मेगास्टार राम चरण ने बताया ऑस्कर नॉमिनेशन पर कैसा था सुपरस्टार पापा चिरंजीवी का रिएक्शन
साउथ सुपरस्टार राम चरण (Ram Charan) की फिल्म 'आरआरआर' (RRR) का 'नाटू नाटू' गाना ऑस्कर में बेस्ट सॉन्ग कैटेगरी में नॉमिनेटेड है। इस गाने पर अवार्ड नाइट के दौरान लाइव परफॉर्मेंस भी होगी।
भारत के मेगास्टार राम चरण (Ram Charan) इन दिनों अपनी ब्लॉकबस्टर फिल्म 'आरआरआर' (RRR) के प्रमोशन के लिए अमेरिका में है। राम चरण ऑस्कर अवार्ड में शामिल होने के लिए अमेरिका पहुंचे हैं, इस साल फिल्म 'आरआरआर' का 'नाटू नाटू' गाना ऑस्कर के लिए नॉमिनेटेड है। बीते दिनों राम चरण फेमस गुड मॉर्निंग अमेरिका शो में शामिल हुए थे। वहीं अब राम चरण ने 'टॉक ईजी' के सैम फ्रैगोसो के साथ हाल के अपने एक इंटरव्यू में कई बड़े खुलासे किए। इस दौरान राम चरण (Ram Charan) ने 'आरआरआर' की जर्नी से लेकर हैदराबाद में अपने पालन-पोषण, ऑस्कर नामिनेशन्स के साथ कई और टॉपिक्स पर बात की।
राम चरण (Ram Charan) ने ये भी बताया कि इस मुकाम तक पहुंचने के बावजूद कैसे वो इतने शांत स्वभाव के हैं। इस दौरान अपनी परवरिश के बारे में बात करते हुए राम कहते हैं, 'मैंने बड़े होने के दौरान देखा कि मेरे पापा के सारे अवॉर्ड और सिनेमा मैगजीन हमारे घर के नीचे वाले ऑफिस में थे और गलती से अगर मैं कुछ स्टेशनरी लेने के लिए ऑफिस में होता और साथ में हमारे घर में घुस जाता, तो हमारे घर में उनकी कोई भी तस्वीर, कोई मैगजीन्स या फैन की बनाई कोई तस्वीरें नहीं होती थी। एक जाने माने भारतीय कलाकार ने उनकी एक पेंटिंग बनाई और उसे भी घर में जगह नहीं मिली, क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि उनके काम का प्रभाव उनके घर पर पड़े। उन्होंने सोचा कि यह एक इंडस्ट्री के रूप में बहुत ही ग्लैमरस, आकर्षक है और वह चाहते थे कि हम जितना हो सके एक आम जिंदगी जिएं, वह नहीं चाहते थे कि हमें पता चले कि हमारे पास एक सुपरस्टार फादर हैं और यह मान लें कि यह सब हमारे लिए आसान होगा। उन्होंने जो कुछ भी किया वह आज तक सही था, मैं अपनी ईएमआई का भुगतान करने में सक्षम हूं और इसे जारी रख रहा हूं और मैं उनकी परवरिश और जिस तरह से था, उसके कारण अच्छा कर रहा हूं।'
ओलंपिक गोल्ड मेडल के बराबर है ऑस्कर
ऑस्कर में नॉमिनेशन पर राम चरण (Ram Charan) ने कहा, 'मैं जिन लोगों की बात कर रहा हूं, वे भी नहीं जानते कि यह हमारे देश के लिए क्या करने वाला है। आप इस दिन के परिणाम को समझ नहीं सकते। यह हम सभी के लिए भावनात्मक है। यह मेरे पिता के लिए भावनात्मक है जो इंडिया में इंतजार कर रहे हैं। मेरे फ्लाइट लेने से पहले, वह इतने भावुक थे कि मैं यहां आ रहा था। उन्होंने 154 फिल्में की हैं और 42 साल से काम कर रहे हैं, वे 80 के दशक में ऑस्कर में जा चुके हैं और वह भी एक अपीयरेंस के लिए और उन्हें लगता है कि यह भी एक बड़ी उपलब्धि है। लेकिन आज हम नॉमिनेटेड हैं और हमारा नाम लिस्ट में हैं और अब हम इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने मुझे एक युवा एक्टर होने के अहमियत बताई है, क्योंकि करियर के इस पढ़ाव पर हम इसकी कद्र नहीं समझते हैं, लेकिन उन्हें इसकी वैल्यू पता है और मुझे सच में विश्वास है, कि हम इसके लिए भारत में भी सभी के लिए प्रार्थना कर रहे हैं, सिर्फ अभिनेताओं के लिए नहीं बल्कि यह भारत के ओलंपिक गोल्ड मेडल जीतने जैसा है, मैं दौड़ता नहीं लेकिन मैं केवल यह महसूस करते हुए कि जब मेरे भारतीय खिलाड़ी के पास वह मेडल है, तो ऑस्कर हमारे लिए ओलंपिक गोल्ड मेडल के बराबर ही है।'
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