नई दिल्लीः संजय दत्त बॉलीवुड के सबसे पॉपुलर एक्टर्स में शुमार हैं। वह अपनी निजी जिंदगी में उतार-चढ़ाव के कई दौर देखने वाले एकलौते स्टार भी देखे हैं। संजय दत्त का नाम सामने आते ही उनके जीवन से जुड़े सारे वाकये भी याद आने लगते हैं। उन्हों उस समय कठिन दौर से गुजरना पड़ा जब उन्हें जेल में अपनी रातें काटनी पड़ीं। अब एक पूर्व आईपीएस अधिकारी ने यह खुलासा किया है कि सलाखों के पीछे बिताए समय में संजय दत्त किस तरह दिन काट रहे थे।
नहीं मिला खास ट्रीटमेंट
संजय दत्त को जिस समय सलाखों के पार जाना पड़ा तब पूर्व आईपीएस अधिकारी मीरान चड्ढा बोरवंकर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (जेल) थे। साइरस ब्रोचा के पॉडकास्ट पर उन्होंने उन दावों का खंडन किया कि अभिनेता को जेल में स्पेशल ट्रीटमेंट मिला था। उन्होंने यह भी कहा कि जेल में दत्त के साथ अच्छा व्यवहार किया गया। उन्होंने बताया, "वह आम तौर पर अच्छा था क्योंकि उसकी पैरोल जेल में उसके व्यवहार पर निर्भर थी। अगर उसने व्यवहार नहीं किया होता, तो हम उसे पैरोल की अनुमति नहीं देते। काम भी करता था, बीड़ी और सिगरेट भी खरीद लेता था। कुल मिलाकर, उसे एहसास हो गया था कि यहां उसका व्यवहार बेहतर है।"
अपने एनकाउंटर को लेकर थे परेशान
बोरवंकर ने अपनी किताब में उस समय के बारे में लिखा है जब दत्त को आर्थर रोड जेल से पुणे की यरवदा जेल में स्थानांतरित किया जाने वाला था और वह मुठभेड़ में मारे जाने को लेकर चिंतित थे। उन्होंने लिखा है, "दत्त को डर था कि वह रास्ते में किसी मुठभेड़ में मारा जाएगा! उनका डर इतना वास्तविक था कि उन्हें पसीना आने लगा और उन्होंने बुखार होने की शिकायत की। खबर लीक होने के बाद स्थानांतरण रद्द कर दिया गया। बाद में दत्त को एक मुठभेड़ के बारे में उनकी गलत धारणा के बारे में सलाह दिए जाने के बाद जेल में ट्रांसफर कर दिया गया।"
इन फिल्मों में आएंगे नजर
वर्कफ्रंट की बात करें तो उन्हें हाल ही में तमिल फिल्म 'लियो' में देखा गया था। वह अगली बार तेलुगु फिल्म 'डबल स्मार्ट' और पंजाबी फिल्म 'शेरन दी कौम' और कन्नड़ फिल्म 'केडी - द डेविल' में नजर आएंगे।
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