सिनेमाघरों में फिर छाएंगे सदाबहार देव आनंद, 30 शहरों में दिखाई जाएंगी ये 4 क्लासिक फिल्में
सदाबहार एक्टर देव आनंद अपनी कमाल की एक्टिंग के लिए जाने जाते थे। इस साल एक्टर की 100वीं जयंती मनाई जा रही है। इस मौके पर फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए कुछ खास कर रहा है।
बॉलीवुड के सदाबहार अभिनेता देव आनंद ने अपनी अदाकारी से करोड़ों दर्शकों का दिल जीता। उन्होंने सिर्फ हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में ही काम नहीं किया, बल्कि वो अंग्रेजी सिनेमा में भी अपनी एक्टिंग का जलवा दिखा चुके थे। एक्टर भले ही इस दुनिया को अलविदा कह चुके हैं, हो लेकिन उनकी फिल्में आज भी लोग बड़े मन से देखते हैं। इस साल एक्टर के जन्म को 100 साल पूरे होने वाले हैं। दिवंगत अभिनेता देव आनंद की जन्मशती के इस मौके पर इस महीने के अंत में एक फिल्म महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन (एफएचएफ) ने सोमवार को इसकी घोषणा की है।
दी जाएगी श्रद्धांजलि
अपने दमदार अभिनय के लिए पहचाने जाने वाले देव आनंद को 26 सितंबर को उनके जन्मदिवस से पहले 'देव आनंद एट द रेट 100- फॉरएवर यंग' कार्यक्रम के जरिये श्रद्धांजलि दी जाएगी। पीटीआई के अनुसार इस दो दिवसीय महोत्सव का आयोजन भारतीय राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (एनएफडीसी), भारतीय राष्ट्रीय फिल्म पुरालेख (एनएफएआई) और पीवीआर आइनॉक्स साथ मिलकर कर रहे हैं। बता दें, 'हम दोनों', 'तेरे घर के सामने', 'सीआईडी' और 'गाइड' जैसी फिल्मों में देव आनंद के काम को आज भी सराहा जाता है।
दिखाई जाएंगी ये चार फिल्में
सदाबहार अभिनेता देव आनंद की जयंती के मौके पर आयोजित हो रहा यह महोत्सव 23 और 24 सितंबर को भारत के 30 शहरों और 55 सिनेमाघरों में आयोजित किया जाएगा। एफएचएफ ने इस महोत्सव में दिवंगत अभिनेता की फिल्म 'सीआईडी' (1956), 'गाइड' (1965), 'ज्वैल थीफ' (1967) और 'जॉनी मेरा नाम' (1970) को प्रस्तुत करने की योजना बनाई है। मुंबई, अहमदाबाद, हैदराबाद, तिरुवनंतपुरम, चेन्नई, बेंगलुरु, लखनऊ, कोलकाता, गुवाहाटी, इंदौर, जयपुर, नागपुर, नयी दिल्ली, ग्वालियर, राउरकेला, कोच्चि और मोहाली सहित विभिन्न शहरों के दर्शक देव आनंद की इन यादगार फिल्मों को बड़े पर्दे पर 4के रिजॉल्यूशन में देख पाएंगे।
सहेज कर रखी गई थीं ये फिल्में
एफएचएफ के संस्थापक शिवेन्द्र सिंह डूंगरपुर ने एक बयान में कहा, 'हम उनकी यादगार फिल्मों की स्क्रीनिंग कर उन्हें श्रद्धांजलि देना चाहते हैं। ये फिल्में मेरी पसंदीदा फिल्मों में से हैं क्योंकि मैं गोल्डी आनंद (विजय आनंद) को भारतीय सिनेमा के सबसे स्टाइलिश निर्देशकों में से एक मानता हूं।' उन्होंने कहा, 'यह महोत्सव एफएचएफ और एनएफडीसी-एनएफएआई के बीच महत्वपूर्ण सहयोग को दर्शाता है। एनएफडीसी-एनएफएआई ने ही इन फिल्मों को सहेज कर रखा था और हमारे साथ साझेदारी कर उन्होंने हमें इन फिल्मों की प्रस्तुति करने में सक्षम बनाया।'
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