राम चरण और कियारा आडवाणी की राजनीतिक थ्रिलर 'गेम चेंजर' 10 जनवरी को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। अब ये फिल्म 6 दिनों से थियेटर में चल रही है। लेकिन इसी बीच इस फिल्म की पायरेटेड कॉपी भी खूब सर्कुलेट हो रही है। इतना ही नहीं एक लोकल केबिल पर इस फिल्म को प्रीमियर भी कर दिया गया। फिल्म के प्रोड्यूसर ने जब इसे देखा तो गुस्से से भड़क गए। इसके बाद प्रोड्यूसर ने इसका स्क्रीनशॉट शेयर किया और जमकर भड़ास निकाली। फिल्म के निर्माता श्रीनिवास कुमार ने इसको लेकर एक पोस्ट किया है। जिसमें उन्होंने बताया कि ये गंभीर बात है कि सैकड़ों लोगों की 3-4 साल की मेहनत बर्बाद कर दी जाती है।
अपने एक्स अकाउंट में श्रीनिवास कुमार ने इस घटना की निंदा करते हुए इसे 'अस्वीकार्य' बताया। उन्होंने एक फिल्म के निर्माण के पीछे व्यापक प्रयासों पर जोर देते हुए कहा, 'एक फिल्म जो सिर्फ 4-5 दिन पहले रिलीज हुई थी, उसे स्थानीय केबल चैनलों और बसों पर प्रसारित किया जा रहा है। गंभीर चिंताएं। सिनेमा केवल नायक, निर्देशक या निर्माता के बारे में नहीं है। यह 3-4 साल की कड़ी मेहनत, समर्पण और हजारों लोगों के सपनों का परिणाम है।' उन्होंने पाइरेसी के वित्तीय परिणामों पर प्रकाश डालते हुए कहा, 'वितरकों और प्रदर्शकों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में सोचें जिनकी आजीविका इन फिल्मों की सफलता पर निर्भर करती है। इस तरह की कार्रवाइयां उनके प्रयासों को कमजोर करती हैं और फिल्म उद्योग के भविष्य को खतरे में डालती हैं। अब समय आ गया है कि सम्मानित सरकारें आगे आएं और इसे खत्म करने के लिए कड़ी कार्रवाई करें।'
100 करोड़ के पार पहुंचा फिल्म का कलेक्शन
मिली-जुली सकारात्मक समीक्षाओं के बावजूद गेम चेंजर ने बॉक्स ऑफिस पर जोरदार शुरुआत की और भारत में पहले ही 100 करोड़ रुपयों का आंकड़ा पार कर चुकी है। हालांकि इसकी गति पायरेसी के चलते बाधित हुई है। फिल्म का एक एचडी संस्करण रिलीज से पहले ऑनलाइन लीक हो गया था, जिसमें महत्वपूर्ण कहानी का खुलासा हो गया था। जिससे मेकर्स को और अधिक नुकसान हुआ। निर्माता दिल राजू ने लीक से पहले जबरन वसूली के प्रयासों का आरोप लगाते हुए दोषियों के खिलाफ साइबर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। इस अवैध प्रसारण ने फिल्म के लिए बढ़ती चुनौतियों को बढ़ा दिया है, जिससे मनोरंजन उद्योग में बौद्धिक संपदा की सुरक्षा पर तत्काल सवाल खड़े हो गए हैं।
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