Bawaal Review: पेरिस, बर्लिन, वारसॉ के खूबसूरत नजारों के बीच वरुण-जान्हवी ने किया 'बवाल', जानिए कैसी है फिल्म
Bawaal Review: वरुण धवन और जान्हवी कपूर की फिल्म 'बवाल' अमेजॉन प्राइम पर आज स्ट्रीम हो चुकी है। फिल्म कैसी है ये जानने के लिए पढ़िए ये रिव्यू...
Bawaal Review: 'दंगल' और 'छिछोरे' जैसी फिल्मों से अपना नाम बनाने वाले नितेश तिवारी की फिल्म 'बवाल' एक रोमांटिक ड्रामा है जिसमें वरुण धवन और जान्हवी कपूर की जोड़ी पहली बार नजर आएगी। द्वितीय विश्व युद्ध की पृष्ठभूमि पर आधारित फिल्म 'बवाल' दर्शकों को यूरोप के खूबसूरत और दार्शनिक लोकेशंस पर ले जाने के लिए तैयार है। फिल्म की शूटिंग पेरिस, बर्लिन, वारसॉ और लखनऊ सहित कई स्थानों पर हुई। सत्यप्रेम की कथा के बाद निर्माता साजिद नाडियाडवाला की 'बवाल' एक ही यूनिक सब्जेक्ट है।
क्या है फिल्म की कहानी
लखनऊ में रहने वाले अजय (वरुण धवन) और निशा (जान्हवी कपूर) की शादी होती, अजय एक स्कूल में हिस्ट्री टीचर है मगर इतिहास से उनका दूर-दूर तक कोई, नाता नहीं । दूसरी तरफ अज्जू भैया यानी अजय को सबसे ज्यादा अगर किसी चीज की परवाह है तो वह है अपनी 'इमेज' की मगर उस इमेज के लिए उन्होंने अब तक अपने लिए कुछ किया नहीं। दोनों परिवारों की तरफ से देखी सुनी और खुद को भी पसंद आई हुई लड़की से शादी करने के बाद अचानक अज्जू का इमेज आड़े आ जाता है जब शादी के बाद उनकी पत्नी निशा की किसी खामी की वजह से अज्जू को लगता है कि उनकी इमेज का क्या होगा। शादी के पहले दिन से ही पति पत्नी के रिश्ते में दूरियां बन जाती है।
इस बीच अज्जू की खुद की गलतियों की वजह से उनके स्कूल से उसे सस्पेंड कर दिया जाता है। अज्जू जुगाड़ू है... तो जुगाड़ के तहत प्लान बनता है... मगर अब इस प्लान में वो अकेला नहीं बल्कि उनकी नई नवेली दुल्हन निशा भी एक परिस्थिति के तहत विदेश यात्रा पर जाती है और द्वितीय विश्व युद्ध के स्थलों को देखने का मौका मिलता है। कैसे इस सफर के दौरान अज्जू और निशा के रिश्ते का जो बेहद मुश्किल दौर से गुजर रहा है, एक अलग ही मोड़ लेता है। किस तरह द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान हिटलर के कारनामे, उनकी क्रूरता और जीवन के प्रति सीख से अज्जू और निशा की जिंदगी बदलने पर मजबूर हो जाती है।
कैसी है फिल्म के कलाकारों की एक्टिंग
बदलापुर, सुई धागा और अक्टूबर जैसी फिल्मों के बाद 'बवाल' वरुण धवन के लिए एक शानदार परफॉर्मेंस ओरिएंटेड फिल्म होगी। जान्हवी कपूर अपनी फिल्मों का चुनाव बहुत समझदारी से करती हैं और 'बवाल' इसका सटीक उदाहरण है। जान्हवी अपने सशक्त डायलॉग्स के ज़रिए संयम के साथ जरूरी बातों को कहती हैं। बाकी कास्ट की बात करें तो मनोज पाहवा, अंजुमन सक्सेना, मुकेश तिवारी, शशि वर्मा और बाकी सर ही सह कलाकारों ने अच्छा सपोर्ट दिया है।
क्यों देखें फिल्म
1. नितीश तिवारी की ओरिजिनल कहानी जिसमें नयापन है, सीख है और यूनिक लव स्टोरी है।
2. जबरदस्त स्क्रीनप्ले जो कहीं भी आपको बोर होने का मौका नहीं देगा।
3. हंसते-हंसते कब आंखों में आंसू आ जाते हैं इसका एहसास नहीं होता। खास तौर पर जान्हवी कपूर के डायलॉग्स कई जगहों पर दिल को छू जाते हैं।
4. यूरोप की खूबसूरत और जानकारी से भरपूर लोकेशंस की सैर का आनंद आप फिल्म के दौरान ले सकते हैं।
ये रह गईं कमियां
बवाल थोड़ी उलझी हुई कहानी है जिसे अपना उद्देश्य ढूंढने में वक्त लगता है। फिल्म एक्सट्रीम कंपैरिजन से डील करती है। एक पारिवारिक परेशानी और हिटलर की कहानी के साथ उसका संबंध थोड़ा अविश्वसनीय लगता है। 'तुम प्यार करने देते' के अलावा किसी और गाने की खास गुंजाइश नहीं दिखती।
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