बाहुबली: द कन्क्लूजन
Movie Review: Baahubali The Conclusion
निर्देशक एस एस राजामौली की फिल्म ‘बाहुबली: द कन्क्लूजन’ आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई। दर्शकों को दो साल से इस फिल्म का इंतजार था, हर कोई जानना चाहता है कि कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा। अब फिल्म रिलीज हो गई है और लोगों को उनके सवाल का जवाब भी मिल जाएगा, लेकिन हम आपको बता दें यह फिल्म ‘कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा’ इस सवाल से कहीं ज्यादा बड़ी और भव्य है। फिल्म में आपको पता तो चलेगा ही कि कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा लेकिन इसके अलावा भी बहुत सी बातें सामने आएंगी, और बहुत से अच्छे दृश्य फिल्म में देखने को मिलेंगे। ‘बाहुबली 2’ जलन, घृणा, प्रेम त्रिकोण और छल की कहानी है।
कहानी
फिल्म जहां खत्म हुई थी फिल्म की कहानी वहां से नहीं शुरू होती, बल्कि इसे आप ‘बाहुबली: द बिगनिंग’ का प्रीक्वल भी कह सकते हैं। फिल्म की शुरूआत वहां से होती है जब बाहुबली का राज्याभिषेक होने वाला होता है और उससे पहले उसे देशाटन के लिए भेजा जाता है, ताकि आम लोगों के बीच रहकर वह आम लोगों का दर्द समझ सके। भ्रमण करते हुए बाहुबली कुंतल देश पहुंच जाता है जहां की राजकुमारी देवसेना से उसे प्यार हो जाता है। इस प्यार की भनक बाहुबली के भाई भल्लालदेव को लग जाती है। वह भी राजकुमारी की तस्वीर देखकर उसकी सुंदरता पर मोहित हो जाता है, और राजमाता शिवगामी से कहकर देवसेना से शादी का प्रस्ताव भेज देता है। यहीं से शुरू होती है छल, जलन, बदले और घृणा की कहानी। बाहुबली देवसेना से शादी करने के लिए सिंहासन छोड़ देता है और शादी करके आम लोगों के बीच रहता है, वहीं भल्लालदेव अपने पिता के साथ मिलकर बाहुबली से बदला लेने का षड़यंत्र रचता है और शिवगामी को भी बाहुबली के खिलाफ भड़का देता है। बाहुबली की मौत किन परिस्थियों में होती है और कटप्पा बाहुबली को क्यों मारता है यह हम आपको नहीं बताएंगे, इसका पता आप फिल्म देखकर ही लगाइगा।
सिनेमेटोग्राफी और विजुअल इफेक्ट
फिल्म की सिनेमेटोग्राफी और वीएफएक्स पिछली फिल्मों के मुकाबले ज्यादा अच्छे हैं। कई दृश्य हमें प्रभावित करते हैं। अगर आप आईमैक्स में यह फिल्म देखेंगे तो आपको 2डी में भी 3डी का एहसास होगा। फिल्म विजुअली काफी रिच है, और इसकी भव्यता आपका मन मोह लेगी।
फिल्म के बेस्ट सीन
फिल्म में आपको कटप्पा और बाहुबली के बीच कुछ मजेदार पल और संवाद देखने को मिलेंगे। जो आपको गुदगुदाएंगे भी और इमोशनल भी करेंगे। बाहुबली कटप्पा को बुढ़ऊ कहकर छेड़ते है।
इसके अलावा फिल्म में जब दो स्त्रियों का टकराव होता है वो भी फिल्म के बेस्ट सीन में से एक हैं। एक तरफ माहिष्मति की राजमाता शिवगामी है तो दूसरी तरफ कुंतल की स्वाभिमानी राजकुमारी देवसेना। दोनों के बीच फिल्माए गए दृश्य देखने लायक है।
अभिनय
फिल्म की बात करे तो यह फिल्म पूरी तरह से प्रभास के नाम रही, बाहुबली के किरदार में वो 3 घंटे तक पर्दे पर छाए रहे। भल्लालदेव के रूप में राणा दग्गूबाती ने कमाल का काम किया है। शिवगामी के रूप में राम्या कृष्णन पहले पार्ट में भी अपने अभिनय से इम्प्रेस कर चुकी हैं, इस फिल्म में भी उन्होंने बहुत अच्छा अभिनय किया है। लेकिन सबसे ज्यादा जो मुझे प्रभावित करती हैं वो हैं अनुष्का शेट्टी। पिछली फिल्म में अनुष्का एक बूढ़ी औरत के रूप में मटमैले कपड़ों में नजर आती हैं लेकिन इस फिल्म में अनुष्का एक राजकुमारी के रूप में है्ं, ग्लैमरस अवतार के अलावा फिल्म में उनका अभिनय और स्क्रीन प्रजेंस बहुत अच्छा लगा है । एक स्वाभिमानी राजकुमारी और एक आदर्श पत्नी के रूप में देखकर आप भी उनसे प्रभावित हो जाएंगे। कटप्पा के किरदार में सत्यराज ने भी अच्छा अभिनय किया है। फिल्म में अभिनेत्री तमन्ना भाटिया सिर्फ अंत के कुछ सीन में नजर आती हैं इस फिल्म में उनका किरदार नहीं के बराबर है।
निर्देशन
एस एस राजामौली इस फिल्म के असली हीरो हैं। उन्होंने जो सपना देखा तो उसे सच कर दिखाया। फिल्म में उनकी मेहनत साफ दिखती है। इसे आज ब्लॉकबस्टर फिल्म कह सकते हैं लेकिन आने वाले वक्त में यह भारतीय सिनेमा की क्लासिक फिल्मों में शुमार होगी।
फिल्म की कमजोर कड़ी
फिल्म हिंदी में डब है, जिसकी वजह से कई जगह लिप सिंक आउट है। इतना ही नहीं फिल्म के गाने आपको बोर करते हैं। बॉलीवुड फिल्में अपने गानों की वजह से जानी जाती हैं, लेकिन हिंदी डब करते वक्त एस एस राजामौली इससे चूक गए और लिप सिंक मिलाने के लिए लिखे गाने हम सिर्फ खूबसूरत सिनेमेटोग्राफी की वजह से झेलते हैं।
देखे या नहीं
आपको यह फिल्म जरूर देखनी चाहिए। एस एस राजामौली ने जो फैंटेसी की दुनिया रची है उसे आप देखने से चूकेंगे तो पछताएंगे। एृक और खास बात इस फिल्म का मजा आपको थियेटर में देखने में ही आएगा।
ओवरऑल इस फिल्म को हम 4 स्टार देंगे।