Jabariya Jodi Movie Review: सिद्धार्थ मल्होत्रा और परिणीति चोपड़ा मनोरंजन करने में हुए फेल
Jabariya Jodi Movie Review: सिद्धार्थ मल्होत्रा और परिणीति चोपड़ा की फिल्म जबरिया जोड़ी मनोरंजन करने में कामयाब नहीं हुई है।
Jabariya Jodi Movie Review: जब आप 'पकड़वा विवाह' जैसे गंभीर सामाजिक मुद्दा उठाते हैं और इसे ढाई घंटे के माइंडलेस एंटरटेनमेंट में बदल देते हैं तब तैयार होती है 'जबरिया जोड़ी' जैसी फिल्म। निर्देशक प्रशांत सिंह जिन्होंने रोमांटिक कॉमेडी फिल्म 'जबरिया जोड़ी' बनाई है उन्होंने ह्यूमर और पंचलाइन का ख्याल तो फिल्म की कहानी में बखूबी रखा है लेकिन स्क्रिप्ट पर मेहनत करना भूल गए।
जबरिया जोड़ी बिहार में होने वाले जबरन विवाह पर बेस्ड है, जहां योग्य लड़के का किडनैप कराकर गन प्वाइंट पर उसकी शादी करा दी जाती है, उस लड़की से जिसके घरवाले लड़केवालों की मांग पूरा करने में सक्षम नहीं हैं।
सिद्धार्थ मल्होत्रा (Sidharth Malhotra) फिल्म में अभय सिंह के रोल में हैं जो पटना के बड़े बाहुबली नेता हुकुम देव सिंह (जावेद जाफरी) के बेटे हैं। अभय लोगों को पकड़कर उनकी जबरदस्ती शादी कराता है, वो इस क्राइम को सोशल वर्क समझकर करता है। तभी उसकी जिंदगी में वापसी होती है बचपन की गर्लफ्रेंड बब्ली यादव (परिणीति चोपड़ा Parineeti Chopra) की।
सिद्धार्थ मल्होत्रा की इमेज चॉकलेटी बॉय की है और उन्होंने 'एक विलेन', 'इत्तेफाक' और 'अय्यारी' जैसी फिल्मों के बाद अपनी इमेज से हटकर एक टपोरी की भूमिका निभाने की कोशिश की है, लेकिन वाइट पैंट और रंग-बिरंगी टीशर्ट पहनने से कोई बिहारी नहीं बन जाता है, सिद्धार्थ स्माल-टाइन बॉय के रोल में मिसफिट लगे हैं (वो फिल्म में हॉट जरूर लगे हैं)। फिर भी सिद्धार्थ का एक्सेंट और मेहनत परिणीति से कहीं बेहत था, लाल रंग के बाल और चमकीले-भड़कीले कपड़ने पहनकर परिणीति कहीं से बिहारी नहीं लग रही हैं। पूरी फिल्म में उन्हें एक्सेंट पर जोर देते देखा जा रहा है। बिहार में जहां बाकी लड़कियों की हालत बहुत अच्छी नहीं है वहां बब्ली 'बम' जैसी है, जो लड़कों को पीट भी देती है, बावजूद इन सबके बब्ली का किरदार हमारे दिल तक उतरने में कामयाब नहीं हुआ। अपारशक्ति खुराना के पास करने के लिए कुछ था नहीं उन्होंने क्यों ये फिल्म साइन की है इसका जवाब वही दे सकते हैं।
परिणीति के पिता के रोल में संजय त्रिपाठी ने महफिल लूट ली, जब-जब वो स्क्रीन पर आते हैं फिल्म इंट्रेस्टिंग लगने लगती है। जावेद जाफरी का काम भी बढ़िया है।
फिल्म में कई झोल दिखते हैं, एक जगह दिखाया है कि बब्ली यादव के पिता दुनिया लाल के पास दहेज देेने के लिए पैसे नहीं हैं लेकिन उन्होंने जबरिया शादी के लिए 20 लाख रुपये गुंडो को दिए हैं।
फिल्म में कलरफुल बैकग्राउंड है जो आपकी आंखों को जरूर अच्छे लगेंगे। फिल्म में पंचलाइन काफी शानदार है। कुछ एक डॉयलॉग तो इतने ज्यादा फनी हैं कि आप खुद को तालियां बजाने से नहीं रोक पाएंगे। फिल्म का म्यूजिक भी अच्छा है।
जबरिया जोड़ी की स्क्रिप्ट और डायरेक्शन में कई झोल हैं, फिल्म फनी है लेकिन एंटरटेनमेंट के नाम पर कुछ खास हमें देती नहीं है। सिर्फ फिल्म के शानदार डॉयलॉग्स ही हैं जो फिल्म की इज्जत बचा लेते हैं। इंडिया टीवी इस फिल्म को देता है 5 में से 2 स्टार।