Neeyat Review: 4 साल बाद हुआ विद्या बालन का दमदार कमबैक, जानिए कैसी है फिल्म 'नीयत'
Neeyat Review: विद्या बालन 4 साल के बाद बड़े पर्दे पर वापस आ चुकी हैं। उनकी फिल्म 'नीयत' आज 7 जुलाई को सिनेमाघरों में दस्तक दे चुकी है। जानिए कैसी है ये फिल्म...
Neeyat Review: पूरे 4 साल के बाद विद्या बालन अपनी फिल्म 'नीयत' के साथ बड़े पर्दे पर दस्तक दे रही हैं। फिल्म की निर्देशक अनु मेनन हैं, जिनके साथ विद्या ने इससे पहले ओटीटी रिलीज 'शकुंतला देवी' में काम किया था। वहीं आज 7 जुलाई को उनकी फिल्म 'नीयत' रिलीज हो चुकी है। एक मर्डर मिस्ट्री है जिसमें उनके साथ राम कपूर, नीरज कबी, राहुल बोस, शहाना गोस्वामी, अमृता पुरी, दीपानिता शर्मा, प्राजक्ता कोहली हैं।
कैसी है फिल्म की कहानी
यह एक सस्पेंस-थ्रिलर फिल्म है, जहां मीरा राव ( विद्या बालन) एक इन्वेस्टिगेटर का किरदार निभाती है, जो कि एक अरबपति आशीष कपूर (राम कपूर) के जन्मदिन की पार्टी में शामिल होती है। आशीष कपूर पर 20 हजार करोड़ रुपए लेकर फरार होने का आरोप है और अपने कर्मचारियों को पिछले 2 साल से इन्होंने सैलरी तक नहीं दी है। मगर स्कॉटलैंड के एक आलीशान महल में आशीष कपूर अपने जन्मदिन की पार्टी दे रहा है। यहां बहुत से मेहमान हैं, कुछ रिश्तों में है कुछ रिश्तों के परे। हर किसी के चेहरे पर एक मुखौटा है। जहां कोई भी वैसा नहीं होता जैसा वे दिखते हैं और हर किसी के पास एक रहस्य है। ऐसे में अचानक आशीष कपूर की मौत हो जाती है, अब यह मौत मर्डर है या सुसाइड... सवालिया निशान यहां पर है। मगर बात यहां खत्म नहीं होती एक के बाद एक इस किले में रहस्यमयी मौतें होती है और इसकी जांच बहुत ही शातिर अंदाज में मीरा राव करती हैं।
क्या है बेहतरीन
- विद्या बालन किसी भी फिल्म में एक सच्चाई और विश्वास लेकर आती हैं, जिसके लोग दीवाने हैं। विद्या को 4 साल के बाद बड़े पर्दे पर देखने की उत्सुकता रहेगी।
- सीबीआई ऑफिसर मीरा राव के किरदार में विद्या बालन एक तरफ काफी इंटेलिजेंट लगी हैं, वहीं दूसरी तरफ उनका बाहरी अपीयरेंस बहुत ही कमजोर और डरपोक किस्म का दिखाया गया है... मगर उसकी एक वजह है जो आपको फिल्म के अंत में पता चलेगी जहां एक और सरप्राइज आपका इंतजार करेगी।
- बैकग्राउंड म्यूजिक अच्छा है
- कासल का सेटअप इस तरह की कहानी के लिए बेहतरीन
फिल्म की कमजोर कड़ी
- मर्डर मिस्ट्री में मर्डर का इंतजार लंबा रहा।
- मर्डर मिस्ट्री उलझी हुई होती है जिसे सुलझाने में मजा आता है और एक पॉइंट के बाद दर्शक उसका हिस्सा भी बन जाते हैं। कहानी का बयान ए अंदाज शायद दर्शकों तक पहुंच ना पाए।
- फर्स्ट हाफ बेहद स्लो और सेकंड हाफ जल्दबाजी का शिकार।
- इस तरह की कहानी में सभी किरदार से सशक्त होने चाहिए मगर यहां कमजोर कड़ियां बहुत है।
- नीयत के करीब-करीब सभी कलाकार मंझे हुए हैं और अपनी परफॉर्मेंस के लिए जाने जाते हैं जैसे राम कपूर, राहुल बोस, निकी वालिया, नीरज कबी, शाहाना गोस्वामी मगर यहां सभी कमजोर कहानी के शिकार हुए।