Bad Boy Review: बैड बॉय और गुड गर्ल का रोमांस है रोमांचक या बोर? जानिए कैसी है फिल्म
Bad Boy Hindi Review: मिथुन चक्रवर्ती के छोटे बेटे नमोशी चक्रवर्ती की डेब्यू फिल्म 'बैड बॉय' आज सिनेमा घरों में रिलीज हो चुकी है। आइए जानते हैं कि ये फिल्म कैसी है...
Bad Boy Hindi Review: नमोशी चक्रवर्ती और अमरीन कुरैशी की फिल्म 'बैड बॉय' आज 28 अप्रैल को सिनेमाघरों में दस्तक दे चुकी है। फिल्म से दोनों कलाकार डेब्यू कर रहे हैं। ऐसे में मिथुन के छोटे बेटे से उनके फैंस को काफी उम्मीदें हैं। राजकुमार संतोषी के निर्देशन में बनी ये फिल्म एक प्रेम कहानी है। बॉलीवुड में कई बेहतरीन फिल्में देने वाले राजकुमार संतोषी इस बार क्या खास लेकर आए हैं ये जानने के लिए पढ़िये फिल्म का ये रिव्यू...
कहानी
रघु (Namoshi Chakraborty) नाम के एक टपोरी, अनपढ़, बेरोजगार और जिंदगी में बेफिक्र लड़के को एक पढ़ी-लिखी, इंटेलिजेंट, और संस्कारी परिवार की लड़की से प्यार हो जाता है। पर वो कहते हैं ना यह इश्क नहीं आसान...तो लड़की के पिता (sashwat chatterjee) इस कहानी में विलेन है जिसे कतई यह मेल पसंद नहीं। इस फिल्म के दौरान इनकी जद्दोजहद और मज़ेदार संघर्ष दिखाई देता है और साथ में कुछ परिस्थितियां जो फिल्म में हल्का फुल्के पल लेकर आती हैं।
कैसी है एक्टिंग
- नमोशी चक्रवर्ती मिथुन चक्रवर्ती के दूसरे बेटे हैं जिन्होंने इस फिल्म के साथ अपना डेब्यू किया है। नामोशी ने अच्छा काम किया है, उनके क्राफ्ट में वेरिएशंस है। वह कॉमेडी भी कर सकते हैं और एक्शन भी। अगले काम का चयन उन्हें समझ कर करना होगा।
- अमरिन कुरेशी प्रड्यूसर साजिद कुरेशी की बेटी हैं और 'बैड बॉय' के साथ उनका भी डेब्यू हुआ है। अमरीन फ्रेश लगी हैं और पहली फिल्म के हिसाब से काम भी अच्छा है। अगली फिल्म के लिए थोड़ी और मेहनत की जरूरत होगी। शाश्वत चैटर्जी, जॉनी लीवर, दर्शन जरीवाला का सपोर्ट काफी अच्छा है।
- 'अंदाज़ अपना अपना' और 'अजब प्रेम की गजब कहानी' जैसी रोमांटिक कॉमेडी फिल्म बनाने वाले राजकुमार संतोषी ने एक बार फिर वही सुर 'बैड बॉय' के साथ पकड़ा है।
म्यूजिक
हिमेश रेशमिया का म्यूजिक काफी सूदिंग है। लेकिन सभी गानों में 'जनाबे अली' और 'आलम ना पूछो' लोगों को पसंद आ रहे हैं। हिमेश लंबे समय बाद एक बार फिर अपने रोमांस किंग वाले म्यूजिक के साथ वापस आए हैं। रोमांटिक गाने आपको 90's में लेकर जाते हैं।
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फिल्म में ये रह गईं कमियां
बैड बॉय की कहानी बेहद साधारण है कॉमेडी फिल्म को जरूर बचाती है लेकिन बेहद प्रिडिक्टेबल है। फिल्म का ग्राफ कहीं भी ऊपर नीचे नहीं होता है। आज के दौर में लोग रोमांच पसंद करते हैं तो इस फिल्म में खल जाती है। बॉलीवुड फ़िल्में इस समय पर एक क्राइसिस से गुजर रही है जहां बड़ी-बड़ी फिल्में मुंह के बल गिर रही हैं। ऐसे में 'बैड बॉय' जिसमें बिल्कुल नहीं दो चेहरे हैं, उनके लिए पब्लिक को थिएटर में खींच पाना थोड़ा मुश्किल रहेगा।