क्या OTT ने निकाल दी है थिएटर्स की हवा? कहीं लगा ताला तो कहीं 30 रुपये में बिक रहीं टिकटें
बीते एक महीने में सिनेमाघरों में कई फिल्में रिलीज हुईं, पर हर फिल्म पिट गई। कई फिल्में अपनी लागत भी नहीं निकाल पाईं। इसी के चलते सिनेमाघरों के संचालकों का भी बुरा हाल है। कहीं सिनेमाघरों में ताले लग रहे हैं तो कहीं मजबूरी में टिकट कौड़ियों के भाव बिक रही हैं।
अप्रैल का महीना बॉलीवुड के लिए काफी ठंडा बीत रहा है। सिनेमाघरों में कई बड़े बजट की फिल्में रिलीज हुईं, लेकिन चल एक भी नहीं रही हैं। बीते महीने 8 मार्च को 'शैतान' रिलीज हुई थी। फिल्म ने बंपर कमाई की, लेकिन इसके बाद जो भी फिल्में रिलीज हुईं सभी की कमाई पर ब्रेक लग गया। मानो किसी ने मंतर फूंक दिया हो। थिएटर में रिलीज हो रही फिल्में औंधे मुंह गिर रही हैं। ईद के मौके पर रिलीज हुई 'मैदान' और 'बड़े मियां छोटे मियां' साल की शुरुआत में ही डिजास्टर बन गई हैं। दोनों ही बड़े बजट की फिल्में थीं और अब तक अपनी लागत भी नहीं निकाल पाई हैं। इनके शोज खाली जा रहे हैं। 'क्रू', 'स्वातंत्र्य वीर सावरकर', 'LSD2', 'मडगांव एक्सप्रेस' और 'दो और दो प्यार' का भी बुरा हाल है। आलम ये है कि इन्हें देखने के लिए सिनेमाघरों में मक्खी भी नहीं फटक रही।
अप्रैल के महीने में कड़की
अप्रैल के महीने में सिनेमाघरों में सात फिल्में हैं, लेकिन एक ने भी बंपर कमाई नहीं की। साफ तौर पर ये महीना सिनेमा बिज के लिए बुरा साबित हो रहा है। हालात ऐसे हो गए हैं कि कुछ सिनेमाघरों पर ताला टंग गया है तो वहीं कुछ जैसे-तैसे फिल्में चलाने की होड़ में लगे हैं। वो अब टिकटें कम से कम दामों में बेच रहे हैं। वहीं कई फिल्म मेकर फिल्में चलाने के लिए कई ऑफर भी ला रहे हैं। कहीं बाई वन गेट वन तो कहीं मात्र 100 रुपये में टिकट मिल रही हैं। 'बड़े मियां छोटे मियां' और 'मैदान' दोनों एक पर एक टिकट फ्री दे रहे हैं। कुछ सिनेमा हॉल्स में तो टिकट मात्र तीस और पचास रुपये में ही बिक रहे हैं और इसके बाद भी शो खाली ही जा रहे हैं।
कौड़ियों के भाव बिक रहीं फिल्मों की टीकटें
उदाहरण के तौर पर देखें तो आगरा में 'राजीव सिनेमा' में टिकट की कीमतें घटाकर 30 रुपये और 50 रुपये कर दी गई हैं। बस इसी कीमत में आप सिद्धार्थ मल्होत्रा की फिल्म 'योद्धा' देख सकते हैं। इसके बाद भी शो खाली ही दिख रहे हैं। बिहार के पूर्णिया में 'रूपवाणी' सिनेमा में भी हाल कुछ ऐसा ही है। वहीं दर्शकों की कमी को देखते हुए 800 सीटों वाले मुंबई के गैलेक्सी थिएटर पर कुछ दिनों के लिए ताला लग गया है। इसे 'गेयटी-गैलेक्सी' के नाम से भी जाना जाता है। इसे 19 अप्रैल से बंद किया गया है। आखिरी शो इसमें 'मैदान' का चल रहा था। कई रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए कोई बड़ी फिल्म रिलीज नहीं होने वाली। ऐसे में सिनेमाघरों के कुछ हॉल्स को पूरी तरह बंद रखने की योजना संचालक बना रहे हैं।
इन फिल्मों से है उम्मीद
इस साल तीन ही हिंदी फिल्में अब तक कमाई के मामले में 100 करोड़ का आंकड़ा पार कर सकीं। इनमें 'शैतान', 'फाइटर' और 'हनुमान' शामिल हैं। 'शैतान' इस साल की एक मात्र सुपरहिट फिल्म है। अब आगे सिनेमाघरों में 'बेबी जॉन', 'कल्कि 2898AD', और 'पुष्पा 2' बड़े बजट की फिल्में होंगी। इनसे मेकर्स और सिनेमाघर के संचालकों को काफी उम्मीद है। बीता साल भी ऐसे ही फीका था, सिर्फ शाहरुख खान 'जवान', 'पठान' और 'डंकी' ने बड़ा मुनाफा कमाया। इसके अलावा साल के अंत में 'एनिमल' का सिक्का चला। इसके अलावा 'द केरल स्टोरी' और '12वीं फेल' ही छोटे बजट की चलने वाली फिल्में रहीं।
ओटीटी पड़ रहा थिएटर्स पर भारी
बात करें, ओटीटी की तो यहां पर फिल्मों और वेब सीरीज को खूब देखा जा रहा है। कई फिल्म ऐसी हैं जो सिनेमाघरों में फेल होने के बाद ओटीटी पर चल रही हैं। हाल में रिलीज हुई 'चमकीला', 'मामला लीगल है', 'द ग्रेट इंडियन कपिल शो' और 'द आर्टिकल 370' छाई हुई है। देखा जाए तो वो फिल्में मुनाफे में हैं जो छोटे बजट में बनकर ओटीटी पर कमाल कर रही हैं। ऐसे में ओटीटी का जलवा बीते दिनों काफी बढ़ा है। कोविड खत्म होने के बाद लोगों को लगा था कि थिएटर में बहार आएगी, लेकिन मानना पड़ेगा कि ओटीटी ने लॉकडाउन के बीच दर्शकों के दिल-दिमाग में ऐसी पकड़ बनाई है कि लोग यहां फिल्में देखने का लंबा इंतजार भी करने लगे हैं। थिएटर के मुकाबले ओटीटी का दबदबा साफ देखा जा सकता है