Movie Review: प्यार, धोखा और सस्पेंस से भरपूर, फिर भी निराश करती है अजय देवगन की फिल्म 'बादशाहो'
मिलन लुथरिया एक बार फिर अपने पसंदीदा अभिनेता अजय देवगन और इमरान हाशमी को लेकर 'बादशाहो' के साथ हाजिर हैं। इनका साथ दिया है इलियाना डिक्रूज, विद्युत जामवाल, ईशा
मिलन लुथरिया एक बार फिर अपने पसंदीदा अभिनेता अजय देवगन और इमरान हाशमी को लेकर 'बादशाहो' के साथ हाजिर हैं। इनका साथ दिया है इलियाना डिक्रूज, विद्युत जामवाल, ईशा गुप्ता और संजय मिश्रा ने। यह फिल्म इमरजेंसी के दौर की है, जब देश में राजनीतिक अशांति का माहौल है।
कहानी- ये कहानी राजस्थान की है, जहां जयपुर की महारानी गीतांजलि (इलियाना डिक्रूज) रहती है। पिता की मौत के बाद उसके पास लाखों का खजाना है, मगर इमरजेंसी लगने के बाद सरकार उस खजाने को सीज करके गीतांजलि को जेल में डाल देती है। सरकार खजाने को दिल्ली भेजने की तैयारी करती है। उधर गीतांजलि मदद के लिए अपने बॉडीगार्ड भवानी सिंह (अजय देवगन) को बुलाती है। भवानी कहने को तो गीतांजलि का बॉडीगार्ड है मगर दोनों एक-दूसरे से प्रेम करते हैं। भवानी के खून में वफादारी है और वो गीतांजलि के लिए कुछ भी करने को तैयार है। उधर सरकार इस खजाने को दिल्ली पहुंचाने का जिम्मा आर्मी ऑफिसर सहर सिंह (विद्युत जामवाल) को देती है। सहर खजाने को एक ट्रक में लेकर दिल्ली निकलता है और उधर भवानी सिंह अपने साथियों दलिया (इमरान हाशमी), गुरु जी (संजय मिश्र) और संजना (ईशा गुप्ता) के साथ ट्रक को रोकने के मिशन पर निकलता है। इस खतरनाक मिशन में एक के बाद एक कई ट्विस्ट आत हैं। कुछ राज़ भी आगे जाकर खुलते हैं। ये फिल्म प्यार, धोखा और चोरी की है। आगे क्या होता है वो हम आपको यहां नहीं बता सकते हैं, फिल्म में कुछ सस्पेंस है जिसके लिए आपको सिनेमाहॉल का रुख करना पड़ेगा।
खूबियां- फिल्म में इमरान हाशमी और संजय मिश्र की जुगलबंदी और वन लाइनर आपको हंसाएंगे। फिल्म के सस्पेंस और एक्शन आपको बोर नहीं करने देंगे। इंटरवल ऐसे प्वाइंट पर होता है कि आप सोचते हैं कब इंटरवल खत्म हो और आगे की कहानी शुरू हो। फिल्म की सिनेमेटोग्राफी और कैमरा वर्क अच्छा है। फिल्म के डायरेक्शन की कमान मिलन लुथरिया के हाथ में थी, निर्देशन कसा हुआ है।
कमियां- फिल्म इमरजेंसी के वक्त की है, मगर कलाकारों के कपड़े कहीं से भी उस दौर के नहीं लगते, इसपर और रिसर्च की जरूरत थी। अजय देवगन और इमरान हाशमी जिस तरह राजस्थानी बोलते हैं वो अखरता है।
अभिनय- एक्टिंग की बात करे तो फिल्म में एक से बढ़कर एक सितारे हैं, मगर अजय, इमरान और संजय मिश्र जैसे सितारे हों तो उम्मीद काफी बढ़ जाती है। फिल्म में अभिनय तो सबने ठीक किया, मगर अजय देवगन का किरदार बहुत मजबूत नहीं लिखा गया था। अजय पहले भी इस तरह के रोल में दिख चुके हैं। इलियाना डिक्रूज के पास करने को काफी कुछ था, लेकिन वो उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पाईं, हालांकि वो फिल्म में सुंदर जरूर लगी हैं। इमरान हाशमी अच्छे लगे हैं, संजय मिश्र ने भी अच्छा अभिनय किया है। विद्युत जामवाल आर्मीमैन की भूमिका में जंचते हैं, ईशा गुप्ता ठीक लगी हैं।
म्यूजिक- फिल्म का म्यूजिक अच्छा है। 'रश्के कमर' गाना पहले ही हिट हो चुका है। फिल्म में इस्तेमाल फोक सॉन्ग ‘चोर आवेगा’ भी ठीक ठाक है।
देखें या नहीं- फिल्म में एक्शन है, सस्पेंस हैं और बड़े सितारे हैं इसलिए ये फिल्म एक बार देखी जा सकती है। फिल्म कहीं आपको बोर नहीं करेगी। मगर ऐसा कुछ खास नहीं है कि इसे देखा ही जाए।
स्टार रेटिंग- इस फिल्म को मैं ढाई स्टार दूंगी।
-ज्योति जायसवाल