फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री की फिल्म "द कश्मीर फाइल्स" ने 1990 में कश्मीरी हिंदुओं के पलायन की क्रूर वास्तविकता को दिखाने के बाद दर्शकों को झकझोर कर रख दिया है। यह फिल्म सच्ची घटनाओं पर आधारित है और इसमें अनुपम खेर, दर्शन कुमार, मिथुन चक्रवर्ती सहित कई प्रतिभाशाली कलाकार हैं। कहानी 1990 में कश्मीरी पंडित समुदाय के नरसंहार के शिकार पहली पीढ़ी के वीडियो साक्षात्कार पर आधारित है। 1990 के पलायन के बारे में बहुत कुछ कहा गया है, मगर पहली बार "द कश्मीर फाइल्स" के साथ उस भयानक घटना को 70 एमएम स्क्रीन पर लाया गया है।
विवेक अग्निहोत्री ने जितना हो सके उतने कश्मीरी हिंदुओं की दुर्दशा को फिल्म में शामिल करने की पूरी कोशिश की, हालांकि, अभी भी कई ऐसे हैं जो सुनने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इंडिया टीवी के साथ एक विशेष बातचीत में 'द कश्मीर फाइल्स' की टीम ने बात की। साथ ही कश्मीरी पंडितों ने 1990 में पलायन की भयावहता को याद किया।
भावुक बंसीलाल जी को अगस्त 1990 की वह सुबह याद आ गई जब उन्हें सुबह-सुबह अपने दरवाजे पर उर्दू में लिखा हुआ एक पत्र मिला। इसमें लिखा था- आज शाम तक घर खाली कर भाग जाओ और भागो नहीं तो अपनी औरतों को हमें सौंप दो वरना गोलियों का निशाना बनो। उसने खुलासा किया कि वह घबरा गये थे और मदद के लिए एसएचओ के पास गये। लेकिन उसने भी उन्हें जाने की सलाह दी। उन्होंने कहा, "हम कुछ अन्य परिवारों के साथ अगले दिन जम्मू के लिए रवाना हुए। चौथे-पांचवें दिन हमने जो देखा वह भयावह था। हमारे पड़ोसियों को बेरहमी से गोली मारी गई।"
एक अन्य कश्मीरी पंडित, जो एक खदान में काम करते थे, ने खुलासा किया कि कश्मीर विद्रोह के दौरान लोगों को बेरहमी से प्रताड़ित किया गया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया। उन्होंने खुलासा किया कि कश्मीरी पंडितों के सिर में कीलें खुदी हुई थीं, उनकी आंखें निकाल दी गईं, त्वचा छील दी गई, उनके बच्चों के सामने गोली मार दी गई और महिलाओं का बेशर्मी से शोषण किया गया। उन्होंने कहा कि इसमें पुलिस भी शामिल थे।
द कश्मीर फाइल्स 11 मार्च को रिलीज़ हुई और इसमें अभिनेता अनुपम खेर, दर्शन कुमार, मिथुन चक्रवर्ती और पल्लवी जोशी ने अभिनय किया। सिर्फ तीन दिनों में फिल्म ने 27.15 करोड़ रुपये की कमाई कर ली है।
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