‘द वैक्सीन वॉर‘ फिल्म के साथ नाना पाटेकर की दमदार वापसी, जानिए कैसी है 'द कश्मीर फाइल्स' के डायरेक्टर की फिल्म
फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री ‘द वैक्सीन वॉर‘ के साथ वापस आ गए है।फिल्म 28 सितंबर को रिलीज हो रही है। फिल्म कैसी है, फिल्म बनाने का मुख्य उद्देश्य क्या है,फिल्म देखनी चाहिए या नहीं इन सवालों के जवाब के लिए पढ़िए ये रिव्यू।
फिल्म के रिव्यू की शुरुआत से पहले हम आपको ये बता दें कि आपने एक्शन, रोमांस, थ्रिलर से भरपूर तो कई फिल्में देखी होंगी लेकिन ये एक ऐसी फिल्में है जिसमें देश के रियल हीरोज के बारे में बताया गया है।कोरोना कब हुआ कैसे हुआ कितने लोग इसकी वजह से अपनी जिंदगी गवां बैठे ये बात तो देश में मौजूद लगभग सभी लोग जानते हैं।लेकिन आप ये नहीं जानते होंगे कि कोरोना वैक्सीन बनाने के पीछे कई लोगों ने कितना संघर्ष किया था, इस दौरान उन लोगों को कितना विरोध का भी सामना करना पड़ा था। इस फिल्म में आपको ये सब दिखाई जाएगी, साथ ही इस फिल्म में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि वैक्सीन बनाने में देश की महिला साइंटिस्ट का सबसे बड़ा योगदान रहा है।इस फिल्म को देखने के बाद हो सकता है युवा पीढ़ी में खासकर लड़कियों में साइंटिस्ट बनने की इच्छा जागे।
फिल्म में दिखाया गया है देश के साइंटिस्ट का जुनून
कोई भी फिल्म कुछ खास पैमानों पर जज की जाती है। कलाकार, एक्टिंग, ट्रीटमेंट, कहानी, डायलॉग, संगीत, वगैरह-वगैरह। लेकिन ये फिल्म एक सच्ची घटना पर आधारित है तो ये ट्रीटमेंट पर जज की जाएगी। साइंस, कोविड वैक्सीन जैसे विषय पर भी अगर देखने लायक ऐसी फिल्म बन जाती है जो आपको 2 घंटे 41 मिनट बांधे रहे तो ये वाकई फिल्म की बड़ी उपलब्धि है। शुरुआत में आपको ये फिल्म जरुर बोरिंग लगेगी क्योंकि इसमें वायरस क्या है,साइंस क्या है, लैब टेस्टिंग जैसी दिखाई गई है जिसे एक साइंटिस्ट ही समझ सकता है, लेकिन बाद में देश के लिए साइंटिस्ट का जुनून देख आपको ये फिल्म एंटरटेनिंग लगने लगेगी।
जानिए कैसी है फिल्म की कहानी
तो जानते है फिल्म की कहानी के बारे में। फिल्म की शुरुआत होती है लॉकडाउन से। इस दौरान पूरे सड़क पर सन्नाटा पसरा होता है लेकिन पुलिस वाले अपनी ड्यूटी पूरी करते रहते है, लोग घर से बाहर ना निकले इसका वो ध्यान देते दिखते है। इसके बाद कहानी शुरू होती है 1 जनवरी 2020 से जब पूरा देश न्यू ईयर मना रहा होता है, इस दौरान आईसीएमआर के चीफ बलराम भार्गव को एक वायरस के बारे में पता चलता है जिसका मरीज चीन के वुहान में पाया जाता है। फिर यहां से शुरू होती है देश की कोरोना जैसी महामारी से लड़ाई। इस पूरी फिल्म को 12 अध्याय में दिखाया गया है जिसमें लॉकडाउन से लेकर वैक्सीन बनने तक और सोशल मीडिया पर फैलाई गई झूठी कहानियों के तक के बारे में बताया गया है। वहीं इस दौरान साइंटिस्ट के सामने आईं बाधाओं के बारे में दिखाया गया. जिसे लोकर वो जिस जुनून से काम करते है वो देखकर आपको इन पर जरुर गर्व महसूस होगा।
वैक्सीन वॉर सच्चाई लाती है सामने
इसके अलावा फिल्म में ये भी दिखाया गया है कि जब जनता कोविड से जूझ रही थी, लोग घरों में मौतें झेल रहे थे,रोटी-पानी और इलाज तक के लिए संघर्ष कर रहे थे, उस दौरान कुछ लोग सोशल मीडिया में कई कई पन्नों की पोस्ट लिखकर सरकार और देश को बदनाम करने का काम कर रहे थे। ये कह रहे थे कि 'इंडिया नहीं कर सकती।' लेकिन इस फिल्म में ICMR चीफ बलराम भार्गव की भूमिका में नाना पाटेकर ने अपने इंडिया कैन डू इट (भारत कर सकता है) वाले डायलॉग से ये साबित कर दिया कि इंडिया के लोग अगर कुछ ठान ले तो वो उसे जरुर कर लेते है।लंबे समय बाद नाना को बड़े पर्दे पर इस अहम किरदार में देखना काफी सुखद था।
दमदार है फिल्म का हर किरदार
इस फिल्म में नाना का किरदार बेहद ही अकड़ू प्रोफेसर का होता है जो कभी अपने आस-पास मौजूद लोगों से प्यार से बात करना तो दूर उनके अच्छे काम के लिए उनकी तारीफ तक नहीं करते। हालांकि फिल्म के बीच में नाना पाटेकर के कुछ ऐसे डायलॉग भी सुनने को मिलते है जो आपको हंसने पर मजबूर कर देगा। वहीं फिल्म में पल्लवी जोशी जो कि जो नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) की डायरेक्टर वायरोलॉजिस्ट प्रिया अब्राहम का रोल प्ले कर रही है उनका किरदार भी काफी दमदार दिखाया गया है।फिल्म में उनका एक बेहद ही दमदार डायलॉग है जब वो ये कहती नजर आती है कि हम किसी रॉकेट की पूंछ पर आग लगाकर उसे आसमान में नहीं भेजते तो आपको हमारे किए का अंदाजा नहीं लगता। और उनकी ये बात सत्य प्रतिशत सत्य है अगर आप ये फिल्म नहीं देखेंगे तो आपको ये कभी पता नहीं चल पाएगा कि एक औरत घर, परिवार, बर्तन, कपड़ा, खाना बनाने के साथ-साथ किस तरह दिन-रात एक करके देश के लिए कोरोना वैक्सीन बनाती हैं। इस फिल्म में राइमा सेन ने भी एक जर्नलिस्ट का काफी दमदार किरदार निभाया है। वहीं आप अनुपम खेर को देश के मंत्री के किरदार में देखेंगे जो कोविड के समय कई अहम फैसले लेते दिखाई देते हैं। इस किरदार में अनुपम खेर को भी आप काफी पंसद करेंगे।
फिल्म जरुर देखे
इस फिल्म में पूरे 12 अध्याय में कई सारी और चीजें दिखाई गई हैं, जिसे जानने के लिए आपको ये फिल्म जरुर देखनी चाहिए। ये फिल्म आपको एंटरटेन करने के साथ-साथ आपकी नाॅलेज भी बढ़ाएगी और आपको प्रेरणा भी देगी।
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