एनटी रामा राव किसी भी पहचान के मोहताज नहीं हैं। वो अपने दौर के बहुत ही जबरदस्त एक्टर होने के साथ डायरेक्टर और प्रोड्यूसर भी रह चुके थे। इसके साथ ही वो आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री भी थे। नंदमुरी तारक रामा राव यानी NTR की आज 101वीं जयंती है। साउथ सुपरस्टार जूनियर एनटीआर के दादा एनटी रामा राव का साउथ इंडस्ट्री में जबरदस्त दबदबा रहै है। 300 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके NTR इतने पॉपुलर थे कि उन्हें देखने के बाद लोग उनसे बिना मिलने नहीं रह पाते थे। लोग उन्हें देवता मानते थे क्योंकि उन्होंने 17 फिल्मों में भगवान कृष्ण की भूमिका निभाई थी जो कि एक रिकॉर्ड बन गया। आज तक कोई भी ये रिकॉर्ड तोड़ नहीं पाया है।
ग्रेटेस्ट एक्टर ऑफ ऑल टाइम थे रामा राव
रामा राव को तीन नेशनल अवॉर्ड मिले थे और 2013 में सिनेमा के 100 साल पूरे होने पर एक पोल में उन्हें ग्रेटेस्ट एक्टर ऑफ ऑल टाइम की उपाधि भी दी गई थी। इतना ही नहीं एनटी रामा राव की 1951 में रिलीज हुई फिल्म 'पाताल भैरवी' पहले इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया में दिखाई जाने वाली फर्स्ट मूवी थी। बता दें कि 1951 में रिलीज हुई 'मल्लिश्वरी' को बीजिंग फिल्म फेस्टिवल चाइना में दिखाया गया था, जबकि 1957 की मायाबाजार और 1963 की नर्तनशाला को एफ्रो एशियन फिल्म फेस्टिवल जकार्ता, इंडोनेशिया में दिखाया गया था। खास बात तो ये है कि इन चारों ही फिल्मों का नाम CNN-IBN की '100 ग्रेटेस्ट इंडियन फिल्म्स ऑफ ऑलटाइम' की लिस्ट में शामिल में है।
एक्टिंग के लिए छोड़ी सरकारी नौकरी
1982 में तेलगु देशम पार्टी बनाई और पॉलिटिक्स में एंट्री ली। बता दें कि एनटी रामा राव ने अपने करियर के दौरान कृष्ण के अलावा राम और रावण का रोल भी प्ले कर चुके हैं। साल 1949 में फिल्म 'मन देसम' से एन टी रामा राव ने अपने करियर की शुरुआत की थी। वहीं 1958 में रिलीज हुई फिल्म 'भूकैलस' में उन्होंने रावण का रोल प्ले किया था। बहुत कम लोग जानते हैं कि जिस साल देश को आजादी मिली, उसी साल उन्हें मद्रास सर्विस कमीशन में सब रजिस्ट्रार की नौकरी मिली थी, लेकिन एक्टिंग में करियर बनाने के लिए उन्होंने केवल तीन हफ्ते में ये नौकरी छोड़ दी।
एनटी रामा राव की आखिरी फिल्म
1963 में रिलीज हुई फिल्म 'लव कुश' में दिवंगत अभिनेता रामा राव ने श्रीराम का रोल प्ले किया था। इस फिल्म ने जबरदस्त सफलता हासिल की थी, जिसकी चर्चा आज भी होती है। इस मूवी के बाद उन्होंने फिल्मों में काम करना बंद कर दिया और निर्देशन की ओर कदम बढ़ाया। बता दें कि उनकी आखिरी फिल्म 'श्रीनाथ कवि सर्वभौमुदु' थी जो 1993 में रिलीज हुई थी।
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