दिलीप कुमार की 99वीं बर्थ एनिवर्सरी पर भावुक हुईं सायरा बानो, कहा- मेरे लिए रहेंगे सदा जीवित
11 दिसंबर को दिलीप कुमार की 99वीं बर्थ एनिवसर्री पर सुभाष घई के विसलिंग वुड्स इंस्टीट्यूट में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।
Highlights
- दिलीप कुमार की 99वीं बर्थ एनिवर्सरी
- सायरा बानो को संभालते नजर आए सुभाष घई और धर्मेंद्र
बीते जमाने की मशहूर अभिनेत्री सायरा बानो ने अपने पति और दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार के निधन के बाद पहली बार उनके 99वें जन्मदिन पर घर के बाहर कदम रखा है। इस मौके में वह काफी भावुक नजर आईं। वहीं धर्मेन्द्र और फिल्ममेकर सुभाष घई ने उन्हें संभालने की काफी कोशिश करते हुए नजर आए।
11 दिसंबर को दिलीप कुमार की 99वीं बर्थ एनिवसर्री पर सुभाष घई के विसलिंग वुड्स इंस्टीट्यूट में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम में सायरा सुभाष घई, धर्मेंद्र समेत कई लोगों ने ट्रेजडी किंग को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान सायरा बानो ने दिलीप साहब को बहुत याद किया।
अभिनेत्री सायरा बानो ने महान अभिनेता दिलीप कुमार को याद करते हुए कहा कि उनके दिवंगत पति उनके लिए सदैव जीवित रहेंगे। कुमार यदि आज जीवित होते तो शनिवार को वह अपना 99वां जन्मदिन मना रहे होते।बता दें कि लंबी बीमारी के बाद सात जुलाई को दिलीप कुमार का निधन हो गया था।
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सायरा बानो ने कहा कि कुमार के शारीरिक रूप से साथ नहीं होने के कारण एक बड़ा खालीपन पैदा हो गया है। लेकिन उन्हें अब भी लगता है कि उनके पति हर कदम पर उनके साथ हैं।
सायरा ने आगे कहा, 'मैं प्रार्थना करूंगी, उन्हें याद करूंगी। मैं जुहू गार्डन (जुहू कब्रिस्तान) जाना चाहती हूं, जहां वह (दफन) हैं।'
मुगल-ए-आजम, देवदास, नया दौर और राम और श्याम जैसी बेहतरीन फिल्मों में अभिनय का जादू बिखेरने वाले कुमार के इससे पहले के जन्मदिनों को याद करते हुए बानो ने कहा कि उनके जन्मदिन पर भारत और दुनिया भर से उनके प्रशंसक उन्हें शुभकामनाएं भेजते थे और घर फूलों एवं रंगीन गुलदस्तों से भर जाता था।
बानो ने कहा कि कुमार को लोगों का बहुत प्यार मिला। उन्होंने कहा कि कुमार जीवंत व्यक्ति थे और खाने के बहुत शौकीन थे, उन्हें साधारण कपड़े पहनना और खेलना पसंद था। बानो ने कहा कि कुमार के निधन के बाद एक बड़ा खालीपन सा आ गया है।
बानो ने बताया कि वह कई महीनों से कुमार की ओर से गरीबों को भोजन भेज रही हैं। अक्सर कहा जाता है कि समय हर घाव भर देता है, लेकिन बानो ने कहा कि उनके साहेब के बिना उनका जीवन अकल्पनीय बन गया है। बानो कुमार को प्यार से साहेब कहा करती थीं।
उन्होंने कहा, 'मैं खुद को स्वस्थ रखने की कोशिश कर रही हूं। आप कल्पना कर सकते हैं कि यह कितना मुश्किल काम है। यह बड़ा झटका है। मुझे वास्तव में नहीं पता कि मुझे इससे उबरने में कितना समय लगेगा या मैं इससे उबर भी पाऊंगी या नहीं।'
कुमार के साथ बिताए पांच दशक की यादें उनका सहारा हैं। मुझे लगता है कि वह मेरे हाथ में हाथ डालकर साथ चल रहे हैं। मैं यही सोचती हूं कि वह यहीं हैं और मैं इसी तरह जीना चाहती हूं। उनके बिना चलना मेरे लिए अकल्पनीय है। हमने जीवन साथ बिताया है। हम 55-56 साल साथ रहे हैं। हर विवाह में कुछ उतार-चढ़ाव आते हैं, लेकिन हमने बेहतरीन समय साथ बिताया। उन्होंने मेरा जीवन में मेरा बहुत सहयोग किया। यह मेरा सौभाग्य है कि मैंने उनके साथ जीवन बिताया। वह हमेशा मेरी यादों में रहेंगे। वह मेरे लिए सदैव जीवित रहेंगे।
बता दें कि सायरा बानो ने 1966 में दिलीप कुमार के साथ विवाह होने से पहले उनके साथ सगीना, बैरंग और गोपी जैसी कुछ फिल्मों में काम किया था।
इनपुट पीटीआई