हीरो
Hero movie review starring Sooraj Pancholi and Athiya Shetty is here. Read it first.
निखिल आडवाणी जिन्होंने ‘कल हो न हो’ से डायरेक्शन में पहली बार हाथ आजमाया था, अब तक के अपने फिल्मी करियर में कई नामचीन हस्तियों के साथ काम कर चुके हैं। ये पहला मौका है जब 1983 में बनी सफल बॉलीवुड फिल्म हीरो को वो बड़े पर्दे पर फिर से जीवंत कर रहे है वो भी एक नई पीढ़ी के कलाकारों के साथ। कॉमेडी और सस्पेंस के बाद हीरो जैसी रोमांटिक-एक्शन फिल्म में उनका काम देखने के बाद ये विचार आपके ख्याल में आना लाजमी है कि निखिल किसी भी शैली में ढ़लने के काबिल है। तो आखिर उनकी ये फिल्म कैसी है, इसका जवाब देने से पहले जानिए फिल्म की कहानी के बारे में।
सूरज (सूरज पंचोली) मुंबई के एक गैंगस्टर (आदित्य पंचोली) का बेटा है जिसे जेल से छुड़वाने के लिए वो मुंबई शहर के चीफ ऑफ पुलिस (तिगमांशू धूलिया) की बेटी राधा (आथिया शेट्टी) को अगवा करने का प्लान बनाता है। सूरज, राधा को ये बताता है कि उसके पिता ने उसे शहर से बाहर कुछ समय के लिए रहने को कहा है। इस बात को मानकर राधा उसके साथ चली जाती है लेकिन जल्द ही उसे सूरज की असलियत का पता चल जाता है। दोनों में टकरार तो हाती है लेकिन जल्द ही ये प्यार में तब्दील हो जाती है।
जल्द ही सूरज राधा से दूर चला जाता है। थोड़े दिनों बाद ये दोनों वापस मिलने की कोशिश करते है लेकिन इस बार उन दोनों को कांटो का रास्ता तय करना पड़ता है। किस तरह ये एक-दूसरे से दोबारा मिल पाते हैं, फिल्म हीरो उनकी प्यारी सी लव स्टोरी को बयां करती है।
फिल्म कहने के लिए सुभाष घई की हीरो की रीमेक है लेकिन इसमें कई फेरबदल कीये गए हैं जिससे ये 1983 की हिट फिल्म से अलग खड़ी होती नजर आती है। निखिल आडवाणी की पिछली फिल्मों की तरह इसमें जरूरी ठहराव है लेकिन जहां गति को बढ़ाने की जरूरत है वहां वो पीछे नहीं हटते।
फिल्म धीरे-धीरे आगे बढ़ती है और इंटरवल से पहले फिल्म की मुख्य जोड़ी के बीच प्यार और टकरार को केंद्रित किया जाता है। निखिल उसे काफी खूबसूरत बनाने की कोशिश करते है।
फिल्म गति पकड़ती है इंटरवल के बाद जब ये दोनों एक-दूसरे को पाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हो जाते हैं । “प्यार करने वाले कभी डरते नहीं, जो डरते हैं वो प्यार करते नहीं”, फिल्म का ये डायलॉग सांकेतिक है और इसको गंभीरता से लेते हुए निर्देशक इसके परिणामों को दर्शाते है।
फिल्म का एक्शन थीम के हिसाब से है और वो फिट बैठता है। वहीं अभिनय की अगर बात करें तो पहली बार बड़े पर्दे पर अपना जल्वा बिखेर रही इस जोड़ी ने अच्छा प्रदर्शन किया है। सूरज पंचोली में सहनशीलता नजर आती है। वो अपनी आंखों से कई बातें बोल जाते हैं। वहीं आथिया शेट्टी मुसीबत और फिर प्यार में पड़ी हुई लड़की का किरदार अच्छे से निभाती हैं।
तिगमांशु धूलिया फिल्म में आथिया के पिता और एक सख्त पुलिस अफसर के किरदार में बेहतरीन प्रदर्शन देते हैं। आदित्य पंचोली भी अपने हिस्से को बखूबी निभाते है।
फिल्म के गाने तो पहले ही हिट हो चुके हैं लेकिन सबसे खास तो सबके दिलों-दिमाग पर चढ़ चुका गीत ‘मैं हूं हीरो’ ही है। कुल मिलाकर फिल्म ‘हीरो’ इंटरटेनिंग है।