पार्च्ड
Parched Film Review starringTannishtha Chatterjee, Radhika Apte, Surveen Chawla, Lehar Khan
अजय देवगन के बैनर तले बनी फिल्म 'पार्च्ड' शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। फिल्म में राधिका आप्टे, सुरवीन चावला, तनिष्ठा चटर्जी, लहर खान मुख्य किरदारों में नजर आई हैं। इस फिल्म को अब तक दुनियाभर में हुए सभी फिल्म फेस्टिवल्स में दिखाया जा चुका है। इसे दर्शकों से खूब प्रशंसा भी हासिल हुई है। फिल्म में दिखाए गए बोल्ड सीन्स पहले ही काफी सुर्खियां बटोर चुके हैं। राधिका आप्टे और आदिल हुसैन के बीच फिल्माया गया न्यूड काफी चर्चा का कारण बना हुआ था। .
कहानी:-
फिल्म की कहानी गुजरात के कच्छ इलाके में रहने वाली 4 महिलाओं रानी (तनिष्ठा चटर्जी), लाजो (राधिका आप्टे), बिजली (सुरवीन चावला) और जानकी (लहर खान) के इर्द-गिर्द घूमती है। रानी एक विधवा महिला है जिसकी शादीशुदा जिंदगी काफी कष्टों में बिती है। वह अपने 17 साल के बेटे गुलाब की शादी जानकी से करवाने के बाद सोचती है कि अब उसके जीवन के दुख कुछ कम हो जाएंगे। लेकिन 15 साल की जानकी पढ़ना चाहती है और शादी से खुद बचाने के लिए वह अपने बाल काट देती है। रानी की सहेली लाजो की जिंदगी भी कष्टों से भरी हुई है। वह एक अशिक्षित महिला है और कम उम्र में उसकी शादी हो जाती है। उसे लगता है कि उसके जीवन का एकमात्र उद्देश्य अपने पति को एक बच्चा देना है। बाद में उसे पता चलता है कि वह बांझ है। वह इस बात से परेशान हो जाती है और उसे अपना जीवन बेकार लगने लगता है। इन दोनों की एक और सहेली है बिजली जो एक वेश्या है। इनकी कहानी समाज के एक हिस्से की उस सोच की ओर इशारा करती है जहां औरतें कोई फैसला नहीं ले सकतीं। जहां आज भी उन्हें मर्दों की उंगलियों पर नाचना पड़ता है। लेकिन यह चारों इतने कष्टों के बाद भी सपने देखती हैं। इतनी मुसीबतों के बीच ये चारों किस तरह अपनी खुशियां ढूंढती हैं? किस तरह ये मर्दों की सत्ता के विरोध में आती हैं? ऐसे ही कई सवालों के जवाब को जानने के लिए आपको सिनेमाघरों का रुख करना होगा।
अभिनय:-
फिल्म में राधिका, तनिष्ठा और सुरवीन ने अपने-अपने किरदारों को बखूबी पर्दे पर पेश किया है। वहीं लहर खान भी एक बहू की भूमिका में काफी अच्छी नजर आई हैं। राधिका का बोल्ड वाकई काफी दमदार था। इसके लिए उन्होंने बेहद साहस दिखाया है।
निर्देशन:-
लीना यादव के निर्देशन में बनी इस फिल्म में उन्होंने बेहद शानदार तरीके से समाज के अहम मुद्दों को पर्दे पर उतारा है। उनकी पिछली फिल्में 'शब्द' और 'तीन पत्ती' पर उनकी यह फिल्म काफी भारी पड़ी है। यह फिल्म दर्शकों को अंत तक बांधे रखती है।
क्यों देखें:-
अगर बेहतरीन अभिनय, कहानी और गंभीर मुद्दों पर बनी फिल्मे देखने के शौकीन हैं तो यह फिल्म देख सकते हैं। इसके सीन में आप बोर महसूस नहीं होंगे। इस फिल्म ने अब होने वाले सभी फिल्म फेस्टिवल में सराहना ही बटोरी है।