मलयालम सिनेमा में काम करने वाले और लगभग 100 फिल्में लिखने वाले प्रसिद्ध लेखक जॉन पॉल का शनिवार, 23 अप्रैल को निधन हो गया। वह 1980 के दशक और 1990 के दशक की शुरुआत में अपने काम के लिए सबसे ज्यादा जाने जाते हैं। जॉन 72 वर्ष के थे। कथित तौर पर, उनका कोच्चि के एक निजी अस्पताल में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को लेकर इलाज चल रहा था। रिपोर्ट के अनुसार, लेखक को लगभग दो महीने से सांस लेने में तकलीफ हो रही थी जिसके बाद इलाज के लिए एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया गया।
हाल ही में उनके दोस्तों और शुभचिंतकों ने उनके इलाज में होने वाले खर्च के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया था। केरल सरकार ने भी उनके इलाज के लिए 2 लाख रुपये तक की राशि की सहायता की थी।
उनके फैंस और दोस्तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दिवंगत कलाकार को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। वहीं मलयालम एक्टर कुंचाको बोबन ने भी मलयालम पटकथा लेखक को एक भावभीनी श्रद्धांजलि दी। इंस्टाग्राम पर एक्टर ने लिखा कि, 'उन्होंने बहुत सारी आत्मा को छू लेने वाली फिल्मों का निर्माण किया। वह सभी के दिलों में जिंदा रहेंगे।
ऐसे कई उदाहरण है जब मैं आपके द्वारा दिए गए प्यार को महसूस कर सकता हूं। लोग उनके प्यार को तब भी महसूस कर सकते थे जब वह उनके आसपास नहीं थे।आपकी आवाज और शब्द बहुत याद आएंगे लेकिन आपने फिल्म इंडस्ट्री और साहित्य के लिए जो किया है, वह तारीफें काबिल है। नेदुमुदी वेणु चेतन, ललिता चेची और अब, जॉन पॉल अंकल। हाल के दिनों में मलयालम फिल्म इंडस्ट्री को व्यक्तिगत पहलू पर बड़ी क्षति हुई है। आशा है कि आप सभी स्वर्ग में अपनी दोस्ती को फिर से जगाएंगे।
बता दें कि जॉन पॉल 'चामाराम', 'यथरा', 'कट्टाथे किलिककूडु' और 'चमयम' जैसे प्रसिद्ध कृतियों के लिए जाने जाते है।
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