कैटरीना कैफ और सिद्धार्थ मल्होत्रा की फिल्म 'बार बार देखो' तो सिनेमाघरों में खासा कमाल नहीं कर सकी, लेकिन इसका गाना 'काला चश्मा' रिलीज होते ही छा गया। ये गाना हर किसी की जुबान पर रहा और इसे सुनते ही लोग झूम उठते हैं। शायद ही कोई हो जिसने ये गाना नहीं सुना हो। ये गाना पहले ही पंजाबी इंडस्ट्री में बनाया गया था। बाद में इस गाने को बॉलीवुड में रीक्रिएट किया गया। दरअसल ये गाना मूल रूप से 90 के दशक का एक पंजाबी ट्रैक है। इसे लिखने वाला शख्स कोई प्रोफेशनल सॉन्ग राइटर नहीं है, बल्कि इसे पंजाब पुलिस में हेड कांस्टेबल अमरीक सिंह शेरा ने लिखा है, जो कपूरथला में पोस्टेड रहे हैं।
काफी सालों पुराना है गाना
जालंधर के पास तलवंडी चौधरियां गांव के मूल निवासी अमरीक सिंह शेरा ने 'काला चश्मा' साल 1990 में लिखा था। जब उन्होंने ये गाना लिखा तो उनके ख्याल में भी नहीं था कि ये बॉलीवुड का सुपरहिट गाना बनेगा। उनका कहना है कि वो नहीं जानते थे कि कभी उनका गाना फिल्म का हिस्सा बनेगा। इस गाने की रिलीज के दौरान अमरीक ने एक इंटरव्यू में कहा, 'दो महीने पहले, मुझे मेरे एक दोस्त का फोन आया कि एक चैनल पर 'काला चश्मा' चल रहा है। मुझे नहीं पता कि मुझे कैसा लगा। मैं खुश था लेकिन जो कुछ भी हो रहा था उससे हैरान भी था।'
Image Source : Instagramअमरीक सिंह शेरा।
गाने के लिए मिले इतने पैसे
इस दौरान अमरीक सिंह शेरा ने ये भी बताया कि उन्होंने एग्रीमेंट साइन किया था और इस गाने के लिए उन्हें सिर्फ 11 हजार रुपये मिले थे। अमरीक ने जब ये एग्रीमेंट साइन किया तो उन्हें ये भी अंदाजा नहीं था कि ये फिल्म के लिए है। उन्हें बताया गया था कि ये एक सीमेंट कंपनी के लिए है, जो मुंबई में है। उनका नाम जरूर क्रेडिट्स में आता है, लेकिन उन्हें गाने के म्यूजिक लॉन्च में नहीं बुलाया गया। गाना आने के बाद ही उन्हें पता चला कि उनका रिलीज हो चुका है और सुपरहिट भी।
ये देखकर आया था गाना लिखने का ख्याल
अमरीक सिंह शेरा ने इस गाने को लिखने के पीछे की कहानी भी बताई है। उनका कहना है कि वो बस 15 साल के थे और पहली बार अपने गांव से चंडीगढ़ आए थे। वहां पहुंचकर उन्हें पहली बार हाई-फाई लड़की देखने को मिली, जो काले चश्मे लगाए हुए थी। इसे देखने के बाद ही उन्होंने ये गाना लिख दिया।
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