'तितली उड़ी' गाने की मशहूर सिंगर शारदा राजन का हुआ निधन, इस गंभीर बीमारी से थी पीड़ित
गायिका शारदा राजन अयंगर का 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया। गायिका 1965 और 1986 के बीच एक सक्रिय पार्श्व गायिका थीं।
बीता एक साल फिल्म इंडस्ट्री के लिए बहुत ही मनहूस रहा है। हमने मनोरंजन जगत के कई सितारों को खो दिया। वहीं एक और बुरी खबर सामने आई है। बता दें हिन्दी फिल्म ‘सूरज’ जो 1966 में रिलीज हुई थी। उस फिल्म के गीत ‘तितली उड़ी’ से लोकप्रियता हासिल करने वाली गायिका शारदा का आज निधन हो गया है।
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गायिका की बेटी सुधा मदेरिया ने बताया कि वह कैंसर से जूझ रही थीं। शारदा 89 वर्ष की थीं। आज सुबह मुंबई में अपने घर पर उन्होंने अंतिम सांस ली। पिछले करीब छह महीने से उनका कैंसर का इलाज चल रहा था। सुधा मदेरिया ने अपनी मां के निधन की सूचना पहले इंस्टाग्राम पर शेयर की थी, उन्होंने लिखा था कि बेहद दुख के साथ बताना पड़ रहा है कि मेरी प्यारी मां गायिका शारदा राजन का कैंसर से लंबी लड़ाई के बाद निधन हो गया है।
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शारदा के नाम से प्रसिद्ध शारदा राजन 1960 और 1970 के दशक में हिन्दी फिल्म जगत में सक्रिय रहीं। उनका सबसे लोकप्रिय गीत 1966 में आयी फिल्म ‘सूरज’ का ‘तितली उड़ी’ था। शारदा को 1970 में आयी फिल्म ‘जहां प्यार मिले’ में हेलेन पर फिल्माए गए गीत ‘बात जरा है आपस की’ के लिए सर्वश्रेष्ठ गायिका का फिल्म फेयर पुरस्कार भी मिला था। उनके अन्य लोकप्रिय गीतों में फिल्म एन इविनंग इन पेरिस का ''ले जा ले जा ले जा मेरा दिल'', फिल्म गुमनान का गीत '' आ आयेगा कौन यहां '', फिल्म दिल दौलत दुनिया का गीत '' मस्ती और जवानी हो उमर बड़ी मस्तानी हो'' और फिल्म सपनों का सौदागर का गीत '' तुम प्यार से देखों'' शामिल है। उनका आखिरी गाना 1980 के दशक में था, उन्होंने फिल्म कांच की दीवार के लिए एक गाना गाया था। जबकि उन्होंने 2007 में मिर्ज़ा ग़ालिब ग़ज़लों के एल्बम, अंदाज़-ए-बयान के साथ वापसी की, लेकिन उन्हें प्रसिद्धि नहीं मिली, उन्होंने तेलुगु, मराठी, अंग्रेजी और गुजराती में गाने गाए हैं।