आलिया संग काम के बाद इस एक्टर ने किया स्ट्रगल, इरफान खान को माना अपना खुदा, अब बन गया है OTT का 'महाराज'
फिल्मी दुनिया में आने वाले कई हुनरमंद सितारों को लंबा स्ट्रगल करना पड़ता है। टैलेंट की खान होने के बावजूद इन्हें अच्छे काम की तलाश में भटकना पड़ता है। ठीक ऐसा ही इस एक्टर के साथ भी हुआ था, लेकिन आज इसके पास काम की कोई कमी नहीं है।
ऐसे ही बॉलीवुड को मायानगरी का नाम नहीं मिला, यहां बहुत उतार-चढ़ाव हैं। पल में ये इंडस्ट्री लोगों को हीरा बना देती है तो वहीं झट से सितारे नेम-फेम खो भी देते हैं। कई बार यहां आने वाले लोगों को पहली ही फिल्म से सफलता मिलने लगती है तो कई बार लंबे स्ट्रगल के बाद भी काम की तलाश में भटकना पड़ता है। कई पवर पैक्ड स्टार्स को भी इस इंडस्ट्री में पैर जमाने के लिए धक्के खाने पड़े। जैसे मुंबई लोकल की भीड़ में लोग खो जाते हैं, ठीक उसी तरह फिल्मों में आने वाले स्ट्रगलर्स की भीड़ में ये सितारे भी खोए रहते हैं। एक सही मौके की तलाश में इन्हें लंबा अरसा गुजारना पड़ता है। आज हम आपको एक ऐसे ही नगीने के बारे में बताएंगे, जिसे फिल्म इंडस्ट्री में आसानी से उसका मुकाम हासिल नहीं हुआ। कड़ी मेहनत और लंबे इंतजार के बाद ये एक्टर हीरो बन पाया। छोटे रोल्स के बाद विलेन के रूप में एंट्री की और देखते ही देखते एक्टिंग के गुरु बन गए। ये एक्टर आज ओटीटी की दुनिया के 'महाराज' हैं।
करियर की शुरुआत में किया संघर्ष
एक समय था जब इस अभिनेता को पहचान पाने के लिए संघर्ष करना पड़ा। फिल्मों में चंद मिनट के रोल ही मिलते जो दर्शकों तक पहुंचते जरूर थे, लेकिन छाप नहीं छोड़ पाते थे। शुरुआती दौर में उनके अभिनय को अक्सर लोगों ने पसंद नहीं किया। ऐसा तब तक था जब तक कि एक ओटीटी सीरीज ने उनकी किस्मत नहीं बदल दी। क्रिटिक्स उनकी सराहना करते नहीं थके। हम बात कर रहे हैं ओटीटी स्टार जयदीप अहलावत की। प्रशंसित वेब सीरीज 'पाताल लोक' में दिल्ली पुलिस अधिकारी हाथी राम चौधरी का उनका किरदार उनके लिए गेम-चेंजर साबित हुआ।
कैसे की करियर की शुरुआत
जयदीप अहलावत हरियाणा के रोहतक जिले के मेहम गांव के खरकड़ा से हैं। उनका शुरुआती जुनून थिएटर और अपने देश की सेवा में था। एक युवा के रूप में उन्होंने भारतीय सेना अधिकारी बनने की चाहत रखीं। हालांकि SSB (सेवा चयन बोर्ड) चयन प्रक्रिया में कई बार खारिज हुए। अंग्रेजी में एमए करने के बाद उन्होंने अभिनय को तवज्जो दी। उन्होंने 2008 में फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) से स्नातक किया। FTII में उनके बैचमेट्स में प्रतिभाशाली अभिनेता विजय वर्मा, सनी हिंदुजा और राजकुमार राव शामिल थे। जयदीप के अभिनय करियर की शुरुआत 2008 में शॉर्ट फिल्म 'नरमीन' से की। इसमें उनकी भमिका काफी छोटी थी। इसके बाद उन्होंने अजय देवगन की 'आक्रोश' और अक्षय कुमार की 'खट्टा मीठा', रणबीर कपूर की 'रॉकस्टार' और कई अन्य फिल्मों में भूमिकाएं निभाईं। इसके बाद विद्युत जामवाल की 'कमांडो' में उन्हें पहला बड़ा ब्रेक मिला। वो एक आंख वाले विलेन के रूप में पसंद किए गए।
इन फिल्मों और शोज में किया काम
हालांकि असल सफलता उन्हें 'द ब्रोकन न्यूज', 'द बार्ड ऑफ ब्लड', 'ब्लडी ब्रदर्स' और 'पाताल लोक' जैसे ओटीटी शो में भी काम के बाद मिली। जयदीप ने हमेशा अपने इंटरव्यूज में इरफान खान को अपनी प्ररणा बताया है। उन्होंने कहा कि वो उनके लिए भगवान की तरह हैं और वो उनसे न सिर्फ सीखते हैं बल्कि उन्हें पूजते हैं। फिलहाल जयदीप को इरफान के साथ काम करने का कभी मौका नहीं मिला। इरफान के निधन के बाद वो उनके घर भी गए थे, जहां उन्होंने कहा था कि वो यहां इरफान को महसूस करने आए हैं। इरफान के बेटे बाबिल के जयदीप काफी करीब हैं। अब जल्द ही जयदीप 'पाताल लोक' के दूसरे सीजन में नजर आने के लिए तैयार हैं। आखिरी बार वो 'महाराज' और 'थ्री ऑफ अज' में नजर आए और दोनों ही ओटीटी पर रिलीज हुईं।
'राजी' के बाद भी नहीं मिला काम
जयदीप ने हाल ही में अपने करियर के एक कठिन दौर के दौरान अपने संघर्षों को साझा किया, जहां उन्होंने बताया कि किस तरह फिल्म 'राजी' में उनके प्रदर्शन के लिए आलोचकों की प्रशंसा मिलने के बावजूद उन्हें काम नहीं मिला। एक्टर ने कहा, 'एक समय आता है जब आपको कुछ करने की जरूरत होती है और आपको एक अच्छी भूमिका मिलती है। यह लोगों को पसंद आती है, लेकिन फिर भी आपके पास काम नहीं होता है। राजी के बाद मेरे पास काम नहीं था। और आप सोचते हैं, 'क्या गलत हुआ?' हर कोई इसकी प्रशंसा कर रहा है। हर कोई भूमिका के बारे में बात कर रहा है। मेरे पास आने वाली स्क्रिप्ट लगभग एक जैसी थी। हर कोई चाहता है कि मैं एक आईबी (इंटेलिजेंस ब्यूरो) अधिकारी और रॉ (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) अधिकारी की भूमिका निभाऊं, लेकिन मैं ऐसा नहीं करना चाहता था। मैंने बस कर लिया।' इस फिल्म में आलिया भट्ट के साथ जयदीप नजर आए थे।