर भी ड्रग रैकेट की कहानी की खामी पहले हाफ में मुख्य समस्या है। कुछ जगहों पर ड्रग का धंधा चलाते हुए युध्रा का डबल एजेंट का किरदार बेतुका और अनुचित लगता है। सस्पेंस भरा पहला हाफ रोमांचक दूसरे हाफ के लिए तैयार है। हालांकि, बेहतरीन सिनेमैटोग्राफी ने नाव को डूबने से बचा लिया है। बैकग्राउंड म्यूजिक आकर्षक है, खासकर जब राघव जुयाल की एंट्री होती है। 

आखिर कैसी है फिल्म

कुल मिलाकर युध्रा उन लोगों के लिए है जिन्हें एक्शन फिल्में पसंद हैं। 'किल' इस बात का प्रमाण है कि भारतीय दर्शकों में एक्शन फिल्मों के लिए भूख है और ऐसा लगता है कि निर्देशक रवि उदयवार, निर्माता फरहान अख्तर और रितेश सिधवानी एक बार फिर इस क्षेत्र में अपना जलवा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। अधिकतम स्क्रीन स्पेस वाले सिद्धांत पूरी तरह से फिल्म में छाए हुए हैं और उनके अनोखे डांस मूव्स और ऑन-पॉइंट एक्शन सीन दर्शकों को पसंद आ सकते हैं। कुल मिलाकर फिल्म की कहानी में कुछ खामियां हैं, लेकिन रवि ने उन्हें कवर कर लिया है और फिल्म पूरी तरह से चमकती है। 3.5 स्टार की हकदार युध्रा आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है।