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Hindi News मनोरंजन बॉलीवुड 16 फिल्मों में बनीं देवी, ग्लैमरस रोल में भी रहा जलवा, बाद में कहलाईं 'बॉलीवुड की मां'

16 फिल्मों में बनीं देवी, ग्लैमरस रोल में भी रहा जलवा, बाद में कहलाईं 'बॉलीवुड की मां'

14 साल की उम्र में शादी करने वाली ये एक्ट्रेस फिल्मों में 'मां' के रोल के लिए फेमस थी। फिल्मी पर्दे पर दिग्गज अभिनेता अमिताभ बच्चन की मां का किरदार कई बार निभाने वाली निरूपा रॉय ने शुरुआती दौर में ग्लैमरस रोल भी किए।

Nirupa Ray- India TV Hindi Image Source : X बॉलीवुड की मां

बॉलीवुड की मशहूर ऑन स्क्रीन मां और दिवंगत अभिनेत्री निरूपा रॉय का जन्म 4 जनवरी, 1931 को गुजरात के वलसाड में हुआ था। आज उनकी 93वीं जयंती है। वह कई फिल्मों में नजर आ चुकी और सुपर स्टार अमिताभ बच्चन सहित कई नायकों की ऑन स्क्रीन मां के रूप में प्रसिद्ध हुईं, जिसके कारण उन्हें 'बॉलीवुड की मां' कहा जाता था। फिल्मों में 'मां' के रोल के लिए फेमस रहीं निरूपा रॉय ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत गुजराती फिल्मों से की। अपने पांच दशक लंबे करियर में उन्होंने लगभग 300 फिल्मों में एक्टिंग की। फिल्मों में आने से पहले निरूपा का असली नाम कांता चौहान था।

बॉलीवुड की मां थीं धार्मिक फिल्मों की 'रानी'

निरूपा रॉय का नाम सुन उनकी ममता से लेकर मासूम चेहरा तक, सभी के आंखों के सामने आ जाता है। लेकिन, 'बॉलीवुड की मां' बन फेमस हुई निरूपा के ग्लैमरस अवतार भी कभी चर्चा में रहे हैं। मां के रोल में निरूपा रॉय को तो हर किसी ने देखा है, लेकिन बहुत कम लोगों को पता है कि उन्होंने 16 फिल्मों में देवी का किरदार भी निभाया था, जिसके कारण लोग उन्हें सच में देवी मान कर पूजा करने लगे थे। हिंदी सिनेमा की दिग्गज अभिनेत्री निरूपा रॉय को 50 के दशक की धार्मिक फिल्मों की 'रानी' माना जाता था। सिनेमा जगत और फैंस के लिए सबसे दुखद बात ये थी कि निरूपा राय का 13 अक्टूबर 2004 को निधन हो गया और 4 जनवरी को उनके जन्मदिन पर फिल्म इंडस्ट्री उन्हें खास अंदाज में श्रद्धांजलि देते हैं।

किरदार ही बन गया असली पहचान

'दीवार' और 'अमर अकबर एंथनी' सहित कई फिल्मों में अमिताभ बच्चन की मां के रूप में निरूपा रॉय को कोई नहीं भूल सकते हैं। वहीं कई फिल्मों में बतौर मेन लीड ग्लैमरस रोल से लोगों को अपना दीवाना बना चुकी निरूपा ने फिल्म इंडस्ट्री में आने के बाद अपना नाम बदल लिया। उनकी इस शानदार सफलता के पीछे उनके पति का हाथ था। पति के कहने पर निरूपा ने पहली गुजराती फिल्म 'रनकदेवी' की थी। वहीं 'हमारी मंजिल' उनकी पहली हिंदी फिल्म थी। 1953 में रिलीज हुई बिमल राय की 'दो बीघा जमीन' उनके लिए मील का पत्थर साबित हुई। 90के दशक के में रिलीज हुई फिल्म 'लाल बादशाह' में वो आखिरी बार अमिताभ बच्चन की मां के किरदार में नजर आई थी। निरूपा राय निधन के बाद भी अपने किरदारों के लिए ही जानी जाती है।

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