आज एक्टर-निर्देशक महेश मांजेरकर को बॉम्बे हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली। इस केस के कारण महेश बुरी तरह फंसते दिख रहे थे। मगर मंगलवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि दर्ज मामले में गिरफ्तारी नहीं होगी। फिलहाल कुछ समय के लिए कोर्ट ने इसको लेकर रोक लगाई है। हालांकि अभी भी इस केस को लेकर आगे की कार्रवाई जारी है।
अपनी मराठी फिल्म की रिलीज के बाद से ही महेश कानूनी पचड़े में फंसते दिखे। मुंबई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को सिटी पुलिस को निर्देश दिया कि वह मराठी फिल्म में नाबालिगों पर अश्लील दृश्यों फिल्माने के मामले में फिल्म निर्माता महेश मांजरेकर और दो निर्माताओं के खिलाफ तीन हफ्ते तक गिरफ्तारी जैसी कोई कार्रवाई नहीं करें।
न्यूज एजेंसी एएनआई की जानकारी के मुताबिक, 23 फरवरी को मांजरेकर और अन्य के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई थी।
फिल्म का निर्देशन महेश मांजेरकर ने किया है और निर्माता नरेंद्र हीरावत व श्रेयांश हीरावत हैं। केस दर्ज होने के बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का रुख किया था। साथ ही गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा की मांग की थी जिसमें उनको राहत दी गई।
इस मामले में सुनवाई के दौरान जजों ने कहा कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड से प्रमाण पत्र प्राप्त करने के बाद फिल्म रिलीज हो चुकी है। साथ ही कथित आपत्तिजनक दृश्य को फिल्म से हटा दिया गया जो कि ट्रेलर में देखने को मिला था। ट्रेलर में आपत्तिजनक सीन देखने के बाद ही बवाल मचा था।
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