'जिन हाथों ने पाला, उन्हीं से शोषण किया', एक्ट्रेस का छलका दर्द, बताई अब तक चुप रहने की वजह
हेमा कमेटी रिपोर्ट के सामने आने के बाद से ही मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में भूचाल मचा हुआ है। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद इंडस्ट्री में दूसरे #MeToo मूवमेंट की शुरुआत हो गई है। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अभिनेत्री और बीजेपी नेता खुशबू सुंदर ने भी एक चौंकाने वाला खुलासा किया है।
जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट ने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में हलचल पैदा कर दी है। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद हर दिन नए-नए खुलासे हो रहे हैं। कई अभिनेत्रियां इस रिपोर्ट के जारी किए जाने के बाद सामने आईं और अपने साथ हुए दुर्व्यवहार का खुलासा किया। अब एक्ट्रेस रहीं बीजेपी नेता खुशबू सुंदर ने भी मलयालम इंडस्ट्री में व्याप्त यौन उत्पीड़न पर खुलकर बात की है और कुछ ऐसे खुलासे किए हैं जो किसी को भी चौंका देंगे। अभिनेत्री ने एक लंबा-चौड़ा पोस्ट शेयर करते हुए अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न का खुलासा किया, लेकिन उनके आरोपों से भी ज्यादा चौंकाने वाला इस घिनौने काम को अंजाम देने वाला आरोपी नाम था।
खुशबू सुंदर का हैरान कर देने वाला खुलासा
खुशबू सुंदर ने अपने पोस्ट में बताया कि जब वह छोटी थीं, अपने पिता के हाथों दुर्व्यवहार का शिकार हुई थीं। खुशबू सुंदर ने लंबा-चौड़ा पोस्ट लिखते हुए उन महिलाओं के हक में आवाज उठाई है जो सालों से इस तरह का उत्पीड़न सह रही हैं और इसके खिलाफ लड़ाई लड़ने की हिम्मत जुटाई है। अभिनेत्री का ये पोस्ट अब काफी सुर्खियों में हैं।
महिलाओं के साथ हर फील्ड में होता है दुर्व्यवहार
खुशबू सुंदर ने अपने पोस्ट में लिखा- 'हमारी इंडस्ट्री में #MeToo मूवमेंट ने हमें तोड़ दिया है। उन महिलाओं को बधाई जो अपनी बातों पर डटी रहीं और विजयी रहीं। इस तरह के अब्यूज को रोकने के लिए #HemaCommittee रिपोर्ट की बहुत जरूरत थी। लेकिन क्या ऐसा होगा? अब्यूज, से***अल फेवर की मांग, और करियर में आगे बढ़ने के लिए समझौता करने की उम्मीद में हर फील्ड में होता है। एक महिला से अकेले ही यह अपेक्षा क्यों की जाती है कि वह इस कष्ट से गुजरे? हालांकि पुरुषों को भी इसका सामना करना पड़ता है, लेकिन इसका खामियाजा मामूली रूप से महिलाओं को भुगतना पड़ता है।'
बेटियों से की बात
'मैंने इस मुद्दे पर अपनी 24 साल और 21 साल की बेटियों से लंबी बातचीत की। पीड़ितों के प्रति उनकी सहानुभूति और समझ देखकर मैं हैरान रह गई। वे दृढ़ता से उनका समर्थन करती हैं और इस समय उनके साथ खड़ी हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप आज बोलेंगे या कल, बस बोलें। तुरंत बोलने से सही जख्म से उबरने और मामले की अधिक प्रभावी ढंग से जांच करने में मदद मिलेगी। शर्मिंदा होने का डर, पीड़ित पर दोषारोपण, और "आपने ऐसा क्यों किया?" जैसे प्रश्न। या "आपने ऐसा क्यों किया?" जैसे सवाल उन्हें तोड़ देते हैं। पीड़िता आपके या मेरे लिए अजनबी हो सकती है, लेकिन उसे हमारे समर्थन, सुनने के लिए कान और हम सभी के भावनात्मक समर्थन की ज़रूरत है। जब यह सवाल किया गया कि वह पहले सामने क्यों नहीं आई, तो हमें उसकी परिस्थितियों पर विचार करने की ज़रूरत है - हर किसी को बोलने का विशेषाधिकार नहीं है।'
पिता ने ही किया अब्यूज
'एक महिला और एक मां के रूप में, ऐसी हिंसा से मिले घाव न केवल शरीर में बल्कि आत्मा में भी गहरे घाव करते हैं। क्रूरता भरे ये काम हमारे विश्वास, हमारे प्यार और हमारी ताकत की नींव को हिला देते हैं। हर मां के पीछे पालन-पोषण और सुरक्षा करने की इच्छा होती है और जब वह पवित्रता टूट जाती है, तो इसका प्रभाव हम सभी पर पड़ता है। कुछ लोग मुझसे पूछते हैं कि मुझे अपने पिता के अब्यूज के बारे में बोलने में इतना समय क्यों लगा। मैं सहमत हूं कि मुझे पहले बोलना चाहिए था। लेकिन मेरे साथ जो हुआ, वह मेरे करियर को बनाने के लिए कोई समझौता नहीं था। मेरे साथ उस व्यक्ति के हाथों दुर्व्यवहार हुआ जो मेरे गिरने पर मुझे थामने के लिए सबसे मजबूत हाथ था।'
पुरुषों से खुशबू सुंदर की अपील
'वहां मौजूद सभी पुरुषों से, मैं आपसे पीड़ित के साथ खड़े होने और अपना अटूट समर्थन दिखाने का आग्रह करती हूं। प्रत्येक पुरुष का जन्म एक ऐसी महिला से हुआ जिसने अविश्वसनीय दर्द और बलिदान सहा। कई महिलाएं आपके पालन-पोषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, आपको उस व्यक्ति के रूप में आकार देती हैं जैसे आप आज हैं- आपकी मां, बहनें, मौसी, शिक्षक और दोस्त। आपकी एकजुटता आशा की किरण बन सकती है, एक प्रतीक कि न्याय और दया की जीत होगी। हमारे साथ खड़े रहें, हमारी रक्षा करें और उन महिलाओं का सम्मान करें जिन्होंने आपको जीवन और प्यार दिया है। हिंसा के खिलाफ लड़ाई में अपनी आवाज सुनें और अपने कामों से उस सम्मान और सहानुभूति को दिखाएं जिसकी हर महिला हकदार है।'