फिल्म समीक्षा: Finest Hours को न देखने की गलती न करें
अद्भुत...शानदार...जबरदस्त। कहानी कुछ ऐसे सच्चे हीरोज की जो समुद्र तटरक्षक होते हैं, लेकिन विनम्रता और निस्वार्थता ऐसी कि आपका मन उनको सलाम करने को हो उठे।
अद्भुत...शानदार...जबरदस्त। कहानी कुछ ऐसे सच्चे हीरोज की जो समुद्र तटरक्षक होते हैं, लेकिन विनम्रता और निस्वार्थता ऐसी कि आपका मन उनको सलाम करने को हो उठे। फिल्म देखने जा रहे हैं तो अपने किसी दोस्त को साथ ले जाइए। ताकि अगर आप सत्तर फुट ऊंची उठती समुद्री लहरों को पर्दें पर देखें तो सांसे रोककर आप एक दूसरे को धीरज बंधाने की फीलिंग को जी पाएं। इतना सब देखने के बाद यकीनन आप उस स्थिति में नहीं होंगे जिस स्थिति में आप थियेटर में दाखिल हुए थे। हॉलीवुड फिल्म Finest Hours अमेरिकी तटरक्षक बलों के जवानों के एक खतरनाक मिशन से जुड़ी कहानी है, इसके दृश्य आपको अवाक और हैरान कर सकते हैं।
साल 1952 की एक सच्ची घटना पर आधारित है जिसमें अमेरिकी तटरक्षक बल के जवान एक साहसी मिशन को अंजाम देते हैं जिसमें दो तेल के टैंकर मैसाचुसैट के केप-गॉड में लहरों के बवंडर के बीच फंस जाते हैं। समुद्री लहरें इन दोनों टैकंरों पर इतना तेज प्रहार करती हैं कि एसएस फोर्ट मर्सर और एसएस पेंजेल्टन लहरों के चलते अपने आकार के लगभग आधे हिस्से में टूट जाते हैं। कोस्ट गार्ड लोगों को बचाने के लिए कुछ बहादुर ऑफिसर को इस असंभव से मिशन को पूरा करने के लिए भेजते हैं।
इस फिल्म में जेवियर अगुरोसोराब की सिनेमेटोग्राफी शानदार है। फिल्म के अधिकांश हिस्से में इस्तेमाल किए गए स्पेशल इफेक्टस पर फिल्म के दौरान किसी का ध्यान नहीं जाता। फिल्म के निदेशक क्रेग गिलेस्पी आपको समुद्र की उन खतरनाक लहरों के बीच पहुंचा देते हैं, जहां आपकी संवेदनाएं आपको कोस्ट गार्ड वालंटियर फील करने पर मजबूर कर देती है, जो एक छोटे से लाइफबोट के सहारे समुद्र की ऊंची लहरों की बीच कूद पड़ता है और आगे बढ़ने की कोशिश करता रहता है। फिल्म की तासीर ऐसी है कि कुछ सीन्स के दौरान आप खुद को समुद्र में डूबा हुआ भी मान सकते हैं। अगर इस फिल्म के पात्रों की बात की जाए तो इसमें क्रिस पाइन, कैसे अफेक, बेन फोस्टर, एरिक बाना, हॉलीडे ग्रेंगर, जॉन ओरिट्ज और ग्राह्म मैक्ट्विस। इस फिल्म को आलोचक तीन स्टार दे रहे हैं लेकिन यह एक शानदार और देखने लायक फिल्म है।