Kalki 2898 AD Review: प्रभास या दीपिका नहीं... अमिताभ बच्चन हैं 'कल्कि' के असली हीरो, जानें कैसी है फिल्म?
नाग अश्विन की प्रतिष्ठित 'प्रोजेक्ट के' उर्फ 'कल्कि 2898 एडी' आखिरकार सिल्वर स्क्रीन पर आ गई है। दीपिका पादुकोण, प्रभास, अमिताभ बच्चन और कमल हसन की मुख्य भूमिकाओं वाली पैन इंडिया फिल्म आसानी से बॉक्स ऑफिस के कई रिकॉर्ड तोड़ देगी। पूरी समीक्षा पढ़ने
साल की मोस्ट अवेटेड पैन इंडिया फिल्म कल्कि 2898 एडी सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। चार साल से ज्यादा के समय में बनी यह फिल्म 'महाभारत' के पात्रों से प्रेरित है और इसमें उनके अमर सेनानी अश्वत्थामा मुख्य भूमिका में हैं। नाग अश्विन और वैजयंती मूवीज की नवीनतम रिलीज में कई उतार-चढ़ाव हैं, लेकिन एक चीज जिसका फिल्म ने वादा किया था वह इस फिल्म में जरूर है। हम जिसकी बात कर रहे हैं, वह है नाग अश्विन के वो शब्द, जब उन्होंने कहा था कि ये एक ऐसी फिल्म है जिसका भारत हकदार है। प्रभास स्टारर ये फिल्म एक शुद्ध साइंस-फिक्शन है। सुमति के रूप में दीपिका पादुकोण नरम लगती हैं और अपनी आंखों से ज्यादा अभिव्यक्त करती हैं, लेकिन फिल्म में ना तो प्रभास और ना ही दीपिका, ये शो जिसने चुराया है वह अमिताभ बच्चन हैं। शानदार वीएफएक्स, प्रभावशाली सिनेमाई अनुभव और हैरानी भरे कैमियो के साथ, कल्कि 2898 एडी सिनेमाघरों में अवश्य देखी जानी चाहिए।
कहानी
कल्कि की कहानी काशी को पहले शहर के रूप में दिखाए जाने से शुरू होती है। बंजर भूमि, सूखी हुई गंगा और लड़कियों को पिंजरे में बंद करना और कई अन्य मुद्दों के साथ, निर्माता तुरंत आपको इस शहर और इसके लोगों से जोड़ देते हैं। छोटे-छोटे उल्लेखों में आपको शम्बाला शहर के बारे में भी पता चलता है, एक ऐसी जगह जो उन विद्रोहियों को आश्रय देती है जो लोगों के न्याय के लिए लड़ना चाहते हैं। लेकिन, यहां एक मुश्किल भी है, जहां मुख्य खलनायक सुप्रीम यास्किन (कमल हासन द्वारा अभिनीत) रहता है, जो मानता है कि मनुष्यों का जन्म बर्बाद है और उनके साथ उस बुरा व्यवहार करता है। अपनी सारी शक्तियों के जरिए, यास्किन ने पर्यावरण के सभी अच्छे हिस्सों, पानी, सूरज, खाना, हरियाली और न जाने किन-किन शक्तियों को अपनी दुनिया में सोख लेता है और काशी के लिए कुछ भी नहीं छोड़ता।
इन शहरों के बीच असमानता ने काशी के लोगों को किसी तरह इस कॉम्प्लेक्स में रहने के लिए मजबूर कर दिया है। यहीं पर दर्शकों का परिचय भैरव (प्रभास) से होता है, जो सही या गलत की बहस में पड़े बिना कॉम्प्लेक्स में एक अच्छा जीवन जीने की चाह रखता है। भैरव हर अवसर को जब्त करने में विश्वास करता है और किसी तरह इस प्रक्रिया में उसका सामना अश्वत्थामा (अमिताभ बच्चन) से होता है। महाभारत योद्धा अश्वत्थामा, जिनके पास सुमति (दीपिका पदुकोण) को बचाने के पीछे एक गहरा और उचित कारण है।
लेखन और निर्देशन
निर्देशक नाग अश्विन कल्कि 2898 ईस्वी के साथ 6 साल बाद वापस आ गए हैं। जिस फिल्म के बारे में कहा जाता है कि यह उनका ड्रीम प्रोजेक्ट है, वह किसी अनोखी फिल्म से कम नहीं है। इस फिल्म के बारे में बात करते हुए अश्विन ने कहा था कि ये वो फिल्म है जिसका भारत हकदार है, अभी नहीं तो कब। और फिल्म निर्माता ने इस फिल्म की रिलीज के साथ अपने शब्दों को पूरी तरह निभाया है। नाग अश्विन पहले भाग के कुछ उदाहरणों में पंच चूक गए, लेकिन कल्कि का दूसरा भाग शुद्ध सिनेमाई अनुभव है। महाभारत के संदर्भों से लेकर कई आश्चर्यजनक तत्वों का उपयोग करने तक, फिल्म आपको बांधे रखती है। फिल्म निर्माण में नई तकनीक का सर्वोत्तम तरीके से उपयोग करने के लिए नाग अश्विन की तारीफ की जानी चाहिए। कल्कि 2898 ईस्वी का वीएफएक्स आपको ब्रह्मास्त्र और रा वन की याद दिला देता है, लेकिन ये इन सबमें बेस्ट है।
कल्कि 2898 ईस्वी का लेखन इस फिल्म की यूएसपी है। मृणाल ठाकुर, विजय देवराकोंडा, दुलकर सलमान और एसएस राजामौली के कैमियो शानदार हैं। कल्कि के साथ 'विंड सेट डाउन' घटना तक, 2898 ईस्वी के लेखन में गहराई है। हालांकि, फ़र्स्ट हाफ़ थोड़ा खिंचा हुआ लगता है। कुछ दृश्य और तीखे हो सकते थे। सबप्लॉट के रूप में भैरव और रोज़ी का एंगल बेकार है और उनके गाने में बहुत डर था जो सच हो गया। शायद एक दक्षिण भारतीय फिल्म रिचुअल, जिसे नाग अश्विन भी नजरअंदाज नहीं कर सकते। हालांकि, निर्माता इसकी भरपाई फिल्म के सबसे बड़े आकर्षणों में से एक, इंटरवल से पहले की कहानी से करते हैं।
एक्टिंग
कल्कि 2898 AD अमिताभ बच्चन की फिल्म है। 81 वर्षीय दिग्गज अभिनेता ही फिल्म के असली हीरो हैं। अमर अश्वत्थामा की भूमिका निभाते हुए, बिग बी की फिल्म में बेहतरीन लड़ाई, डायलॉग और सीन हैं। अपने अस्तित्व की सबसे बड़ी लड़ाई में असफल होने और भगवान के वचन का पालन करने के लिए अश्वत्थामा शांत है। वह सुमति के साथ शांत और भैरव के साथ उग्र है और बिग बी ये सब आसानी से करते हैं। वीएफएक्स का बेहतरीन तरीके से उपयोग करके कर दिया है। पहले भाग में प्रभास और भैरव आपके धैर्य की परीक्षा लेंगे। अपने चरित्र के माध्यम से ढीली कॉमेडी भी करते हैं। लेकिन, दूसरे भाग में अपनी क्षमता साबित करते हैं। ब्रह्मानंदम और दिशा पटानी के साथ प्रभास की बेकार कॉमेडी और रोमांस से बचा जा सकता था।
दूसरी ओर, दीपिका पादुकोण सत्ता की लड़ाई के 'शोर' में शांत हैं। उनकी आंखें आपको उनके किरदार का अहसास कराती हैं। वह सभी भावनाओं- भ्रम, गुस्से, निराशा और डर को अत्यंत प्रामाणिकता के साथ चित्रित करती हैं। हालांकि, अगर फिल्म में उनके डायलॉग ज्यादा होते तो ही उनका रोल परफेक्ट होता। कमल हासन भी बेहद प्रभावी हैं। उनकी आवाज कुछ देर तक आपके साथ रहेगी.। हालांकि, इस फिल्म सीरीज के इस भाग में उनकी भूमिका कम है। पता चलता है कि फिल्म निर्माताओं ने उन्हें पूरी फिल्म में क्यों छिपाकर रखा। काउंसलर बानी के रूप में अनिल जॉर्ज और कमांडर मानस के रूप में शाश्वत चटर्जी प्रभावशाली हैं।
फैसला
सीक्वल में क्या आने वाला है,कल्कि 2898 एडी इसके लिए एक प्योर बिल्ड-अप है। फिल्म पूरी तरह से काल्पनिक है, लेकिन आपको विश्वास दिलाती है कि यह हकीकत है। इसका लार्जर देन लाइफ सीन आपको काशी, कॉम्प्लेक्स और शम्बाला तक ले जाता है। कलाकारों का चयन और उनका सटीक चित्रण इस फिल्म को मस्ट वॉच बनाता है। नाग अश्विन का कॉन्सेप्ट बेहतरीन है और इमेजिनेटिव एक्सपीरियंस को जगाती हैं। हालांकि, फिल्म का पहला भाग आपको थोड़ा निराश कर सकता है, लेकिन दूसरे भाग में आप सीट से चिपके रहने और सीटियां मारने पर मजबूर हो जाएंगे। अगर आप एक्शन और साइंस-फिक्शन फिल्में पसंद करते हैं, तो कल्कि 2898 एडी आपके लिए ही बनी है।