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Hindi News मनोरंजन बॉलीवुड फिल्मों में लगा महाफ्लॉप का ठप्पा, छोटे पर्दे पर बनीं हिट का फॉर्मूला, कभी 50 रुपये कमाने के लिए 15 किलोमीटर चलती थी ये हीरोइन

फिल्मों में लगा महाफ्लॉप का ठप्पा, छोटे पर्दे पर बनीं हिट का फॉर्मूला, कभी 50 रुपये कमाने के लिए 15 किलोमीटर चलती थी ये हीरोइन

फिल्मी परिवार से आई एक हसीना की फिल्मों में मेगा एंट्री हुई। बड़े कलाकारों के साथ ही करियर की शुरुआत में काम मिला, लेकिन फिल्में सफल नहीं हुईं। फिर कुछ ऐसा हुआ कि एक्ट्रेस ने फिल्मों से किनारा कर लिया और टीवी की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई।

Rupali ganguly- India TV Hindi Image Source : INSTAGRAM एक शो के सीन में रुपाली गांगुली।

बॉलीवुड में कई ऐसे सितारों एक्टर आए जिनका सिक्का फिल्मी दुनिया में नहीं चला। इसके बाद उन्हें अपने लिए टीवी की दुनिया को चुन्ना पड़ा। फिल्मों फ्लॉप रहे ऐसे कई सितारे हैं जो टीवी के पर्दे पर सुपरहिट साबित हुए। ऐसी ही एक एक्ट्रेस हैं जिन्होंने फिल्मों से करियर की शुरुआत की लेकिन उन्हें खास सफलता नहीं मिली। कास्टिंग काउच का शिकार हुआ और फिर फिल्मी दुनिया छोड़ टीवी का दामन थाम लिया। इसके बाद ऐसी किस्मत चमकी कि टीवी की टॉप स्टार बन गई और अब सालों से छोटे पर्दे पर राज कर रही हैं। जिस एक्ट्रेस की हम बात कर रहे हैं उस पर्दे पर अनुपमा के नाम से घर-घर में जाना जाता है। जी हां, रुपाली गांगुली ने फिल्मों से करियर की शुरुआत की थी। एक्ट्रेस ने 8 साल की उम्र में काम करना शुरू कर दिया था, वह पहले सिर्फ 50 रुपये कमाती थी। हालांकि, अब वह एक एपिसोड के लिए लाखों चार्ज करती हैं। 

बचपन में ही मिली फिल्मों में काम

रुपाली गांगुली फिल्मी परिवार से आती हैं। बॉलीवुड फिल्म निर्माता अनिल गांगुली की वो बेटी हैं। अभिनेत्री ने अपने करियर की शुरुआत अपने पिता की फिल्म 'साहेब' से की थी। इस फिल्म में वो एक चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में नजर आई थीं। उस दौरान रुपाली सिर्फ 8 साल की थीं। बचपन में ही वो 'मेरा यार मेरा दुश्मन' में भी नजर आईं। इसके अलावा भी कई फिल्में कीं। एक समय ऐसा भी आया जब रुपाली के परिवार को मुश्किल दौर देखना पड़ा। आर्थिक तंगी ने उनकी जिंदगी को मुश्किल बना दिया। धर्मेंद्र अभिनीत 'दुश्मन देवता' सहित कुछ असफल फिल्में बनाने के बाद उनके पिता ने अपना सारा पैसा दांव पर लगा दिया और वो डूब गया। परिवार के हालातों के देखते हुए रुपाली गांगुली ने थिएटर में काम करना शुरू किया। पैसे बचाने के लिए वो 15 किलोमीटर पैदल चल लिया करती थीं। 

मुश्किल था एक्ट्रेस के लिए वो दौर

एक्ट्रेस ने माशाबले इंडिया के साथ एक इंटरव्यू में बताया, 'पृथ्वी थिएटर में मेरा पहला नाटक 'आत्मकथा' था, दिनेश ठाकुर ने बनाया था। मुझे नाटक के लिए 50 रुपये ही मिलते थे। कभी-कभी मुझे एक समोसा भी मिलता था। इतना ही मेरे लिए काफी था।' अभिनेत्री ने बड़े होने के बाद बॉलीवुड में अपनी किस्मत आजमाने के लिए 'दो आंखें बारह हाथ' और 'अंगारा' जैसी फिल्मों में काम किया। दोनों ही फिल्में बड़ी फ्लॉप साबित हुईं। फिल्में छोड़ने की वजह बताते हुए रुपाली गांगुली ने कहा, 'मैंने फिल्मों में अच्छा प्रदर्शन न करने के चलते फिल्में नहीं छोड़ीं। उस समय इंडस्ट्री में मुख्य रूप से कास्टिंग काउच मौजूद था। हो सकता है कि कुछ लोगों को इसका सामना न करना पड़ा हो, लेकिन मेरे जैसे लोगों को इसका सामना करना पड़ा और इसी के चलते मैंने फिल्में छोड़ने का फैसला किया। फिर भी आपको असफल माना जाता है क्योंकि आप एक फिल्मी परिवार से आते हैं।'

इन टीवी शोज से बनीं स्टार

रुपाली गांगुली ने अपना टीवी डेब्यू शो सुकन्या से किया। साल 2000 में ये प्रसारित हुआ। इस शो ने एक्ट्रेस को खास पहचान नहीं दिलाई। इसके बाद रुपाली गांगुली साल 2003 में मेडिकल ड्रामा 'संजीवनी: ए मेडिकल बून' में डॉ. सिमरन चोपड़ा की भूमिका निभाकर छोटे पर्दे पर छा गईं। ये उनके लिए बड़ा ब्रेक साबित हुआ।। वह अपने शो 'साराभाई वर्सेस साराभाई' से भी घर-घर में मशहूर हुईं, जिसमें उन्होंने मोनिशा की भूमिका निभाई, जिसे आज भी दर्शक पसंद करते हैं। इसके बाद एक्ट्रेस ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। इसके बाद उन्होंने 'कहानी घर घर की', 'काव्यांजलि', 'एक पैकेट उम्मीद', 'सपना बाबुल का...बिदाई' और 'बा बहू और बेबी' जैसे कई हिट शो में काम किया। बेटे के जन्म के बाद लंबा ब्रेक लिया और फिर 'अनुपमा' से छोटे पर्दे पर वापसी की। लोगों को लगा कि लोग उन्हें 5 सालों में भूल गए होंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने एक बार फिर अपनी एक्टिंग से लोगों का दिल जीत लिया और चीवी की क्वीन बन गई।

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