एम.एस.धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी
M.S. Dhoni: The Untold Story Film review starring Sushant Singh Rajput, Kiara Advani, Disha Patani and Anupam Kher
सुशांत सिंह राजपूत के अभिनय से सजी फिल्म 'एम.एस.धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी' शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। दर्शकों को फिल्म की रिलीज का बेसब्री से इंतजार था। यह भारतीय क्रिकेट स्टार महेन्द्र सिंह धोनी के जीवन पर आधारित है। फिल्म में सुशांत, धोनी के किरदार को पर्दे पर उतारते हुए नजर आ रहे हैं। फिल्म में उनके अलावा दिशा पटानी, कियारा आडवाणी, अनुपम खेर और भूमिका चावला भी अहम किरदार निभाते हुए नजर आए हैं। वैसे तो धोनी के फैंस उनसे जुड़ी कई अहम बातों के बारे में जानते होंगे, लेकिन इस फिल्म में उनकी जिंदगी में आए उन पड़ावों को भी बखूबी पेश किया गया है जिनके बारे में न तो फैंस जानते हैं और न ही धोनी ने कभी इस बारे में कोई ज़िक्र किया।
कहानी:-
फिल्म की कहानी शुरु होती है 2011 में खेले जा रहे वर्ल्ड कप मैच से। तभी भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ड्रेसिंग रूम में बैठे यह फैसले लेते हैं कि युवराज सिंह की जगह वह बल्लेबाजी करने जाएंगे। इसके बाद कहानी सीधे 30 साल पीछे 7 जुलाई 1981 में चली जाती है जब रांची के अस्पताल में पान सिंह धोनी (अनुपम खेर) के यहां महेन्द्र सिंह धोनी (सुशांत सिंह राजपूत) का जन्म होता है। इसके बाद धोनी बड़े होने लगते हैं, वह अपने स्कूल में फुटबॉल खेलते हैं। लेकिन फुटबॉल खेलते हुए कैसे धोनी का रुझान क्रिकेट की ओर जाता है यह फिल्म में बखूबी दिखाया गया है। इसके बाद धोनी स्कूल के बाद अपने क्रिकेट की प्रैक्टिस के लिए चले जाते थे और अपने कोच (राजेश शर्मा) की मदद से ग्राउंड में कड़ी मेहनत करते थे। धोनी के परिवार की आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं होती। उनके पिता पान सिंह धोनी चाहते हैं कि वह रेलवे में नौकरी करें। पिता की बात मानकर वह रेलवे में टीटी तो बन जाते हैं, लेकिन क्रिकेट के लिए उनका जुनून हर दिन बढ़ता ही जाता है। इस बीच नौकरी के साथ वह कैसे अपने क्रिकेट का अभ्यास जारी रखते हैं, इसे फिल्म में काफी शानदार तरीके से पेश किया गया है। फिर एक दिन धोनी इन सबसे परेशान होकर नौकरी छोड़ देते हैं। इससे उनके पिता को दुख तो जरूर होता है, लेकिन वह धोनी को जिंदगी में आगे बढ़ने की हिम्मत देते हैं। इस दौरान रांची से दिल्ली तक का उनका सफर, प्रियंका (दिशा पटानी) से प्यार और फिर साक्षी (कियारा आडवाणी) के साथ शादी को काफी रोमांचक तरीके से पेश किया गया है। फिल्म देखते हुए कई जगहों पर नम भी जाती हैं।
अभिनय:-
फिल्म में सुशांत ने धोनी के किरदार को इतना बेहतरीन तरीके से निभाया है रकि उन्हें देखकर कह सकते हैं कि धोनी की ही छवि सामने हो। उन्होंने न सिर्फ धोनी के लुक को अपनाया है बल्कि उनके स्टाइल और बोल-चाल के तरीके को भी शानदार ढंग से पेश किया है। सुशांत ने धोनी के संवाद बोलने के अंदाज को भी अपने भीतर ढाल लिया है। धोनी की हर छोटी से छोटी चीज को उन्होंने दर्शाने की कोशिश की है। जैसे शॉट मारने के बाद जिस तरह से धोनी बॉल बाउंडरी के पार होते हुए देखते हैं। नहीं दूसरी तरफ अनुपम खेर ने एक बार फिर अपनी शानदार अदाकारी से दर्शकों को लुभाया है। दिशा पटानी और कियारा आडवाणी का किरदार कुछ खास नहीं था, लेकिन जितना भी था दोनों ही उसमें खरी उतरी हैं।
निर्देशन:-
नीरज पांडे ने धोनी से जुड़ी बात को फिल्म में उतारने की कोशिश की है। उन्होंने धोनी के स्टार से बनने से पहले की कहानी को बेहद रोमांचक ढंग से दर्शाया है। उन्होंने इतनी सरलता और बेहतरीन तरीके से कहानी को पेश किया है कि जो लोग क्रिकेट देखना नहीं पसंद करते उन्हें भी यह काफी अच्छी लगेगी। हालांकि फिल्म काफी लंबी है, लेकिन फिर भी यह अंत तक दर्शकों को अपने साथ बांधे रखती है।
क्यों देखें:-
यह फिल्म न सिर्फ धोनी के फैंस के लिए बल्कि सभी के लिए है। यह फिल्म लोगों के लिए प्रेरणा के रूप में सामने आई है। यह देखना काफी दिलचस्प होगी कि किस तरह से एक छोटे शहर का लड़का अपनी मेहनत, लग्न और जुनून के दम पर अपनी मंज़िल को पाने में कामयाब रहा। इसमें रोमांस, इमोशन्स और जोश के साथ-साथ ढ़ेर सारा मनोरंजन देखने को मिलता है। इस वीकेंड सुशांत के शानदार अभिनय से सजी इस फिल्म को देखना काफी रोचक साबित होगा यह फिल्म कहीं भी आपको निराश नहीं करेगी।