Kedarnath Review: त्रासदी के कंपा देने वाले दृश्य, लेकिन कहानी में नयेपन की कमी
केदारनाथ मूवी रिव्यु इन हिंदी | Kedarnath Movie Review & Rating in Hindi
Kedarnath Review: साल 2013 में केदारनाथ में आई भयंकर बाढ़ की कहानी को जब अभिषेक कपूर ने अपनी फिल्म के लिए चुना तो लोगों को ऐसा लगा कि उस त्रासदी के बारे में वह जो न्यूज में नहीं जान पाए थे, उन्हें इस फिल्म में देने को मिल जाएगा। ऊपर से यह फिल्म एक और स्टार किड की डेब्यू है। फिल्म से सैफ अली खान और अमृता सिंह की बेटी सारा अली खान बॉलीवुड में दस्तक देने जा रही है। अच्छे विषय और स्टार किड के डेब्यू ने लोगों के उत्साह को दोगुना कर दिया। अभिषेक कपूर और फिल्म के प्रोड्यूसर के बीच पैसों की लेन-देन को लेकर जंग भी छिड़ गई, जिसके बाद फिल्म की रिलीज पर संकट के बादल छाने लगे। हालांकि लोग यह दुआ कर रहे थे कि फिल्म जल्दी रिलीज हो क्योंकि उन्हें अभिषेक कपूर और सुशांत सिंह राजजपूत से बहुत उम्मीदे हैं, लेकिन जब वही लोग यह फिल्म देखेंगे तो उनके मुंह से निकलेगा कि अभिषेक कपूर यह आपने क्या बना दिया?
कहानी-
फिल्म का केंद्र केदारनाथ में आई बाढ़ होना चाहिए था, जो कि बिल्कुल नहीं है। बाढ़ के दृश्यों को फिल्म के अंत के कुछ भाग में दिखाया गया है। कहानी मंदाकिनी (सारा) और मंसूर (सुशांत) की लव-स्टोरी है। मंदाकिनी जिद्दी और अपने शर्तों पर जीने वाली लड़की है। उसकी सगाई किसी और से हो चुकी है, लेकिन वह धर्म की दीवार लांघकर मंसूर के प्यार में पागल हो जाती है। मंदाकिनी हिंदू और मंसूर मुसलमान। पुरानी फिल्मों की तरह वहीं धर्म की लड़ाई और बाप का गुस्सा। फिल्म में धर्म को बिजनेस से भी जोड़ा गया है। और कुछ नया कहने के लिए है ही नहीं। क्लाइमैक्स भी कमजोर है।
एक्टिंग-
सारा अपने डेब्यू फिल्म में औसत रही हैं। हालांकि पहली फिल्म होने के नाते उन्हें छूट दी जा सकती है, लेकिन सुशांत से तो बहुत उम्मीदें थीं। कई फिल्मों में वह साबित कर चुके हैं कि उनकी एक्टिंग में कितना दम है, लेकिन इस फिल्म में वह कुछ नया नहीं कर पाए। सारा और सुशांत के अलावा फिल्म में निशांत दहिया, नीतीश भारद्वाज, पूजा गौर और अलका अमीन भी हैं। निशांत सारा के मंगेतर के रोल में हैं और अपनी एक्टिंग से इम्प्रेस करते हैं। बाकी कलाकारों के जिम्मे कुछ ज्यादा नहीं था, लेकिन जितना भी था- उन्होंने अच्छा किया।
म्यूजिक
फिल्म में जगह-जगह पर कई गाने हैं, लेकिन दो गानें 'नमो नमो शंकराय' और 'स्वीटहार्ट' गाना आपको ज्यादा पसंद आएगा। सुशांत के डांसिंग स्किल्स भी 'स्वीटहार्ट' गाने में ही नजर आएंगे।
क्यों देख सकते हैं फिल्म
अगर बहुत दिनों से किसी हिल स्टेशन पर न गए हों और प्रकृति के नजारों का दर्शन करना चाहते हों तो जल्द देख लें फिल्म। फिल्म का लोकेशन शानदार है। बादल और पहाड़ के सीन दिल जीत लेते हैं। क्लाइमैक्स में VFX का भी अच्छा प्रयोग किया गया है। कुल मिलाकर VFX और लोकेशन के लिए फिल्म देख सकते हैं।
क्यों न देखें फिल्म
अगर आपको लगता है कि इस फिल्म में कुछ नया है तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। पुरानी लव-स्टोरी को केदारनाथ के बैकड्रॉप पर बना दिया गया है। फिल्म के गाने भी कुछ ज्यादा हिट नहीं हुए हैं। 'ओम शंकराय' और 'स्वीटहार्ट' को छोड़ कोई गाना इम्प्रेस नहीं करेगा। हालांकि गानों से ऑडियंस को खुश करने की कोशिश जरूर की गई है, लेकिन अभिषेक कपूर इस कोशिश में नाकाम साबित हुए हैं। कुछ मिलाकर कहें तो फिल्म को और अच्छा बनाया जा सकता था। लव स्टोरी में कुछ नयापन लाया जा सकता था।