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Hindi News मनोरंजन बॉलीवुड मुट्ठीभर था बजट तो खुद डायरेक्टर ने ही किया लीड रोल, फिर फिल्म ने चमकाई किस्मत, 2 गुनी हुई थी कमाई

मुट्ठीभर था बजट तो खुद डायरेक्टर ने ही किया लीड रोल, फिर फिल्म ने चमकाई किस्मत, 2 गुनी हुई थी कमाई

साल 2011 में आई फिल्म 'स्टेनली का डब्बा' की कहानी ने सभी की आंखें नम कर दी थीं। साथ ही इस फिल्म की कमाई ने भी सभी को चौंका दिया था। मुट्ठीभर बजट से बनी ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर दोगुना कमाई करने में सफल रही थी। साथ ही फिल्म ने कई अवॉर्ड भी अपने नाम किए थे।

amul gupte- India TV Hindi Image Source : INSTAGRAM स्टेनली के डब्बा का हीरो

बॉलीवुड फिल्मों का भविष्य उनके बॉक्स ऑफिस प्रदर्शन पर तय होता है। लेकिन कई बार अच्छी से अच्छी फिल्म भी बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हो जाती है तो साधारण सी फिल्म कमाई के मामले में सभी को चौंका देती है। ऐसी ही एक फिल्म साल 2011 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म का बजट बहुत कम था तो डायरेक्टर को ही लीड रोल करना पड़ा। लेकिन जब ये फिल्म रिलीज हुई तो 2 गुना कमाई कर सभी को चौंका दिया। इसके साथ ही इस फिल्म की कहानी ने सभी को भावुक भी किया था। इस फिल्म को लेकर डायरेक्टर ने काफी तारीफें भी बटोरी थी। हम बात कर रहे हैं फिल्म 'स्टेनली का डब्बा' की। 13 मई 2011 को रिलीज हुई फिल्म स्टेनली का डब्बा को डायरेक्टर अमूल गुप्ते ने डायरेक्ट किया था। 4 करोड़ 50 लाख रुपयों से बनी इस फिल्म ने कमाई के मामले में सभी को चौंका दिया था। इस फिल्म ने 7 करोड़ 63 लाख रुपयों का कलेक्शन किया था। 

बच्चों से भरी थी स्टारकास्ट

फिल्म में डायरेक्टर अमूल गुप्ते ने खुद ही टीचर का किरदार निभाया था। फिल्म की कहानी एक शिक्षक की थी, जो स्कूल में बच्चों का टिफिन खाया करता था। तभी एक छोटे बच्चे स्टेनली की एंट्री होती है। स्टेनली छोटा बच्चा है जिस पर शिक्षक खाना देने का दबाव बनाता है। भुखमरी से जूझ रहे बच्चों की ये कहानी कहती फिल्म लोगों की आंखें नम कर गई थी। फिल्म को लेकर लोगों ने खूब तारीफ की थी। डायरेक्टर अमूल गुप्ते के बेटे ने ही बच्चों में लीड किरदार निभाया था। फिल्म में ज्यादातर कास्टिंग बच्चों की थी। 

डायरेक्टर ने कहा था शुक्रिया

वहीं फिल्म के काफी पसंद किए जाने पर डायरेक्टर अमूल गुप्ते ने मनी कंट्रोल को इंटरव्यू दिया था। इस इंटरव्यू में डायरेक्टर ने फिल्म की तारीफ करने वालों को धन्यवाद कहा था। इस इंटरव्यू में अमूल गुप्ते ने कहा, 'हर डब्बे में खाना होता है। साथ ही हर खाने की भी एक कहानी हमें मिल जाएगी। हमने फिल्मों में बच्चों और भूख का कॉन्सेप्ट दिखाने की कोशिश की। लोगों ने हमारे इस प्रयास को सराहा और प्यार दिया इसके लिए मैं तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूं। ये फिल्म हमने मिलकर बनाई है। मेरे बेटे के साथ मैंने खुद भी फिल्म में एक्टिंग की है। साथ ही मेरी वाइफ और मैं फिल्म के प्रोड्यूसर भी हैं। ये फिल्म आपकी आंखें नम कर देगी।’ इस फिल्म को बेहतरीन कहानियों में शामिल किया जाता है। भारत के साथ इस फिल्म ने कई इंटरनेशनल अवॉर्ड भी अपने नाम किए थे। 

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