अली फजल (Ali Fazal) और ऋचा चड्ढा (Richa Chaddha) के प्रोडक्शन हाउस की पहली फिल्म 'गर्ल्स विल बी गर्ल्स' (Girls Will Be Girls) ने शूटिंग शुरू होने से पहले ही प्री-प्रोडक्शन स्टेज पर ही असाधारण प्रशंसा बटोरी। इसे स्क्रिप्ट स्तर पर कई अनुदान और पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। फिल्म की स्क्रिप्ट ने इस साल फरवरी में बर्लीनेल को-प्रोडक्शन मार्केट में एक ऊष्मायन कार्यक्रम के लिए बर्लीनेल टैलेंट फुटप्रिंट मास्टरकार्ड अनुदान जीता। उस पैसे का इस्तेमाल पुशिंग बटन, लाइट एंड लाइट और बर्लिनेल द्वारा आयोजित अंडरकरंट लाइटनिंग वर्कशॉप के लिए किया गया था और यह उन महिलाओं के लिए एक मुफ्त लाइटिंग वर्कशॉप थी जो गैफर बनना चाहती हैं।
फिल्म ने दो विकास पुरस्कार भी जीते - फ्रांसीसी टीवी चैनल ARTE द्वारा आर्टेकिनो पुरस्कार और इसके साथ ही प्रतिष्ठित ऐड औक्स सिनेमाज डू मोंडे अनुदान हासिल किया। और चौथा अनुदान नार्वे सरकार द्वारा दिया गया।
फिल्म के शुरुआती दौर में इतनी पहचान मिलने के बाद ऋचा वाकई में काफी उत्साहित हैं। रिचा कहती है, 'पहली प्रॉजेक्ट्स हमेशा खास होती हैं और आप उनके लिए हर संभव प्रयास करते हैं। अली और मैं फिल्म निर्माण में नए हैं लेकिन सिनेमा के लिए हमारा दिल धड़कता है। कोई भी विकास फिल्म अपने जोखिमों के सेट के साथ आती है। हम इस पर विश्वास करने के लिए अपने फ्रांसीसी और भारतीय सह-निर्माताओं के आभारी हैं।'
पुशिंग बटन स्टूडियो की शुरुआत पिछले साल हुई थी। प्रोडक्शन हाउस की पहली फिल्म 'गर्ल्स विल बी गर्ल्स' है और इसे शुचि तलाती द्वारा निर्देशित किया जाएगा। उत्तरी भारत के एक हिल स्टेशन के बोर्डिंग स्कूल पर आधारित यह फिल्म एक मां-बेटी की जोड़ी की बढ़ती उम्र की कहानी है।
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