'इंडियन पुलिस फोर्स' रिव्यू रोहित शेट्टी के डायरेक्शन ने जीता दिल, दमदार एक्शन से छाए सिद्धार्थ मल्होत्रा
रोहित शेट्टी की 'इंडियन पुलिस फोर्स' में सिद्धार्थ मल्होत्रा और शिल्पा शेट्टी के धमाकेदार एक्शन ने धमाका कर दिया है। यह सीरीज अब अमेजन प्राइम वीडियो पर देख सकते हैं। यहां पढ़ें रिव्यू...
इंडियन पुलिस फोर्स रिव्यू: सिद्धार्थ मल्होत्रा ने रोहित शेट्टी और सुशांत प्रकाश की पुलिस एक्शन थ्रिलर 'इंडियन पुलिस फोर्स' के साथ अपना ओटीटी डेब्यू किया है। सीरीज अमेजन प्राइम वीडियो पर आज रिलीज हो गई है। सीरीज की शुरुआत भारत की राजधानी दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में 6 बम हमलों की योजना से होती है। दिल्ली पुलिस स्थापना दिवस पर योजनाबद्ध आतंकवादी हमलों की स्पेशल सेल यूनिट अधिकारी के रोल में सिद्धार्थ मल्होत्रा (कबीर मलिक) और विवेक ओबेरॉय (विक्रम बख्शी) हैं। अपनी सुरक्षा को ताक पर रखते हुए वे कई हमलों को रोकते हैं, लेकिन फिर भी विस्फोटों के दौरान लगभग 250 लोगों की मौत हो जाती है। इसी के बीच सिद्धार्थ और विवेक दोनों के सवांद सुनने को मिलता है।
इसके बाद शिल्पा शेट्टी की धांसू एंट्री होती है। अहमदाबाद से एक वरिष्ठ अधिकारी के तौर पर शिल्पा आते ही सीरीज में छा जाती हैं। मुख्य आरोपी की तलाश में वो दिल्ली पुलिस की मदद करती हैं। अपराधी को पकड़ने का लक्ष्य पूरा करते हुए एक की मौत हो जाती है। सिद्धार्थ मल्होत्रा और श्वेता तिवारी, दोनों का ब्रेकडाउन सीन एक ही समय पर आता है। ऐसे में दोनों अपना दुख शेयर करते नजर आते हैं।
इंडियन पुलिस फोर्स का डायरेक्शन
वेब सीरीज, इंडियन पुलिस फोर्स और उनकी कार्य करने की शैली के बारे में झूठे दावे नहीं करती है। यह बुनियादी और मूल आधार पर कायम है और शायद यही इस सीरीज की यूएसपी है। रोहित शेट्टी ने कहानी या सीरीज के आखिरी पलों में कोई भौचक्का करने वाला बदलाव नहीं किया है, यानी उन्होंने फिल्म में कुछ भी एक्स्ट्रा एड नहीं किया, न मार-धाड़ और न सुपर से भी ऊपर वाला एक्शन। सीरीज में दिखाया गया एक्शन काफी हद तक रिलय ही लगता है। इसमें 'सिंघम' जैसे सच्चाई से परे वाले एक्शन और संवाद नहीं हैं। कहानी सरलता से आगे बढ़ती है और शिल्पा शेट्टी कई सालों की जद्दोजहद के बाद आतंकवादी को पकड़ पाती हैं। कहानी का प्लॉट देखकर समझ में आता है कि इसका दूसरा पार्ट भी बन सकता है।
कहानी को सीधा और सटीक रखा गया है। इसके ज्यादा खींचा नहीं गया है। किसी भी सीन को लंबा फिल्माने के लिए कहानी में कोई तनाव नहीं हे। इसे सच्चाई से परे या अधिक इमोशनल बनाने में ज्यादा वक्त जाया नहीं किया गया है। 'इंडियन पुलिस फोर्स' इस बात की जानकारी देती है कि पुलिस अधिकारी अपने काम और निजी जीवन को कैसे संतुलित रखते हैं, लेकिन सीरीज व्यक्तिगत मोर्चे पर बहुत अधिक जोर नहीं देती है। क्राइम केस एक के बाद एक होते सीरीज में दिखाए गए हैं और इन्हें सॉल्व करने में लगी पुलिस के हाथ से निकलता वक्त भी देखने को मिलता है। सिलसिलेवार तरीके से हो रही चीजों के बीच आप बोरियत महसूस नहीं करते। सीरीज का सबसे अच्छा हिस्सा सिद्धार्थ मल्होत्रा और मय्यंक टंडन के बीच का एक्शन सीन रहा। इसने मुझे नाना पाटेकर की 'द अटैक्स ऑफ 26/11' फिल्म के सीन की याद दिला दी, जहां मुख्य अभिनेता कसाब का सामना करता है, लेकिन रोहित शेट्टी स्टाइल एक्शन का अगर आपको इंतजार है तो आपको 4 एपिसोड्स तक धैर्य रखना होगा।
इंडियन पुलिस फोर्स कास्ट
रियल लाइफ में सिद्धार्थ मल्होत्रा जितने सरल और शांत हैं, ऑनस्क्रीन वो उतने ही सिरफिरे नजर आए हैं। सीरीज में शिल्पा शेट्टी की मौत के भावुक सीन को दिखाया गया है, जिसके बाद बदले की आग सिद्धार्थ मल्होत्रा के किरदार में जागती है।हालांकि, सीरीज की शुरुआत में शिल्पा शेट्टी कुछ खास दम नहीं दिखा पाई हैं, लेकिन अंत में वह दमदार एक्शन करती दिखती हैं। 'इंडियन पुलिस फोर्स' में विवेक ओबेरॉय का अपना एक अलग स्टाइल वाला स्वैग है। 10 साल के बच्चे के पिता की भूमिका निभाते हुए बच्चों के प्रति उनका असाधारण प्यार दिखाया गया है, जो उन्हें दो बार खतरे में भी डालता है।
रश्मि मलिक (मल्होत्रा की प्रेमिका) के रूप में ईशा तलवार इतनी प्यारी लगी हैं कि आप उन्हें और अधिक देखना चाहेंगे। जरार के रूप में मय्यंक टंडन (विलेन) के पास सिद्धार्थ की तुलना में अधिक रोमांटिक सीन्स हैं। टंडन ने सीरीज में शानदार काम किया है और हर सिक्के का दूसरा पहलू दिखाने की पूरी कोशिश की है। सहायक कलाकार श्रुति के रूप में श्वेता तिवारी, रफीक के रूप में ऋतुराज सिंह, राणा के रूप में निकितिन धीर और अधिकारी जयदीप बंसल के रूप में मुकेश ऋषि सभी ने अपनी भूमिका में बेहतरीन हैं। शरद केलकर की भी सीरीज में परफेक्ट एंट्री है और वह अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं। नफीसा के रूप में वैदेही परशुरामी और उनियाजा के रूप में श्रुति पंवार अपने किरदारों में प्रामाणिकता लाने के लिए प्रशंसा के पात्र हैं। 'इंडियन पुलिस फोर्स' की सबसे अच्छी बात इसकी परफेक्ट कास्टिंग है।
कैसी है इंडियन पुलिस फोर्स सीरीज?
कई पुलिस-आधारित ओटीटी सीरीज हैं और जब आप 'इंडियन पुलिस फोर्स' सीरीज की तुलना उनके साथ करते हैं तो आपको लग सकता है कि रोहित शेट्टी और सिद्धार्थ मल्होत्रा का ओटीटी डेब्यू और भी शानदार हो सकता था, लेकिन सीरीज देखते समय आपको बिल्कुल ऐसा नहीं लगेगा की समय बर्बाद हुआ है। कुल मिलाकर 'इंडियन पुलिस फोर्स' सीरीज एक बार तो देख सकते हैं। यह 7-एपिसोड आधारित वेब शो अपने दूसरे सीजन के लिए भी एक आदर्श आधार तैयार कर रहा है। यह सीरीज अमेजन प्राइम वीडियो पर उपलब्ध है।