Manoj Muntashir: 'तेरी मिट्टी', 'गलियां', 'कौन तूझे', 'कैसे हुआ', 'जियो रे' जैसे गाने लिखने वाले लिरिसिस्ट मनोज मुंतशिर को आज हर वो शक्स जानता है जिसकी गाने में रुचि है। मनोज मुंतशिर का जन्म अमेठी के शुक्ला परिवार में हुआ था। मनोज बचपन में बहुत जिद्दी थे इसलिए उनके पिताजी अपने बेटे की हरकतों पर बहुत शर्मिंदा होते थे। मनोज को हमेशा से पता था कि उन्हें क्या करना है। फिल्मों में गाने लिखने का सपना आंखों में लेकर मनोज साल 1999 में मुंबई आ गए थे।
मुंबई के फुटपाथ पर रहते थे मनोज मुंतशिर
मुंबई आने से पहले ही उन्हें पता था कि इस शहर में उन्हें कामयाब होने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ेगी। वो अपने सपने के लिए संघर्ष करने को तैयार थे लेकिन कोई अन्य काम करने के लिए कभी राजी नहीं हुए। इसलिए कितने ही दिनों तक फुटपाथ पर सो कर गुजारना पड़ता था। वहां लोगों से उनकी दोस्ती हो गई थी। हर शाम वो लोगों को शायरी सुनाते थे। वहां शायरी सुनने जो भी लोग बैठते वो मनोज को कुछ न कुछ खाने को दे देते थे।
मनोज मुंतशिर ने अपने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि उन्हें चाय पीना बहुत पसंद है। सर्दी की देर रात वो चाय की तलाश में भटकते रहते थे, लेकिन मुंबई में उन्हें चाय भी नसीब नहीं होती थी।
भजन सम्राट अनूप जलोटा के लिए लिखा था भजन
जब मनोज फुटपाथ पर रहते थे तो उस समय वो अनूप जलोटा से मिलने उनके घर पहुंच गए थे। अनूप जलोटा एक साफ दिल इंसान है और अपने शहर से आए लोगों से कभी भी मिलने को तैयार हो जाते है। जैसे ही अनूप जलोटा को पता चला कि मनोज अमेठी से आए हैं तो उन्होंने मिलने के लिए हां कर दिया। अनूप जलोटा ने अपने स्टाफ से मनोज के लिए चाय लाने को कहा। मनोज मुंतशिर ने अनूप जलोटा से झूठ कहा कि उन्हें भजन लिखना आता है। अनूप जलोटा ने मनोज से भजन लिखने को कहा। वो आराम से भजन लिखने लगे ताकि जब तक वो भजन पूरा हेगा तब तक चाय आ जाएगी।
चाय आते ही मनोज ने वो भजन अनूप जलोटा को हाथ में देते हुए चाय पीना शुरू किया। अनूप ने तुरंत 3000 का चेक साइन कर मनोज के हाथ में रख दिया। मनोज को विश्वास नहीं हुआ। उन्होंने चाय का कप नीचे रखा और भागते हुए बैक गए। जब उन्होंने अपने हाथ में 100-100 के 30 नोट देखे तो उन्हें यकीन नहीं हो रहा था। मजेदार बात तो ये है कि अनूप जलोटा ने वो भजन कभी रिकॉर्ड ही नहीं किया। वो मनोज के झूठ को भाप गए थे।
बीतते सालों के साथ मनोज को आखिर कामयाबी मिल ही गई
ऐसे ही संघर्ष करते साल बीतते गए। 2002 में मनोज स्टार प्लस का शो यात्रा लिखा करते थे। इसी दौरान उनकी मुलाकात महानायक अमिताभ बच्चन से हुई। अमिताभ बच्चन ने मनोज के शायरी और आवाज की तारीफ की तो उन्हें भरोसा नहीं हुआ। इतने बड़े कलाकार की तारीफ सुनकर मनोज का आत्मविश्वास और बढ़ गया। उन्हें शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ में काम करने का मौका मिला।
धीरे-धीरे उन्होंने फिल्मों में गाने लिखने शुरू किए, लेकिन उन्हें चालीसवां गाना ‘तेरी गलियां’ से प्रसिद्धी हासिल हुई। फिल्म एक विलन का ये गाना सुपरहिट साबित हुआ था।
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