इस मशहूर सिंगर की मां का हुआ निधन, इंडस्ट्री में छाया मातम
बॉलीवुड के बेहतरीन सिंगर अदनान सामी के घर पर मातम छाया हुआ है। उनकी मां नौरीन सामी खान का 77 की उम्र में 7, अक्टूबर को निधन हो गया। ये दुखद जानकारी खुद अदनान ने अपने सोशल मीडिया पर शेयर की है।
फिल्म इंडस्ट्री से आए दिन मौत की खबरें सामने आ रही है। इसी बीच अब मशहूर सिंगर अदनान सामी की मां नौरीन सामी खान के निधन की दुखद खबर सामने आई। 90 के दशक के बेतरीन सिंगर में से एक अदनान अपने मधुर संगीत से हर किसी का दिल जीत चुके हैं। अदनान सामी ने सोमवार सुबह घोषणा करते हुए बताया कि उनकी मां बेगम नौरीन सामी खान का 77 की उम्र में 7, अक्टूबर को इंतकाल हो गया। गायक ने एक भावपूर्ण नोट लिखते हुए अपनी मां की तस्वीर भी सोशल मीडिया पर पोस्ट की है।
अदनान सामी की मां का हुआ निधन
अदनान ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर उनके निधन पर शोक जताया। उनकी मौत का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है। अदनान सामी ने लिखा, 'बहुत दुख के साथ मैं अपनी प्यारी मां बेगम नौरीन सामी खान के निधन की खबर आप सभी को दे रहा हूं... हम गहरे दुख में डूबे हुए हैं। इस खबर को सुनने के बाद से सभी को जबरदस्त झटका लगा है। वह एक अविश्वसनीय महिला थीं, जिन्होंने हर व्यक्ति के साथ बड़े मान-सम्मान से बात की, उनके साथ प्यार और खुशी से रहीं। हम उन्हें बहुत याद करेंगे। कृपया उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें। अल्लाह हमारी प्यारी मां को जन्नत-उल-फिरदौस में आशीर्वाद दे...आमीन।'
नौरीन सामी खान को दी श्रद्धांजलि
सोशल मीडिया पर दिल दहला देने वाली इस खबर को शेयर करने के तुरंत बाद उनके प्रशंसकों और फॉलोअर्स ने संवेदना व्यक्त की। अभिनेत्री मिनी माथुर ने उनके पोस्ट पर कमेंट किया, 'प्रिय अदनान, रोया और मदीना मुझे आपकी मां की मौत का बहुत दुख है। मैं प्रार्थना करूंगी आपके परिवार को इस दुख से निकलने के लिए शक्ति मिली और आप की मां को जन्नत नसीब हो।' गायक राघव ने लिखा, 'अल्लाह उन्हें जन्नत में सबसे अच्छी जगह दे। मां को खोने से बड़ा कोई दुख नहीं है। अल्लाह आपको इस दुख को सहने की शक्ति दे।'
कौन थे अदनान सामी के माता-पिता?
अदनान सामी का जन्म 15 अगस्त 1971 को लंदन में हुआ था और वे वहीं पले-बढ़े। उनके पिता अरशद सामी खान अफगान, पाकिस्तान के पश्तून थे, जबकि उनकी मां नौरीन खान जम्मू की थी। अदनान के पिता पाकिस्तान वायु सेना में पायलट थे और बाद में एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी बन गए, जिन्होंने 14 देशों में पाकिस्तान के राजदूत के रूप में काम किया।