नितांशी गोयल, एकावली खन्ना और शिशिर शर्मा की विशेषता वाली फिल्म 'मासूम सावाल' पीरियड्स और इससे जुड़े भ्रम पर आधारित है
फिल्म ‘मासूम सवाल’ पीरियड्स और इससे जुड़े भ्रम पर आधारित है। फिल्म 5 अगस्त को सिनेमाघरों में रिलीज होगी।
बाल कलाकार नितांशी गोयल और एकावली खन्ना, शिशिर शर्मा, शशि वर्मा जैसे अभिनेताओं सहित अन्य अभिनीत फिल्म ‘मासूम सवाल’ पीरियड्स और इससे जुड़े भ्रम पर आधारित है। फिल्म का निर्देशन और लेखन संतोष उपाध्याय ने किया है और इसका निर्माण नक्षत्र 27 प्रोडक्शंस की रंजना उपाध्याय ने किया है। यह जो 5 अगस्त को सिनेमाघरों में रिलीज होगी।
इस फिल्म का हिस्सा बनने के लिए उन्हें प्रेरित करने के बारे में बात करते हुए, अभिनेत्री एकावली खन्ना ने साझा किया, ‘‘जब मुझे हमारे निर्देशक से कहानी मिली, तो पहली चीज जो मुझे दिखाई दी, वह एक बहुत ही असामान्य अवधारणा थी। एक अनूठी कहानी होने के बावजूद, यह क्योंकि मैं व्यक्तिगत रूप से एक बहुत विकसित परिवार से आती हूं, जहां मासिक धर्म चक्र के आसपास कोई वर्जित नहीं है, लेकिन मैंने देखा है कि भारत का एक बड़ा हिस्सा है जहां मासिक धर्म इतने सारे अप्रासंगिक और अवांछित नियमों के साथ इतना बड़ा सौदा है।’’
‘‘महिलाओं के साथ एक बहिष्कृत की तरह व्यवहार किया जाता है और मैं व्यक्तिगत रूप से इससे निराश महसूस करती हूं। मुझे लगा कि यह भारत में कई महिलाओं के लिए शुरू होगा अगर एक फिल्म एक वर्जना को तोड़ने और बदलाव के लिए आगे बढ़ने के लिए बनाई जा रही है, तो मैं इसका हिस्सा बनना पसंद करूंगी।’’
पूरी अवधारणा कैसे सामने आई, इस पर प्रकाश डालते हुए निर्देशक संतोष उपाध्याय ने कहा, ‘‘2014 में, एक लड़की जो आठवीं कक्षा में थी, मेरे पास आई और उसने अपने माता-पिता से दूर, मुझसे अकेले में बात करने की इच्छा व्यक्त की। फिर उसने मुझसे पूछा, ‘‘श्रीमान! लड़कियों को पीरियड्स क्यों आते हैं?’’ सच कहूं तो उस मासूम के लिए मेरे पास कोई जवाब नहीं था। तो मैंने उससे पूछा कि वह ऐसा क्यों पूछ रही है।’’
‘‘इसके बाद, मैंने यह फिल्म उस कहानी के बारे में लिखी जो उसने अपने घर के बारे में बताई थी। दिल्ली जैसे मेट्रो शहर में आज भी एक 14 साल की बच्ची ऐसे सामान्य विषय पर रो रही है, मासिक धर्म को लेकर भ्रम पैदा करना देश का दुर्भाग्य है। इससे प्रेरित होकर मैंने इस फिल्म को बनाने की हिम्मत जुटाई। कहीं एक चिंगारी जली और मैंने उससे शुरुआत की।’’ निर्माता रंजना उपाध्याय ने कहा, ‘‘यह एक ऐसी फिल्म है जो पूरे समाज से एक बहुत बड़ा सवाल पूछती है।’’
निर्माता रंजना उपाध्याय आगे कहती हैं, "यह एक ऐसी फिल्म है जो पूरे समाज से एक बहुत बड़ा सवाल पूछती है| यह एक 14 साल की लड़की की कहानी है, जो अपने मासूम से सवाल का सामना करती है और अपने परिवार से लड़ती है। वह कैसे लड़ती है, वह मासूम बड़ा सवाल क्या है और आगे क्या होता है यह फिल्म है। हमारे सभी कलाकार शानदार और अनुभवी हैं। इस फिल्म की थीम ऐसी है कि सभी ने इसमें अपनी पूरी जान लगा दी है।"
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