कुमार सानू उर्फ केदारनाथ भट्टाचार्य भारत के मशहूर और लोकप्रिय गायकों में से एक हैं। फिल्म इंडस्ट्री को बेहतरीन और चार्टबस्टर गाने देने के अलावा, सानू ने अलग-अलग एल्बम और गानों का एक शानदार कलेक्शन भी बनाया है, जिसे लोग आज भी सुनना पसंद करते हैं। सुरों के बेताज बादशाह कुमार सानू किसी पहचान के मोहताज नहीं है क्योंकि उनकी आवाज ही उनका परिचय देती है। 90 के दशक के टॉप सिंगर ने कड़ी मेहनत से बॉलीवुड में अपनी एक अलग पहचान बनाई है, लेकिन उनके लिए ये सफर आसान नहीं था। कई अवॉर्ड अपने नाम कर चुके कुमार सानू को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है, लेकिन क्यों? तो चालिए जानते हैं।
कुमार सानू को ऐसे मिली पहचान
म्यूजिक इंडस्ट्री में अपनी आवाज से अलग पहचान बना चुके कुमार सानू दिग्गज गायक किशोर कुमार को अपना आदर्श मानते हैं। लगातार पांच साल फिल्मफेयर अवॉर्ड जीतने वाले कुमार सानू को करियर के शुरुआती दौर में ही नौशाद, रविंद्र जैन, ह्रदय नाथ मंगेशकर और उषा खन्ना संग गाने का मौका मिला था। 1987 में उनकी किस्मत के सितारे चमके और मशहूर गायक जगजीत सिंह ने उनका गाना सुनकर उन्हें फिल्मों में ब्रेक दिया। फिल्म 'आंधियां' के साथ कुमार सानू ने अपने करियर की शुरुआत की। कुमार सानू को असली पहचना साल 1990 में आई फिल्म 'आशिकी' से मिली। इस फिल्म के लिए गाए हुए गाने इतने हिट हुए कि सिंगर कुमार सानू की किस्मत चमक गई।
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है कुमार सानू का नाम
'अब तेरे बिन जी लेंगे हम', 'मेरा दिल भी कितना पागल है', 'तुम्हें अपना बनाने की कसम खाई है', 'सोचेंगे तुम्हें प्यार करें की नहीं' जैसे गानें कई गानों के लिए मशहूर कुमार सानू के नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है। दरअसल, कुमार सानू ने साल 1993 एक ही दिन में 28 गाने रिकॉर्ड करके गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया। सानू ने म्यूजिक डायरेक्टर जोड़ी नदीम-श्रवण के लिए करीब 75 फिल्मों में गाने गाए हैं। इसके अलावा उन्होंने अनु मलिक के लिए 60 फिल्मों, जतिन-ललित के लिए 30 फिल्मों और राजेश रोशन के लिए 25 फिल्मों में गाने गाए हैं।
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