Main Mulayam Singh Yadav: इस फिल्म में नजर आए थे 'नेताजी' की जिंदगी से जुड़े कुछ अनसुने राज
Mulayam Singh Yadav: उत्तर प्रदेश के लोकप्रिय नेता और 'धरतीपुत्र' के नाम से पहचाने जाने वाले मुलायम सिंह यादव को सफलता और असफलता ने कभी प्रभावित नहीं किया। नेताजी अपनी उस पीढ़ी के राजनेताओं में से एक थे, जिन्होंने अपने मूल्यों को बरकरार रखा और राजनीति में किसी भी चीज से समझौता नहीं किया।
Highlights
- 'मैं मुलायम सिंह यादव' 29 जनवरी 2021 को रिलीज हुई थी
- फिल्म में अमित सेठी ने सपा सरंक्षक का किरदार निभाया था
- मुलायम सिंह यादव को 'नेताजी' के नाम से भी जाना जाता था
Mulayam Singh Yadav: अपने दमखम और नीतियों से राजनीति दुनिया में मुकाम हासिल करने वाले समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव इस दुनिया में रहें। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री ने आज (10 अक्टूबर) को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली। बीते कुछ दिनों से मेदांता में उनका इलाज चल रहा था। मुलायम सिंह यादव को 'नेताजी' और 'धरतीपुत्र' के नाम से भी जाना जाता था। वो उत्तर प्रदेश के काफी लोकप्रिय नेता था। यूपी की राजनीति में उनकी एक अलग ही धमक थी। नेताजी के लिए हर कोई महत्वपूर्ण था। चाहे वह उनके परिवार वाले हों या गांव का कोई व्यक्ति। वह दोस्तों के दोस्त थे। वह अपने दुश्मनों को भी दोस्त बना लेते थे।
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फिल्म 'मैं मुलायम सिंह यादव'
मुलायम यादव की कुशल राजनीति का ही नतीजा ही था कि उन्हें जनता ने 3 बार यूपी की सीएम कुर्सी पर बैठाया। नेताजी का राजनीतिक सफर काफी जितना संघर्षपूर्ण था उतनी ही उनकी जिंदगी भी दिलचस्प रही। जनता के बीच मुलायम सिंह की लोकप्रियता को देखते हुए सालों पहले उनपर एक बायोपिक फिल्म बनी थी। साल 2021 में डायरेक्टर सुवेंदु राज घोष ने नेताजी पर 'मैं मुलायम सिंह यादव' बनाई थी।' फिल्म बनाई थी। फिल्म के माध्यम से उनकी जिंदगी की कहानी को पर्दे पर उतारा गया था। फिल्म में दिखाया गया है कि एक साधारण परिवार से आने वाले मुलायम सिंह यादव के पिता चाहते थे कि वह पहलवान बने। उन्होंने अखाड़े से शुरुआत भी की। संयोग से ऐसी ही एक कुश्ती प्रतियोगिता के दौरान उनकी मुलाकात एक स्थानीय नेता नाथूराम से हुई, जिन्होंने मुलायम सिंह यादव को राजनीति की राह दिखाई।
फिल्म में उनकी दूसरी पत्नी का नहीं किया गया जिक्र
'मैं मुलायम सिंह यादव' 29 जनवरी 2021 को रिलीज हुई थी। हालांकि, दर्शकों ने इसे उतना प्यार नहीं दिया था जितना राजनीति में मुलायम सिंह यादव को मिला। लेकिन जो कोई यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के राजनीतिक सफर को जानना चाहता है उन्हें ये फिल्म जरूर देखनी चाहिए।
'मैं मुलायम सिंह यादव' फिल्म में अमित सेठी ने सपा सरंक्षक का किरदार निभाया था। वहीं उनके भाई शिवपाल यादव के रोल में मिमोह चक्रवर्ती नजर आए थे। मिमोह मिथनु चक्रवर्ती के बेटे हैं। फिल्म में नेताजी का पूरा सफरनामा दिखाया गया था लेकिन इसमें उनकी दूसरी पत्नी साधना गुप्ता को जगह नहीं दी गई। साल 2003 में मुलायम सिंह यादव ने साधना गुप्ता से शादी की थी। साधना पहले से शादीशुदा थीं। पहली शादी से उनका बेटा प्रतीक यादव भी है, जिनकी पत्नी अर्पणा बिष्ट यादव हैं। बता दें कि इसी साल 2022 में साधना गुप्ता का भी निधन हुआ है।
फिल्म में प्रेरणा सिंह, मुलायम सिंह यादव की पत्नी के रूप में नजर आई थी। प्रकाश बलबेटो ने राम मनोहर लोहिया की भूमिका निभाई है और गोविंद नामदेव चौधरी ने चरण सिंह का किरदार निभाया था।
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मुलायम सिंह यादव का राजनीतिक सफर
मुलायम सिंह ने पहली बार 1967 में राम मनोहर लोहिया की संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर करहल से विधानसभा चुनाव लड़ा था। उन्होंने राज्य विधानसभा के सदस्य के रूप में आठ बार सेवा की। 1975 में, इंदिरा गांधी द्वारा आपातकाल लगाने के दौरान, यादव को गिरफ्तार कर लिया गया और 19 महीने तक हिरासत में रखा गया। वह पहली बार 1977 में राज्य मंत्री बने। बाद में, 1980 में उत्तर प्रदेश में लोक दल के अध्यक्ष बने और इसके बाद में जनता दल का हिस्सा बन गए।
1982 में, वह उत्तर प्रदेश विधान परिषद में विपक्ष के नेता चुने गए और 1985 तक उस पद पर रहे। जब लोक दल पार्टी का विभाजन हुआ, तो यादव ने क्रांतिकारी मोर्चा पार्टी का शुभारंभ किया। मुलायम सिंह यादव पहली बार 1989 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे।
मुलायम सिंह यादव एक ऐसे मुख्यमंत्री थे, जिन्होंने अपने नौकरशाहों से सही तरीके से काम लिया। उन्होंने कड़े फैसले लिए और उनके अधिकारियों ने उन्हें लागू किया। वास्तव में, कई लोग दावा करते हैं कि नौकरशाही का राजनीतिकरण मुलायम के मुख्यमंत्री बनने के बाद ही शुरू हुआ। पिछले पांच सालों में अखिलेश यादव के पार्टी की कमान संभालने के बाद मुलायम सिंह लोगों के बीच बने रहे।