एनिमल रणबीर कपूर का वन मैन शो है ये फिल्म, कमजोर दिल वाले सोच-समझकर खरीदें टिकट
निर्देशक संदीप रेड्डी वांगा की रणबीर कपूर स्टारर फिल्म 'एनिमल' आज रिलीज हो गई है। फिल्म के डायलॉग और कहानी दोनों ही ट्रेलर रिलीज के बाद से सुर्खियों में थे। आइये हम आपको बताते हैं कि कैसी है ये फिल्म...
नई दिल्लीः खून में लथपथ गन चलाते और हमेशा लबों पर सिगरेट दबाए रणबीर कपूर की शायद आज से पहले कभी कल्पना भी नहीं की होगी, इसलिए जब फिल्म 'एनिमल' का ट्रेलर रिलीज हुआ तो लोग इसके लिए क्रैजी हो गए। संदीप रेड्डी वांगा निर्देशित फिल्म 'एनिमल' ने आज सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। ट्रेलर सामने आने के बाद से बॉबी देओल और अनिल कपूर की एक्टिंग काफी चर्चा में थी। लेकिन फिल्म देखने के बाद यह अतिश्योक्ति नहीं हो कि यह फिल्म सिर्फ और सिर्फ रणबीर कपूर का वन मैन शो है। लेकिन फिल्म देखने की अगर सोच रहे हैं तो पहले ये रिव्यू पढ़ लें और अगर आप कमजोर दिल के इंसान हैं तो भूलकर भी फिल्म न देखें।
कैसी है कहानी
'एनिमल' की कहानी की बात करें तो यह फिल्म शुरू होते ही आपको झटका लग सकता है, क्योंकि पहले सीन में रणबीर का ऐसा लुक है जो ट्रेलर और टीजन में नहीं देखा गया। फिल्म फ्लैशबैक में रिलीज होती है। यह एक ऐसे बेटे की कहानी है जो अपने पिता के प्यार में पागल है। पिता ही उसके हीरो हैं और वह बचपन से लगातार इस कोशिश में जुटा रहता है कैसे उसके पिता उसकी तारीफ करें। लेकिन पिता बलबीर सिंह एक बड़े बिजनेसमैन हैं। जिनके पास बेटे के लिए समय ही नहीं। पिता के रोल में अनिल कपूर दिल जीत लेते हैं। उम्र बढ़ने के साथ बलबीर सिंह का बेटा ज्यादा हिंसक होता जाता है। बेटे के हिंसक होने के कारण उसे कई साल के लिए पढ़ने के लिए बाहर भेज दिया जाता है। फिर जब वह वापस आता है तो काफी स्वैग के साथ लौटता है। यहां होती है रणबीर की एंट्री, जिसके बाद हॉल कई देर तक सीटियों और तालियों से गूंजता है। वह शादी के ठीक एक दिन पहले वह अपने दोस्त की बहन को प्रपोज करता है और उससे शादी कर लेता है। रश्मिका मंदाना भी रणबीर के अपोजिट खूब जंच रही हैं।
कहानी सीधे 8 साद बाद पहुंचती है और रणबीर अपने पिता पर हुए एक हमले का बदला लेने देश लौटता है। इसके बाद हर सीन आपकी धड़कने बढ़ाएगा सेकेंड हाफ में बॉबी देओल (अबरार) की एंट्री हॉल में एक बार फिर सीटियां बजवा देती है। अगर हम कुछ भी बताएंगे तो आपका फिल्म देखने का मजा खराब हो सकता है।
और हां अगर आप सोच रहे हैं कि हमने अब तक फिल्म में रणबीर के किरदार का नाम क्यों नहीं लिखा तो पहले हॉफ में यह नाम भी एक सस्पेंस ही है। क्योंकि वह पूरे समय बलबीर सिंह का बेटा है। इस किरदार के पिता के प्रति जुनून को दिखाने का निर्देशक संदीप रेड्डी वांगा का ये अनोखा अंदाज था।
फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर और गाने हैं इसकी जान
फिल्म में एक से बढ़कर एक गाने हैं। हर एक मूड का एक गाना फिल्म में मौजूद है। गानों की वैराइटी का अंदाजा 'अर्जन वैली' (युद्ध का गीत) और 'मेरे पापा' (भावुक गीत), और तेरा हुआ (रोमांटिक) से लगाया जा सकता है। फिल्म की कहानी को आपको भीतर तक उतारने के लिए प्रीतम, जानी और विशाल मिश्रा ने जमकर मेहनत की है। वहीं बैकग्राउंड स्कोर भी इतना तगड़ा है कि आप हर पल को एंजॉय करेंगे।
लंबी लेकिन बांधे रखने वाली फिल्म
निर्देशक संदीप रेड्डी वांगा एक बार फिर तारीफ के काबिल इसलिए लगते हं क्योंकि 'एनिमल' का रनटाइम 3 घंटे 20 मिनट है, लेकिन यह फिल्म पूरे समय आपको सीट पर बांधे रखेगी। हर सीन किरदार की बारीकियों को और निखारकर सामने लाता है। 'एनिमल' में संदीप रेड्डी वांगा का नायक पागल ही नहीं सच में जानवर ही है। लेकिन तब भी आप इस किरदार के प्यार में पड़ ही जाएंगे।
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