शर्मिन सहगल ने मीना कुमारी से की अपनी तुलना, बेटे ताजदार अमरोही बोले- 'जमीन आसमान का फर्क है'
शर्मिन सहगल के बयान पर अब दिवंगत अभिनेत्री मीना कुमारी के सौतेले बेटे ताजदार अमरोही ने भी रिएक्शन दिया है। शर्मिन को निशाने पर लेते हुए ताजदार ने कहा कि हीरामंडी और पाकीजा की तुलना नहीं की जा सकती।
संजय लीला भंसाली की 'हीरामंडीः द डायमंड बाजार' नेटफ्लिक्स की सबसे ज्यादा देखी जाने वाली इंडियन सीरीज में से एक बन चुकी है। सीरीज को दर्शकों और क्रिटिक्स से मिले-जुले रिएक्शन मिले। जहां सीरीज की बाकी की कास्ट को खूब तारीफें मिल रही हैं, वहीं संजय लीला भंसाली की भांजी और हीरामंडी में आलमजेब का किरदार निभाने वाली अभिनेत्री शर्मिन सहगल को उनकी एक्टिंग स्किल के लिए जमकर ट्रोल किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर लगातार उनके कुछ वीडियोज शेयर किए जा रहे हैं और उनकी एक्टिंग पर सवाल उठाए जा रहे हैं। लोगों का कहना है कि संजय लीला भंसाली ने उन्हें इस सीरीज में इसलिए लिया, क्योंकि वह उनकी भांजी हैं। इस बीच एक्ट्रेस ने एक इंटरव्यू में कहा था कि हीरामंडी में अपने किरदार के लिए उन्होंने 'पाकीजा' में मीना कुमारी से प्रेरणा ली थी।
क्या बोले ताजदार अमरोही?
शर्मिन सहगल के इस बयान पर अब दिवंगत अभिनेत्री मीना कुमारी के सौतेले बेटे ताजदार अमरोही ने भी रिएक्शन दिया है। शर्मिन को निशाने पर लेते हुए ताजदार ने कहा कि हीरामंडी और पाकीजा की तुलना नहीं की जा सकती। जूम टीवी को दिए इंटरव्यू में ताजदार अमरोही ने शर्मिन के बयान पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि पाकीजा और हीरामंडी में जमीन आसमान का अंतर है और इसकी तुलना नहीं की जाए। कोई भी दोबारा पाकीजा नहीं बना सकता और ना ही कमाल अमरोही और ना ही मीना कुमारी दोबारा पैदा हो सकते हैं।
संजय मेरे पिता की नकल उतारने की कोशिश करते हैंः ताजदार
ताजदार अमरोही ने कहा- 'मैं इस पर ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहता, क्योंकि संजय लीला भंसाली मेरे पिता के फैन हैं। वह हर शॉट को उसी तरह लेने की कोशिश करते हैं, जैसे मेरे पिता लेते थे। मुझे याद है, वह एक बार कमालिस्तान स्टूडियो आए थे। उन्होंने मुझसे पूछा कि मेरे पिता कहां बैठते थे, वह कहां चलते थे? जब मैंने उन्हें वो जगह दिखाई तो उन्होंने बहुत ही सम्मान के साथ उस जगह पर हाथ रखा, जहां मेरे पिता बैठते थे। ये करीब 15 साल पहले की बात है। इसके बाद मैं उनसे कभी नहीं मिला। मैं ये जरूर कहना चाहता हूं कि हम में से हर किसी की अपनी पसंद होती है। ये मेरी राय है, हो सकता है कुछ लोगों को पाकीजा से ज्यादा हीरामंडी पसंद आई हो। मैं शर्मिन को नहीं जानता, इसलिए उनके बयान से रिलेट नहीं कर सकता।'
पाकीजा और हीरामंडी में जमीन-आसमान का अंतर
ताजदार ने आगे कहा- 'पाकीजा लखनऊ की एक तवायफ पर आधारित फिल्म थी और हीरामंडी लाहौर के रेड लाइट एरिया की तवायफों की जिंदगी पर है. इसके चलते कई दर्शकों ने दोनों की तुलना की, लेकिन पाकीजा और हीरामंडी में जमीन आसमान का अंतर है।' बता दें, शर्मिन सहगल को हीरामंडी में उनकी 'बिना एक्सप्रेशन वाली एक्टिंग' के लिए लगातार ट्रोल किया जा रहा है, जिस पर एक्ट्रेस ने एक इंटरव्यू में बात भी की और तभी उन्होंने ये भी बताया कि उन्होंने हीरामंडी में अपने किरदार के लिए पाकीजा में मीना कुमारी की नथिंगनेस को अपने रोल में लाने की कोशिश की थी।