Bellbottom movie review: रोमांचक कहानी और अक्षय-लारा का बेहतरीन अभिनय, आदिल हुसैन भी छाए
अक्षय कुमार की फिल्म 'बेलबॉटम' सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है। इस फिल्म का निर्देशन रंजीत एम तिवारी ने किया है।
Bellbottom movie review: सच्ची घटनाओं से इंस्पायर अक्षय कुमार, वाणी कपूर, लारा दत्ता, हुमा कुरैशी और आदिल हुसैन जैसे सितारों से सजी बेलबॉटम थियेटर में रिलीज हो रही है। यह फिल्म विमान हाईजैक की असली कहानी से इंस्पायर है हालांकि फिल्म के पात्र और घटनाएं काल्पनिक हैं। इस फिल्म के ट्रेलर को लेकर काफी चर्चा थी, खासकर लारा दत्ता के लुक ने बहुत सुर्खियां बटोरी थीं जो फिल्म में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका में हैं। फिल्म कैसी है? अक्षय कुमार और लारा दत्ता का रोल कैसा है? फिल्म के बाकी कलाकारों ने कैसा काम किया है, आइए जानते हैं फिल्म का रिव्यू?
फिल्म में अक्षय कुमार रॉ के एजेंट के रोल में हैं जिनका कोडनेम है बेलबॉटम। वाणी कपूर उनकी पत्नी की भूमिका में हैं। एक विमान हाइजैक में परिवार के एक सदस्य को खोने के बाद अक्षय का किरदार अंशुल मल्होत्रा बहुत दुखी होता है और और वो रॉ के साथ जुड़कर हाइजैक हुए विमानों के बारे में काफी रिसर्च करता है। जब वो रॉ से जुड़ जाता है उसके बाद एक विमान हाइजैक होता है और उसे जिम्मेदारी दी जाती है इस हाइजैक को फेल करने की। वो किस तरह हाइजैक विमान से यात्रियों को सुरक्षित बचा पाएगा, क्या वो हाइजैक करने वालों को पकड़ पाएगा, उसका मिशन कैसे कामयाब होगा। ये सब आपको फिल्म में देखने को मिलेगा। अब हम बात उन एलीमेंट्स की जो फिल्म में हमें प्रभावित करते हैं।
अभिनय
अक्षय कुमार
फिल्म बेल बॉटम में अक्षय कुमार के किरदार का नाम अंशुल मल्होत्रा है वो रॉ का एजेंट बन जाता है जहां उसे कोडनेम मिलता है बेलबॉटम। अक्षय का अभिनय और फनी वनलाइनर हमें इम्प्रेस करता है।
लारा दत्ता
लारा ने दत्ता का लुक जब पहली बार सामने आया तो लोग हैरान रह गए थे, क्योंकि वो बिल्कुल पहचान में नहीं आ रही थीं, फिल्म में लारा काफी हद तक इंदिरा गांधी जैसी ही लगी हैं उन्होंने दिवंगत प्रधानमंत्री की भूमिका अच्छे से निभाई है, अपने हाव भाव और अभिनय से भी वो हमें इम्प्रेस करने में कामयाब रही हैं।
हुमा कुरैशी
फिल्म में हुमा फिल्म में एक सीक्रेट एजेंट के रोल में हैं अपने छोटे से रोल में भी वो बेहतरीन काम करती हैं और फिल्म में उनका कैरेक्टर काफी जरूरी है और उनका किरदार फिल्म पलटकर रख देता है।
आदिल हुसैन
फिल्म में आदिल हुसैन का रोल काफी अच्छा अपने अभिनय और फिल्म के एक सीन में वो आपका दिल जीतेंगे।
वाणी कपूर
फिल्म में वाणी कपूर का छोटा सा रोल है मगर उनकी मौजूदगी हमें फिल्म में अच्छी लगती है और उनके आने से स्क्रीन में जान आ जाती है।
म्यूजिक
फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक बहुत अच्छा है, जब भी बेलबॉटम मिशन के लिए निकलता है तो एक खास थीम म्यूजिक बजता है जो अच्छा लगता है और आपका ध्यान खींचता है। इसके अलावा फिल्म के जो गाने हैं वो कई बार बेवजह भी लगते हैं क्योंकि फिल्म जिस तरह की है उसमें गाने ना भी होते तो चलता।
कमियां
- फिल्म का पहला हाफ स्लो है, और जिस तरह से पास्ट और प्रेजेंट की कहानी चलती है वो कन्फ्यूज करती है। इसके अलावा भी फिल्म में कई जगह सस्पेंस दिखाने के चक्कर में इतनी जल्दी से सीन चेंज होते हैं कि आप कन्फ्यूज हो सकते हैं।
- फिल्म सेकेंड हाफ से हमें इम्प्रेस करना शुरू करता है लेकिन फिल्म का क्लाइमैक्स इतना फिल्मी होता है कि आप उसे पचा नहीं पाएंगे।
- वाणी कपूर का किरदार भी कहानी के अंत में दिलचस्प मोड़ लेता है और उस बारे में हम और जानना चाहते हैं लेकिन फिल्म खत्म हो जाती है। एक और चीज जो मुझे अजीब लगी वो वाणी कपूर के कपड़े। फिल्म 70-80 के दशक की दिखाई जाती है अक्षय कुमार समेत अन्य किरदार उसी दौर के कपड़े उसी दौर के होते हैं मगर वाणी कपूर के कपड़े और उनका स्टाइल आज की मॉडर्न लड़कियों जैसा ही होता है, जो हमें अखरता है। हालांकि कम स्क्रीन के बावजूद वाणी कपूर अच्छी लगी हैं।
- सिर्फ वाणी कपूर के कपड़े ही नहीं विमान भी उस दौर के ना होकर आज के जमाने के लगते हैं, अगर आप ऐसी फिल्म देखते हैं जो पुराने समय की कहानी कहती है तो हम ये भी उम्मीद करते हैं कि हमें चीजें वैसी ही दिखाई दें जैसी उस जमाने में हुआ करती थीं।
इस फिल्म को आप एक बार देख सकते हैं. इंडिया टीवी इसे देता है 5 में से 3.5 स्टार।