आप की अदालत: ‘हमारी संस्कृति, हमारे सनातन, हमारे भगवान को टारगेट न करें’, बॉलीवुड को धीरेंद्र शास्त्री की सलाह
बागेश्वर धाम प्रमुख ने कहा कि सनातन के खिलाफ कोई फिल्म बनाओ तो भगवान के चरणों में और माता-पिता-गुरू के प्रति लोगों की आस्था कम हो जाए, इसलिए बार बार हमारी संस्कृति, हमारे सनातन और हमारे भगवान को टारगेट न किया जाए।
नई दिल्ली: बागेश्वर धाम के मुख्य पुजारी और कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बॉलीवुड के फिल्म निर्माताओं से कहा है कि वे अपनी फिल्मों में ‘हमारी संस्कृति, हमारे सनातन, हमारे भगवान को टारगेट न करें।’ रजत शर्मा के शो 'आप की अदालत' में सवालों के जवाब देते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, ‘हमारे सनातन में भगवा रंग ही है. एक फिल्म 1987-88 को आसपास आई थी 'जय सन्तोषी मां', फिल्म आने के बाद लोगों की भावनाएं इतनी बढ़ीं कि शुक्रवार के दिन टमाटर और नींबू बिकना कम हो गया।’
शास्त्री ने कहा, ‘सनातन के खिलाफ कोई फिल्म बनाओ तो भगवान के चरणों में और माता-पिता-गुरू के प्रति लोगों की आस्था कम हो जाए, इसलिए बार बार हमारी संस्कृति, हमारे सनातन और हमारे भगवान को टारगेट न किया जाए।’ जब रजत शर्मा ने पूछा, 'आपने बिना देखे फैसला कर लिया कि भगवान राम और सनातन को टारगेट किया गया', तो धीरेंद्र शास्त्री का उत्तर था, 'अब भगवा रंग को तो देखने की जरूरत ही नहीं। खून ही भगवा है।' 'आप की अदालत' में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को आप एक बार फिर रविवार सुबह रिपीट टेलीकास्ट में देख सकते हैं।
रजत शर्मा- 'तो भगवा रंग से आपको क्या प्रॉब्लम है?'
शास्त्री - 'कोई प्रॉब्लम नहीं है, प्रेम है।'
रजत शर्मा - 'ये जो रंग से किसी धर्म को जोड़ना, ये तो ठीक नहीं है, ये देश तिरंगे का देश है और तिरंगे में तीनों रंग है और सब रंगों का सम्मान होना चाहिए।'
शास्त्री - 'भगवा रंग क्यों, हरा रंग भी तो बेशर्म हो सकता है?'
रजत शर्मा - 'देखिए, आप रंग के नाम पर फिल्मों का विरोध करते हैं, आप कहते हैं , ये फिल्म नहीं चलने देंगे।'
शास्त्री - 'हम सनातनियों के विरोध का विरोध करते हैं, किसी रंग से, किसी व्यक्ति से, किसी समुदाय से हमारा कोई विरोध नहीं, केवल सनातन के विरोधी से हमारा विरोध है, वो किसी बिरादरी, समुदाय या समाज से क्यों न हो।'
रजत शर्मा - 'आपको ये भी समझना होगा कि जिस फिल्म का आप विरोध कर रहे थे, उस फिल्म को करोड़ों ने देखा और वो सुपरहिट फिल्म हुई।'
शास्त्री - 'होनी भी चाहिए। हमने सुना, सुधार भी किया उसमें। सुधार करके कोई करे तो फिल्मों से हमारा कोई विरोध नहीं है, क्योंकि वो एक कला है और कला के प्रति हमारा सम्मान है।'
रजत शर्मा - 'वही होना भी चाहिए लेकिन आप तो बार बार आमिर खान की फिल्म का जिक्र करते हैं?'
शास्त्री - क्योंकि वो 'पीके' वाली फिल्म बना करके, भगवान को गाल पर चिपका करके, शंकर जी को बाथरूम में बंद करता है, तो क्या ये सही है? जिसके प्रति हमारी आस्था है, लाखों लोगों की आस्था है, उसके साथ ऐसा मजाक किया जाए, भगवान के प्रति ऐसा खिलवाड़ किया जाए, ये सही है? और अगर उसके खिलाफ बात कहना विरोध है, तो हम मरते दम तक विरोध करेंगे।'
रजत शर्मा - 'आपकी उम्र कम है, फिल्मों का इतिहास भी आप नहीं जानते, एक फिल्म आई थी 'बैजू बावरा', उसमें एक भजन था - 'मन तरपत हरि दर्शन को आज', उसे शकील बदायूनी ने लिखा, संगीत दिया नौशाद ने, और गाया मोहम्मद रफी ने।'
शास्त्री - 'हम आपसे बहुत ही विनम्रतापूर्वक कह रहे हैं, हम किसी समुदाय के विरोधी नहीं है, हम रहीम को मानने वाले और कबीर का सम्मान करने वाले हैं, हम शेख मुबारक के साथ दोस्ती निभाने वाले हैं।'
रजत शर्मा - "जिन आमिर खान का आप जिक्र कर रहे हैं, उन्होने जब 'लगान' फिल्म बनाई तो उस फिल्म में जो भजन था, वो जावेद अख्तर ने लिखा और रहमान ने उसका संगीत दिया".
शास्त्री - "तो उसके प्रति हमारा सम्मान है। हमने उसे देखा नहीं है अभी तक, लेकिन उसके प्रति हमारा सम्मान है। उसके प्रति हमारा कोई वीडियो अगर विरेध में मिले तो दिखा देना। हमारा विरोध उस गाने (पठान फिल्म) के प्रति है। हमारा तो फंडा साफ है, सनातन। सनातन पर अगर कोई उंगली उठाएगा, तो इधर से भी डायरेक्ट जाएगा। हमारा जन्म सनातन के लिए हुआ, हमारा जीवन सनातन के लिए है, हम मरेंगे भी सनातन के लिए।"
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