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Hindi News मनोरंजन बॉलीवुड पंडित जसराज की पत्नी का निधन, लंबे समय से बीमारी से जूझ रही थीं मधुरा, शोक में डूबा परिवार

पंडित जसराज की पत्नी का निधन, लंबे समय से बीमारी से जूझ रही थीं मधुरा, शोक में डूबा परिवार

मेवाती घराने के अप्रतिम गायक पंडित जसराज की पत्नी मधुरा का बुधवार को निधन हो गया। मधुरा लंबे समय से बीमार थीं। मधुरा के निधन के बाद परिवार में शोक की लहर छा गई।

pandit jasraj- India TV Hindi Image Source : INSTAGRAM पंडित जसराज

पद्मविभूषण, पद्मभूषण और पद्मश्री समेत दर्जनभर से ज्यादा प्रतिष्ठित अवॉर्ड जीतने वाले पंडित जसराज की पत्नी मधुरा जसराज का बुधवार को निधन हो गया। मधुरा जसराज भी फिल्मकार, लेखिका और संगीत प्रेमी थीं। मधुका लंबे समय से बीमारी से जूझ रही थीं। मधुरा के निधन की खबर से बॉलीवुड में शोक की लहर है। पंडित जसराज की पत्नी मधुरा का अंतिम संस्कार बुधवार की शाम को किया जाएगा। साथ ही बॉलीवुड सितारों ने उन्हें श्रद्धांजलि भी देना शुरू कर दिया है। 

कौन थे पंडित जसराज?

पंडित जसराज मेवाती घराने के अप्रतिम गायक थे। भारत समेत पूरी दुनिया में संगीत जगत में पंडित जसराज का काफी नाम था। कनाडा के टोरंटो शहर के एक विश्वविद्यालय में पंडित जसराज के नाम की स्कॉलरशिप भी चलाई जाती है। साथ ही अमेरिका के न्यूयॉर्क में एक संगीत भवन का नाम भी 'पंडित जसराज ऑडिटोरियम' रखा गया है। पंडित जसराज संगीत की दुनिया का एक चमकता सितारा रहे हैं। पंडित जसराज को पद्मविभूषण, पद्मभूषण, पद्मश्री, कालिदास सम्मान, संगीत नाटक अकादमी रत्न-सदस्यता, कांची कामकोटि का 'अस्थाना विद्वानम,' महाराष्ट्र गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। इतना ही नहीं पंडित जसराज को शांतिनिकेतन की मानद उपाधि ' देसिकोत्तम', उस्ताद हाफ़िज़ अली खां पुरस्कार, पंडित दीनानाथ मंगेशकर सम्मान, डागर घराना सम्मान, आदित्य विक्रम बिड़ला पुरस्कार, पंडित भीमसेन जोशी लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड, सुमित्रा चरतराम लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार और उस्ताद बिस्मिल्लाह खान सम्मान विशेष से भी नवाजा गया है। पंडित जसराज  की पत्नी की निधन से उनके परिवार में शोक की लहर है। 

'ओम नमो भगवते वासुदेवाय' को घर-घर पहुंचाया

गानों में अब भक्ति गीतों का भी फिल्मी गीतों से जलवा कम नहीं हैं। कई धार्मिक गाने यूट्यूब पर छाए रहते हैं। लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि पंडित जसराज ने ही अपनी आवाज से भजनों को घर-घर तक पहुंचाने की शुरुआत की थी। पंडित जसराज ने 'ओम नमो भगवते वासुदेवाय', और  'अच्युचतं केशवम्' जैसे श्लोकों को गायकी में बदलकर घर-घर में पहुंचाने का काम किया है। 

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