Kuttey Movie Review: दमदार एक्टर, दमदार म्यूजिक, लेकिन फ़िल्म देखकर कहेंगे- लॉजिक क्या है?
कुत्ते फिल्म का निर्देशन विशाल भारद्वाज के बेटे आसमान भारद्वाज ने किया है। आसमान और विशाल भारद्वाज की लिखी कहानी में दम नहीं है,लेकिन एक्टिंग सही है।
बॉलीवुड अभिनेता अर्जुन कपूर की नई फिल्म 'कुत्ते' जल्द ही रिलीज होने वाली है। फिल्म 'कुत्ते' में अर्जुन कपूर के साथ तब्बू, राधिका मदान, कुमुद मिश्रा, नसीरुद्दीन शाह और कोंकणा सेन शर्मा नजर आएंगे। फिल्म 'कुत्ते' का डायरेक्शन आसमान भारद्वाज ने किया है। अर्जुन कपूर की कुत्ते एक डार्क थ्रिलर है, जिसमें समय-समय पर ऐसे पंच आते रहते हैं जो हंसाते हैं। कहानी भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों की एक टीम के इर्द-गिर्द घूमती है, जो नसीरुद्दीन शाह द्वारा अभिनीत स्थानीय ड्रग लॉर्ड के साथ काम कर रहे हैं।
गोपाल (अर्जुन कपूर) और पाजी (कुमुद मिश्रा) एक प्रतिद्वंद्वी गिरोह के साथ मिलकर काम करने के लिए खुद को गंभीर संकट में डालते हैं। नौकरी से निकाले जाने के बाद उनकी मुश्किलें और बढ़ जाती हैं। अब, उन्हें बल पर बने रहने के लिए अपने वरिष्ठों को रिश्वत देते है। कोई भी पात्र अपने पेशे या एक-दूसरे के प्रति कुत्ते की वफादारी नहीं दिखाता है।
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कमिश्नर की करीबी पुलिस अधिकारी पम्मी (तब्बू) बहाल करने के लिए एक-एक करोड़ मांगती है। वहीं भाऊ की बेटी (राधिका मदान) अपने नौकर के साथ कनाडा भागने के लिए करोड़ों रुपए के जुगाड़ में रहती है। वही अपना घर बनाने के लिए पम्मी भी पाजी के साथ मिलकर एक प्लान बनाती है। 'कुत्ते' में संभावित रूप से कई दिलचस्प पात्र हैं, लेकिन कहानी उन्हें स्वाभाविक रूप से विकसित नहीं होने देती। बीस पच्चीस लोगों का कत्ल करने के बावजूद अर्जुन कपूर और कुमुद मिश्रा को एक दिन की सजा भी नहीं होती है। बैकग्राउंड की बात करें, तो डायरेक्टर ने कमीने के हिट सॉन्ग का म्यूजिक इसके बैकग्राउंड में रखा है, जो शायद फैंस को काफी पसंद आएगा।
मराठी गाना 'वात लागली' उस दृश्य के लिए एकदम सही बैठता है लेकिन कहानी के दृष्टिकोण से नहीं। इसी तरह की गलती तब होती है जब लवली (राधिका मदान) की बर्बाद रोमांटिक कहानी जबरन में फ़िल्म में रोमांटिक एंगल डालने का बेकार प्रयास देखने को मिलता है। फिल्म एक नई शैली का प्रयास करती है। पहली फिल्म के मुताबिक आसमान की कोशिश निर्देशन में अच्छी है। उन्होंने जिम्मेदार निर्देशक की तरह हर फ्रेम, साउंड, कैमरा एंगल तक हर चीज पर बारीकी से काम किया है। बंदूकें चलाते स्वैग से भरपूर सितारे, तेज बैकग्राउंड स्कोर के बीच में बजता कमीने फिल्म का गाना ढैन टेणां... इसे एक स्टाइलिश फिल्म बनाता है, लेकिन कमजोर कहानी की वजह से फिल्म बिखर जाती है।