इस फिल्मों का बाजार काफी ठंडा है। फिल्में रिलीज होते बॉक्स ऑफिस पर धमाल नहीं मचा पा रही हैं। एक के बाद एक फिल्में पिट रही हैं। चुनावों के बीच फिल्मों को कम ही रिलीज भी किया जा रहा है। कई फिल्मों की रिलीज डेट भी टाली जा चुकी है। ऐसे में इस गर्मी में कोई तेलुगू या हिंदी ब्लॉकबस्टर रिलीज नहीं होने के कारण तेलंगाना भर के सिंगल-स्क्रीन सिनेमाघरों ने 10 दिनों के लिए बंद करने का फैसला किया है। इन सिनेमाघरों के प्रबंधन ने वित्तीय घाटे को कम करने के लिए शुक्रवार से फिल्मों की स्क्रीनिंग बंद करने का फैसला किया है। फिम एग्जिबिटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विजयेंद्र रेड्डी ने कहा कि दर्शकों की संख्या में उल्लेखनीय गिरावट आई है।
इस वजह से लोग नहीं देख रहे थिएटर में फिल्में
इस सीजन में कोई भी बड़े बजट की फिल्म उपलब्ध न होने के कारण सिनेमाघरों में दर्शकों की संख्या में कमी आई है। ओटीटी प्लेटफार्मों पर सामग्री की आसान उपलब्धता, इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) मैच और चल रहे चुनावों में रुचि को सिंगल-स्क्रीन थिएटरों में दर्शकों की संख्या में गिरावट के अन्य कारण बताए गए हैं। रेड्डी ने कहा कि सिंगल स्क्रीन थिएटर मालिकों को भारी घाटा हो रहा है। कहा जाता है कि फिल्मों की स्क्रीनिंग पर होने वाला खर्च बॉक्स-ऑफिस कलेक्शन से ज्यादा हो जाता है।
10 दिनों बाद खुलने की संभवा
तेलंगाना में लगभग 250 सिंगल-स्क्रीन थिएटर हैं। उनमें से लगभग 100 हैदराबाद में हैं। कई मल्टीप्लेक्सों ने भी शो की संख्या कम कर दी है, लेकिन छोटे थिएटरों के पास स्क्रीनिंग पूरी तरह से बंद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। 10 दिनों के बाद थिएटर प्रबंधन स्थिति का जायजा लेंगे और थिएटरों को फिर से खोलने पर फैसला करेंगे। उनमें से अधिकांश के 10 दिनों के बाद भी फिर से खुलने की संभावना नहीं है, क्योंकि इस महीने स्थिति में सुधार नहीं हो सकता। प्रमुख सितारों की फिल्में निर्माणाधीन हैं और मालिकों को अभी और इंतजार करना होगा। रेड्डी ने कहा कि अगर निर्माता सिनेमाघरों को चलाने में मालिकों की मदद के लिए आगे आते हैं तो इन्हें जल्दी फिर से खोला जा सकता है।
Input-IANS
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