Stree Movie Review: सस्पेंस से भरपूर हॉरर-कॉमेडी फिल्म 'स्त्री' में शानदार एक्टिंग का दम
हॉरर फ़िल्में आपने बहुत देखी होंगी, लेकिन राजकुमार राव और श्रद्धा कपूर की हॉरर कॉमडी फ़िल्म स्त्री बिलकुल अलग है, ये जितना आपको हँसाएगी उतना ही आपको चौंकाएगी भी, इस फ़िल्म में ससपेंस है, ड्रामा है और ख़ूब सारा एंटर्टेन्मेंट है।
Stree Movie Review: हॉरर फ़िल्में आपने बहुत देखी होंगी, लेकिन राजकुमार राव और श्रद्धा कपूर की हॉरर कॉमडी फ़िल्म स्त्री बिलकुल अलग है, ये जितना आपको हँसाएगी उतना ही आपको चौंकाएगी भी, इस फ़िल्म में ससपेंस है, ड्रामा है और ख़ूब सारा एंटर्टेन्मेंट है।
ये फ़िल्म मध्य प्रदेश के चन्देरी गाँव की है, जहाँ एक स्त्री का का आतंक है, उसका सिर्फ़ नाम स्त्री है लेकिन वो एक चुड़ैल है, जो गांव में 4 दिन की पूजा के दौरान आती है, और पुरुषों को उठा ले जाती है, और पीछे सिर्फ उनके कपड़े छोड़ जाती है। लोगों के मन में उसके लिए खूब डर है। डर की वजह से लोगों ने अपने घर के बाहर लिख रखा है- 'ओ स्त्री कल आना'।
फिल्म में विक्की (राजकुमार राव) चंदेरी के मनीष मल्होत्रा हैं, यानी कि एक ऐसा टेलर जिसके हाथों में जादू है, गांव की हर औरत के कपड़े वो ही सिलता है। पूजा के दौरान उसकी मुलाकात एक रहस्यमयी लड़की से होती है, उसे उस लड़की का नाम भी नहीं पता लेकिन वो उसके प्यार में पड़ जाता है। उसके दोस्तों बिट्टू(अपारशक्ति खुराना) और दाना (अभिषेक बनर्जी) को लगने लगता है कि उसके दोस्त की गर्लफ्रेंड ही स्त्री है। इस बीच दाना भी गायब हो जाता है, अब सबका शक श्रद्धा कपूर के किरदार पर ही जाता है। कौन है वो स्त्री, क्या वो विक्की की गर्लफ्रेंड ही है या कोई और... अगर कोई और है तो ये लड़की कौन है जो सिर्फ पूजा के दौरान ही गांव में आती है और चली जाती है।
इस फ़िल्म में राजकुमार राव, पंकज त्रिपाठी, श्रद्धा कपूर और अपारशक्ति खुराना जैसे कलाकार हैं, हर किसी ने बेहतरीन ऐक्टिंग की है, लेकिन राजकुमार राव ने विक्की नाम के टेलर के किरदार में जान डाल दी है। छोटे शहर के लड़के की चाल-ढाल और बोलचाल को राजकुमार राव ने बेहतरीन तरीके से दर्शाया है। विक्की के दौस्त बने अभिषेक बनर्जी और अपारशक्ति खुराना कमाल के लगे हैं, इसके अलावा पंकज त्रिपाठी ने अपने डायलॉग्स से दिल जीत लिया है। वो फिल्म में शुद्ध हिंदी बोलने वाले लाइब्रेरियन के रोल में हैं और जब-जब सीन में आते हैं आप हंसे बिना नहीं रुक सकते हैं। इसके अलावा राजकुमार राव के पिता के रोल में अतुल श्रीवास्तव ने भी छोटा लेकिन बेहतरीन अभिनय किया है। जिस तरह वो अपने बेटे को सेक्स एजुकेशन देते हैं आप हंसे बिना नहीं रह पाएंगे। इस गांव में फ्रेंडशिप का जो मतलब होता है उसे जानकर आप पेट पकड़कर हंसने लगेंगे। फिल्म में श्रद्धा कपूर बाकी सितारों के आगे थोड़ी फीकी लगती हैं, लेकिन उन्हें दिखाया गया है कि वो कहीं बाहर से आई हैं इसलिए ये कमी भी छिप जाती है।
'स्त्री' फिल्म आपको बांधकर रखेगी, चौंकाएगी और खूब हंसाएगी। सुमित अरोड़ा ने फिल्म के डायलॉग लिखे हैं और 'आधार लिंक' जैसे वन लाइनर आपको खूब हंसाएंगे। इनके अलावा फिल्म में गांव को जिस तरह से दिखाया गया है आपको भी अपना गांव याद आ जाएगा, नीले पुते हुए घर, खिड़कियाों और छत से लेकर कपड़े और भाषा का पूरी तरह ध्यान रखा गया है। सचिन-जिगर का म्यूजिक अच्छा है, कुल मिलाकर यह फिल्म आपको बांधे रखेगी।
फिल्म कहीं-कहीं प्रिडिक्टिबल है, लेकिन आपको मजा आएगा। फिल्म का अंत भी आपको चौंकाएगा। तो अगर इस वीकेंड आप दोस्तों के साथ एन्जॉय करना चाहते हैं 'स्त्री' देख सकते हैं।