दिवंगत एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की आज बर्थ एनिवर्सरी है। इस उभरते हुए सितारे ने लगभग दो साल पहले दुनिया को अलविदा कह दिया था। फैंस के दिल में अभी भी सुशांत के जाने का गम जिंदा है लेकिन फैंस को उम्मीद है कि ऐसे शानदार सितारे मरा नहीं करते। वो अपने हुनर औऱ एक्टिंग के दम पर दर्शकों के दिलों में जिंदा रहते हैं।
टीवी की दुनिया में हुनर दिखाने के बाद सुशांत सिंह ने जब फिल्मों की तरफ रुख किया तो उनका सपना था कि वो टीवी की तरह बॉलीवुड में भी नाम कमाएं। पवित्र रिश्ता की कामयाबी के बाद लोगों को उनके अंदर का हुनर दिखने लगा था।
हालांकि टीवी की दुनिया से एकदम बॉलीवुड में कूदना और सफल होना इतना आसान नहीं था। सुशांत अगर नाकामयाब होते तो भी प्लान बी उनके पास तैयार था। इसका अंदाजा तब लगा जब एक इंटरव्यू में पूछे गए सवाल पर सुशांत ने कहा कि फिल्में नहीं मिली तो मैं मुंबई में कैंटीन खोल लूंगा।
उस वक्त इंटरव्यू लेने वाला शख्स भी हैरान हो गया था जो लाजमी था। लेकिन सुशांत का क्लीयर थॉट प्रोसेस था कि वो मुंबई से दूर नहीं जाएंगे।सुशांत ने कहा कि वो मुंबई की फिल्म सिटी में एक कैंटीन खोलेंगे। वहां कैमरा लेकर खुद शूटिंग करेंगे और खुद की फिल्मे बनाएंगे।
कैंटीन ही क्यों, सुशांत ने कहा कि भूख लगे तो वहां कुछ खा सकूं। हालांकि कैंटीन का आइडिया सिर्फ इसलिए चुना क्योंकि वो फिल्म सिटी के दिल में बसना चाहते थे। बाकी उनका फिल्मी जुनून कुछ ऐसा रहा कि कई सारी हिट फिल्में उनके खाते में आई।
धोनी, छिछोरे, काईपोचे जैसी फिल्मों ने उन्हें बतौर एक्टर पहचान दिलाई। छिछोरे के लिए सुशांत को नेशनल अवॉर्ड भी मिला।
कहा जाता है कि आखिरी वक्त में सुशांत डिप्रेशन से जूझ रहे थे। उनकी असामयिक मौत ने बॉलीवुड में नेपोटिज्म की बहस जरूर छेड़ दी लेकिन इतना तय है कि ये सितारा अपने बलबूते पर एक नया मुकाम हासिल कर सकता था।
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