हिन्दी फिल्म 'द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल' (The Diary of West Bengal) का ट्रेलर रिलीज हो गया। इसके सामने आते ही बवाल मच गया है। फिल्म के निर्देशक को पश्चिम बंगाल पुलिस ने लीगल नोटिस दिया है। फिल्म के जरिये बंगाल को बदनाम करने की कोशिश का आरोप लगाया है।
ममता सरकार पर आधारित है फिल्म
फिल्म के ट्रेलर को देखकर ये साफ है की फिल्म पूरी तरह से ममता बनर्जी सरकार पर फोकस कर रही है। फिल्म के ट्रेलर की शुरुआत में ही CAA और NRC का जिक्र हो रहा है। फिल्म में हिंदुओं के साथ हुए अन्याय की कहानी दिखाई जा रही है। फिल्म में रोहिंग्या और कट्टरपंथी समुदायों का भी जिक्र किया गया है।
रोहिंग्या समुदाय का है जिक्र
पूरी कहानी रोहिंग्या समुदाय को गलत तरीके से बसाए जाने की कहानी दिखाई गई है। इसके साथ ही पश्चिम बंगाल की तुलना कश्मीर से की जा रही है। फिल्म में ममता बनर्जी के किरदार को विलन की तरह दिखाया गया है। फिल्म के ट्रेलर में दिखाया गया है कि हिंदुओं के साथ लगातार पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार अन्याय कर रही है।
पहले ही दिया डिस्क्लेमर
फिल्म के ट्रेलर की शुरुआत में ही डिस्क्लेमर दिया गया है, जिसमें लिखा है, 'इस फिल्म/ट्रेलर में प्रदर्शित सभी घटनाएं और तथ्य सत्य घटनाओं पर आधारित हैं। फिल्म का उद्देश्य किसी भी जाति, धर्म अथवा समूह की भावनाओं को आहत करने का नहीं है। फिल्म का उद्देश्य जन जागरण है। हम किसी व्यक्ति विशेष की भावनाओं को आहत करने का इरादा नहीं रखते।'
जितेंद्र नारायण हैं निर्माता
बता दें, वसीम रिजवी फिल्म्स के बैनर तले बनी फिल्म The Diary of West Bengal के निर्माता जितेंद्र नारायण सिंह हैं। वहीं इस फिल्म के लेखक निर्देशक सनोज मिश्रा हैं। इस फिल्म के को प्रोड्यूसर हैं तापस मुखर्जी व अचिन्तया बोस।
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