रॉय
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फिल्म की कहानी क्या है -
कबीर ग्रेवाल (अर्जुन रामपाल) एक फिल्मकार है जिसका 22 लड़कियों के साथ अफेयर रह चुका है। मलेशिया में फिल्म की शूटिंग के दौरान उसकी मुलाकात लंदन में रहने वाली फिल्म मेकर आयशा आमिर (जैकलीन फर्नांडिस) से होती है। रॉय (रणबीर कपूर) एक मशहूर चोर है जिससे प्रेरित होकर कबीर फिल्म बनाता है। कबीर और आयशा एक-दूसरे के करीब आ जाते हैं और आयशा के जरिये कबीर अपनी कहानी आगे बढ़ाता है। रील लाइफ और रियल लाइफ के किरदार आपस में उलझ जाते हैं और मामला किस तरह जटिल हो जाता है, फिल्म रॉय आपके सामने रखती है।
फिल्म क्यों नहीं चल सकती-
रॉय एक रोमांस-थ्रिलर फिल्म की बजाय एक इमोशनल ड्रामा है जिसकी रफ्तार इतनी सुस्त है कि कभी भी झपकी लग सकती है। फिल्म का एक किरदार कहता है कि यदि कहानी आगे नहीं बढ़ रही हो तो उसे वही खत्म कर देना चाहिए। अफसोस की बात यह है कि अपनी फिल्म के जरिये यह बात कहने वाले फिल्मकार ने खुद की बात को गंभीरता से नहीं लिया है।
यह फिल्म कबीर और आयशा की कन्फ्यूज़्ड प्रेम कहानी में परिवर्तित हो जाती है जिसका ट्रीटमेंट बहुत ही ठंडा है। कबीर के प्रति आयशा का आकर्षित होने और रुठने को ठीक से पेश नहीं किया गया है। कबीर और उसके पिता के बीच के दृश्य भी फिजूल हैं और इनका मुख्य कहानी से कोई संबंध नहीं है। रॉय का पेंटिंग चुराने वाला प्रसंग बहुत ही सतही है। फिल्म के जरिये क्या कहने की कोशिश की जा रही है, समझ पाना बहुत मुश्किल है।
अभिनय के मामले अर्जुन रामपाल अपने लुक से प्रभावित करते हैं, एक्टिंग से नहीं। जैकलीन फर्नांडिस एक भूमिका तो ठीक से कर नहीं पाती हैं, ऐसे में दोहरी भूमिका उन्हें सौंपना उनके नाजुक कंधों पर बहुत भारी भार रखने के समान है। रणबीर कपूर का रोल छोटा है जिसे पूरी फिल्म में फैलाया गया है।
फिल्म के कुछ संवाद अच्छे हैं, लेकिन एक फिल्म को देखने के लिए ये काफी नहीं हैं।